बाजार जोखिम के आगे कितना 'मजबूर' है आपका Mutual Fund, पैसा लगाने से पहले समझ लें सारे नियम
निवेशक शेयर बाजार में भले ही निवेश न करें लेकिन म्यूचुअल फंड में निवेश जरूर करते हैं। म्यूचुअल फंड कंपनियां आपके निवेश किए हुए पैसों को इक्विटी बॉन्ड सरकारी प्रतिभूतियों सोना और अन्य परिसंपत्तियों में निवेश करती है। लेकिन क्या आपको पता है कि म्यूचुअल फंड बाजार जोखिमों के अधीन क्यों होते हैं। आज हम आपको इसी सवाल का जवाब देंगें।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: आपने म्यूचुअल फंड के विज्ञापन के अंत में कई बार एक फॉर्स्ट फॉरवर्ड स्पीड में सुना होगा कि “म्यूचुअल फंड बाजार जोखिमों के अधीन हैं...”। क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर म्यूचुअल फंड बाजार जोखिमों के अधीन क्यों हैं।
म्यूचुअल फंड प्रतिभूतियों के विविध पोर्टफोलियो में निवेश करते हैं। इन प्रतिभूतियों के मूल्य में बाजार की स्थितियों, आर्थिक संकेतकों और निवेशक भावना सहित विभिन्न कारकों के आधार पर उतार-चढ़ाव होता है।
क्या होता है म्यूचुअल फंड?
म्यूचुअल फंड निवेश का माध्यम होता है, जो निवेशकों से धन एकत्र करता है और इक्विटी, बॉन्ड, सरकारी प्रतिभूतियों, सोना और अन्य परिसंपत्तियों में निवेश करता है। म्यूचुअल फंड कंपनियां एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (एएमसी) या फंड हाउस बनाती हैं, जो निवेशकों से पैसा इकट्ठा करती हैं, निवेश का प्रबंधन करती हैं और निवेशकों के लेनदेन को सक्षम बनाती हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जहां म्यूचुअल फंड बाजार जोखिम उठाते हैं, वहीं वे पेशेवर प्रबंधन और विविधीकरण का लाभ भी प्रदान करते हैं। फंड मैनेजरों का लक्ष्य बाजार के उतार-चढ़ाव से निपटना और लंबी अवधि में रिटर्न को अनुकूलित करना है।
निवेशकों को म्यूचुअल फंड या किसी अन्य निवेश माध्यम में निवेश करने से पहले अपनी जोखिम सहनशीलता और निवेश उद्देश्यों पर सावधानीपूर्वक विचार करना चाहिए।
कितने तरह के होते हैं म्यूचुअल फंड?
आपको बता दें कि म्यूचुअल फंड दो तरह के होते हैं, पहला ओपन-एंडेड फंड म्यूचुअल फंड और दूसरा क्लोज-एंडेड म्यूचुअल फंड
ओपन-एंडेड फंड म्यूचुअल फंड: ओपन-एंडेड फंड म्यूचुअल फंड वैसे फंड होते हैं जो आपको किसी भी समय निवेश करने और निवेश भुनाने की अनुमति देते हैं, यानी वे स्थायी प्रकृति के होते हैं। वे प्रकृति में तरल हैं और किसी विशिष्ट निवेश अवधि के साथ नहीं आते हैं।
क्लोज-एंडेड म्यूचुअल फंड: क्लोज-एंडेड म्यूचुअल फंड की एक निश्चित परिपक्वता तिथि होती है। आप केवल नए फंड ऑफर के समय ही निवेश कर सकते हैं। ऐसे फंड को रिडीम केवल परिपक्वता पर ही किया जा सकता है।
इन कारणों से म्यूचुअल फंड बाजार जोखिमों के अधीन है
बाजार में अस्थिरता
शेयर बाजार और बॉन्ड बाजार में उतार चढ़ाव लगा रहता है। कभी मार्केट से निवेशकों को मुनाफा होता है तो कभी नुकसान भी होता है और इसी वजह से व्यक्तिगत प्रतिभूतियों की कीमतें बढ़ती और गिरती हैं।
यह अस्थिरता म्यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो के मूल्य को असर करती है और जिसकी वजह से निवेशकों द्वारा रखी गई इकाइयों या शेयरों पर इसका असर होता है।
इकोनॉमिक फैक्टर
इकोनॉमिक फैक्टर जैसे ब्याज दर, मुद्रास्फीति, जीडीपी वृद्धि और कॉर्पोरेट आय, प्रतिभूतियों के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती हैं। इन कारकों में बदलाव से म्यूचुअल फंड के निवेश के मूल्य में उतार-चढ़ाव हो सकता है।
सेक्टर स्पेसिफिक रिक्स
म्यूचुअल फंड को अक्सर स्पेसिफिक क्षेत्रों या उद्योगों में निवेश किया जाता है। सरकारी नियमों में बदलाव, तकनीकी प्रगति या भू-राजनीतिक घटनाओं जैसे फैक्टर, कुछ क्षेत्रों के प्रदर्शन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं, जिससे म्यूचुअल फंड को संभावित नुकसान हो सकता है।
मार्केट सेंटिमेंट
बाजार की चाल को तय करने में निवेशक की भावना महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बाजार सहभागियों की भावनाएं, धारणाएं और व्यवहार खरीद या बिक्री को प्रभावति करते हैं।
तरलता जोखिम
म्यूचुअल फंड द्वारा रखे गए कुछ निवेशों में सीमित तरलता हो सकती है, इसका मतलब उनके बाजार मूल्य को प्रभावित किए बिना उन्हें आसानी से नकदी में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है।
बाजार के तनाव या बढ़े हुए रिडीमप्शन अनुरोधों के समय में, म्यूचुअल फंड को इन मांगों को पूरा करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे संभावित रूप से इसके प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है।