निवेश का काफी अच्छा ऑप्शन होता है liquid funds, जानिए रिटर्न से लेकर रिस्क तक की डिटेल
Liquid Fundsहम सभी कहीं ना कहीं पैसे निवेश करते हैं। हम जो अपने सेविंग अकाउंट में पैसे जमा करते हैं वो भी एक तरह का निवेश ही होता है। कई बार हम स्कूल/कॉलेज की फीस या फिर छुट्टियों पर जाने के लिए पैसों की कमी का सामना करते हैं। ऐसे में लिक्विड फंड हमारे लिए मददगार साबित हो सकता है। आइए लिक्विड फंड के बारे में डिटेल्स में जानते हैं।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आप भी ओवरनाइट फंड में निवेश कर सकते हैं। फाइनेशियल प्लेनर्स का मानना है कि स्कूल/कॉलेज की फीस चुकाने, छुट्टियों या फिर कोई महंगे समान खरीदने के लिए आप इस फंड में निवेश कर सकते हैं। आइए ओवरलाइट फंड के बारे में विस्तार से जानते है?
क्या होता है लिक्विड फंड ?
ओवरनाइट फंड एक तरह का पोर्टफोलियो है। इसमें आपकी निवेश राशि एक ही दिन में मैच्योर हो जाती है। वहीं अगर आप लिक्विड फंड लोन और शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो आपको 91 दिन का इंतजार करना होता है। इसके बाद ही आपकी राशि परिपक्व होती है।
लिक्विड या अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड में क्यों निवेश करना चाहिए?
अगर आप किसी बैंक के सेविंग अकाउंट में निवेश करते हैं तो आपको एक फिक्स राशि में ब्याज मिलता है। वहीं अगर आप डेट म्यूचुअल फंड के ब्याज दर की तुलना करेंगे तो आप पाएंगे कि इसमें सेविंग अकाउंट की तुलना में अच्छा रिटर्न मिलता है। आप अगर ज्यादा रिटर्न पाना चाहते हैं तो आपको लिक्विड फंड में निवेश करना चाहिए।
कितनी है लिमिट?
इन फंडों में आप 500 से कम डिपॉजिट कर सकते हैं। अगर आप 7 दिन से कम का निवेश करते हैं या फिर 7 दिन के भीतर ही लिक्विड फंड से पैसे निकाल देते हैं तब आपके निवेश राशि से 0.0070 फीसदी से 0.0045 फीसदी तक का ग्रेडेड एग्जिट लोड लग सकता है। हर लिक्विड फंड का ग्रेडेड एग्जिट लोड कम होता है।
कितना रिटर्न मिलता है?
लिक्विड फंड में कई कैटिगरी होती है। इसमें आप 6 फीसदी से ज्यादा रिटर्न पाने की उम्मीद कर सकते हैं। अगर आप कार्य दिवस में पैसे की निकासी के लिए आवेदन देते हैं तो आपके अरकाउंट में अगले दिन तक पैसे आ जाते हैं। इसका मतलब है कि आपको ज्यादा इंतजार करने की जरूरत नहीं होती है।
कितना है रिस्क?
वित्तीय योजनाकार के अनुसार म्यूचुअल फंडों में लिक्विड फंडों को सबसे कम जोखिम होता है। इसे कम अस्थिरता वाला माना जाता है। निवेशक क्रेडिट रेटिंग (पी1+) वाले फंडों में ही निवेश करना पसंद करते हैं। अगर आप इस फंड को तीन साल से पहले बेच देते हैं तब आपको इस पर टैक्स देना होता है।
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