GST Rate Cut के बावजूद LED TV की कीमतें फिर बढ़ेंगी, अब ये कौन सी मुसीबत आन पड़ी?
भारत में एलईडी टीवी (LED TV Price Hike in India) की कीमतें आने वाले हफ्तों में 5-7% तक बढ़ सकती हैं, जिसका मुख्य कारण फ्लैश मेमोरी चिप्स की वैश्विक कमी है। यह कमी एआई डेटा सेंटर्स के लिए जरूरी मेमोरी की ओर उत्पादन मोड़ने से आई है। त्योहारों का सीजन खत्म होने और इन्वेंट्री कम होने के कारण निर्माताओं को बढ़ी लागत उपभोक्ताओं पर डालनी होगी।

नई दिल्ली। भारत में LED टीवी की कीमतें (LED TV Price Hike in India) आने वाले हफ्तों में 5-7 फीसदी तक बढ़ सकती हैं। इंडस्ट्री सूत्रों के मुताबिक इसके पीछे की वजह फ्लैश मेमोरी चिप्स की वैश्विक कमी है। यह कमी बड़े सेमीकंडक्टर निर्माता अपनी उत्पादन क्षमता को एआई डेटा सेंटर्स के लिए जरूरी हाई-बैंडविड्थ मेमोरी (एचबीएम) और एसएसडी में इस्तेमाल होने वाली नैनड फ्लैश की ओर मोड़ने की वजह से आ रही है।
बिजनेस लाइन अखबार के मुताबिक एक प्रमुख कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, “पिछले तिमाही में फ्लैश मेमोरी की कीमतें 15-20 फीसदी तक बढ़ चुकी हैं। इसका सीधा असर LED टीवी के पैनल और मदरबोर्ड की लागत पर पड़ रहा है।”
उत्पादन प्राथमिकताओं में बदलाव
सैमसंग, एसके हाइनिक्स और माइक्रॉन जैसे वैश्विक चिपमेकर अपनी लाइनें एआई के लिए खास मेमोरी बनाने में लगा रहे हैं। इससे कंज्यूमर ग्रेड नैनड फ्लैश की सप्लाई कम हो गई है, जो LED टीवी, स्मार्टफोन और दूसरे गैजेट्स के लिए जरूरी है।
मार्केट रिसर्च फर्म ट्रेंडफोर्स के मुताबिक, 2025 की तीसरी तिमाही में नैनड फ्लैश की कॉन्ट्रैक्ट कीमतें 10-15 फीसदी बढ़ीं और चौथी तिमाही में और इजाफा होने की उम्मीद है।
भारतीय बाजार पर असर
भारत जैसे कीमत-संवेदनशील बाजार सप्लाई चेन की ऐसी रुकावटों से खासा प्रभावित होता है। त्योहारी सीजन खत्म हो चुका है और इन्वेंट्री कम बची है, ऐसे में निर्माताओं के पास लागत सोखने की गुंजाइश बहुत कम है।
गोडरेज एप्लायंसेज के बिजनेस हेड और एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट कमल नंदी ने कहा कि “ब्रांड्स को यह बढ़ी लागत उपभोक्ताओं पर डालनी पड़ेगी। 32 से 55 इंच के LED टीवी मॉडल्स में नवंबर मध्य तक 5-7 फीसदी की बढ़ोतरी संभव है।”
इन्वेंट्री और सप्लाई चेन की चिंता
बजट और मिड-रेंज LED टीवी के स्टॉक रिटेलर्स के पास उम्मीद से तेज खत्म हो रहे हैं। कोडक और थॉमसन टीवी के भारत में एक्सक्लूसिव लाइसेंसी एसपीपीएल के सीईओ अवनीत सिंह मारवाह ने कहा कि, “सप्लायर्स ने बताया है कि 2025 की चौथी तिमाही में फ्लैश मेमोरी का आवंटन पिछले साल की तुलना में 20-25 फीसदी कम होगा।”
लंबी अवधि का नजरिया
इंडस्ट्री विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक चिपमेकर उत्पादन क्षमता बढ़ाएं या एआई की मांग स्थिर न हो, यह कमी 2026 तक बनी रह सकती है। काउंटरपॉइंट रिसर्च के एक विश्लेषक ने कहा, “एआई इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार कई सालों का ट्रेंड है। नई फैब्स ऑनलाइन आने तक कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स को सप्लाई की दिक्कतें झेलनी पड़ेंगी।” इस बीच ब्रांड्स लोकल असेंबली बढ़ाने और सप्लायर्स को विविध बनाने जैसे विकल्प तलाश रहे हैं, लेकिन ये कदम लागू होने में वक्त लेंगे।
उपभोक्ताओं पर असर
उपभोक्ताओं को 43 इंच के LED टीवी के लिए 1,500 से 3,000 रुपये ज्यादा चुकाने पड़ सकते हैं, जो फिलहाल 25,000 से 35,000 रुपये के बीच मिल रहा है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर पिछले हफ्ते ही कुछ मॉडल्स की कीमतों में 3-4 फीसदी की मामूली बढ़ोतरी दिखने लगी है।

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