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    नदी पर बना भारत का सबसे लंबा पुल, अरबों रुपये में किसने किया तैयार; इसी से चीन बॉर्डर तक पहुंच सकते हैं युद्ध टैंक

    Updated: Sun, 16 Nov 2025 02:14 PM (IST)

    भारत में 1.73 लाख से अधिक पुल हैं, जिनमें सबसे लंबा नदी पुल (Longest River Bridge in India) भूपेन हजारिका सेतु (Bhupen Hazarika Setu) है। 9.15 किमी लंबा यह पुल असम और अरुणाचल प्रदेश को जोड़ता है। 876 करोड़ रुपये की लागत से बने इस पुल का निर्माण नवयुग इंजीनियरिंग ने किया था। यह पुल पर्यटन को बढ़ावा देता है, आर्थिक उन्नति में मदद करता है।

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    भूपेन हजारिका है भारत में सबसे लंबा नदी पर बना पुल

    नई दिल्ली। क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में 1.73 लाख से भी ज्यादा पुल हैं? ये पुल अलग-अलग साइज के हैं। इनमें कई पुल काफी मशहूर हैं, क्योंकि उनका महत्व काफी ज्यादा है। इनमें हावड़ा ब्रिज और मुंबई में बना अटल सेतु शामिल हैं। अटल सेतु भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल है। मगर नदी पर बना सबसे लंबा पुल (Longest River Bridge in India) कौन सा है? आइए जानते हैं।

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    भूपेन हजारिका सेतु

    भूपेन हजारिका सेतु नदी पर बना भारत का सबसे लंबा पुल है, जो कि असम में है। इसकी कुल लंबाई 9.15 किमी है। इस पुल को ढोला-सदिया पुल के नाम से भी पहचाना जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये पुल भारत के दो राज्यों को जोड़ता है, जिनमें असम और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं।

    876 करोड़ रुपये में बना

    इस पुल (भूपेन हजारिका सेतु) को 876 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। यह पुल असम की लोहित नदी पर बना है।

    किसने बनाया भूपेन हजारिका सेतु

    भूपेन हजारिका सेतु को नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी (Navayuga Engineering Company) ने तैयार किया था। भारत सरकार और नवयुग इंजीनियरिंग ने नवंबर 2011 में एक समझौता किया था। ये समझौता एक पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप थी, जिसके तहत पुल तैयार किया गया।

    क्या है इस पुल का महत्व

    भूपेन हजारिका सेतु अपने आसपास के क्षेत्र के लिए काफी अहम रहा है। इस पुल से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिला, जिसके नतीजे में ढोला और सदिया समेत कई गांवों की आर्थिक उन्नति भी हुई। वहीं क्षेत्र के रियल एस्टेट सेक्टर को भी फायदा हुआ। इन सभी कारकों के नतीजे में यहां की इकोनॉमिक ग्रोथ में तेजी आई।

    बहुत अहम माना जाता है ये पुल

    भूपेन हजारिका सेतु एक ऐसा पुल है, जो 60 टन से ज्यादा वजन वाले भारी सैन्य और युद्धक टैंकों को संभाल सकता है। ये पुल चीन बॉर्डर तक सैन्य और युद्धक टैंक पहुंचाने के लिहाज से अहम है।

    कौन संभालता है नवयुग इंजीनियरिंग

    नवयुग इंजीनियरिंग नवयुग ग्रुप का हिस्सा है, जिसके एग्जेक्यूटिव चेयरमैन चिंता विश्वेश्वर राव हैं। वहीं इसके एमडी चिंता श्रीधर हैं। नवयुग इंजीनियरिंग ने कई पुल और अन्य प्रोजेक्ट तैयार किए हैं। इनमें कालेश्वरम-सुंदिला बैराज, दिबांग-लोहित नदी पुल, गंगा नदी पर पुल, कृष्णापट्टनम बंदरगाह और पोलावरम बांध प्रोजेक्ट शामिल हैं।

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