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    भारत में जन्में, खड़ा किया खरबों का कारोबार; आज लंदन में बिता रहे जीवन; कौन हैं ये दो दिग्गज अरबपति

    Updated: Thu, 06 Nov 2025 02:13 PM (IST)

    अगर आप बिजनेस से जुड़ी खबरें पढ़ने में दिलचस्पी रखते हैं तो आप अनिल अग्रवाल और लक्ष्मी मित्तल को शायद जानते हों। ये भारत के दो ऐसे अरबपति हैं, जिन्होंने इंटरनेशनल मार्केट में अपना लोहा मनवाया है। एक को स्टील तो दूसरे को एल्यूमीनियम किंग कहा जाता है।

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    भारत में जन्में, खड़ा किया खरबों का कारोबार; देश छोड़ विदेशों में बिता रहे जीवन; कौन हैं ये दो दिग्गज अरबपति

    नई दिल्ली। भारत में एक से एक बड़े-बड़े बिजनेसमैन हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी बिजनेसमैन हैं जिन्होंने अपनी शुरुआत तो भारत से ही की लेकिन आज वो अलग-अलग देशों में रह रहे हैं। हम ऐसे ही दो दिग्गज उद्योगपतियों की बात करेंगे। ये ऐसे बड़े बिजनेस टाइकून हैं जिसमें से एक ने देश की मिट्टी से अपने कारोबार की शुरुआत की और विदेश जाकर व्यापार शुरू किया और आज फलक पर बैठे हैं। हम जिन दो उद्योगपतियों की बात कर रहे हैं उनके नाम है अनिल अग्रवाल और लक्ष्मी मित्तल। एक को एल्यूमीनियम किंग तो दूसरे को स्टील किंग के नाम से जाना जाता है। आज ये दोनों अरबपति भारत नहीं विदेश में ही रहते हैं।

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    वेदांता वाले अनिल अग्रवाल ने लंदन में बनाया आशियाना

    वेदांता के फाउंडर अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) ने भारत तो नहीं छोड़ा है। लेकिन वह अपनी कंपनी का इंटरनेशनल हेडक्वार्टर बनाने और वेदांता रिसोर्सेज को लंदन स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट कराने के लिए लंदन चले गए। 19 साल की उम्र में उन्होंने अपना होमटाउन बिहार छोड़ दिया था और मायानगरी मुंबई का रुख किया था। मुंबई से ही उन्होंने अपने बिजनेस की शुरुआत की और 2003 में लंदन स्टॉक एक्सचेंज में अपनी कंपनी को लिस्ट कराने वाले पहले भारतीय थे और तब से वह लंदन में ही रहते हैं।

    अनिल अग्रवाल की अभी भी भारत से मजबूत रिश्ते बनाए हुए हैं: हालांकि वह लंदन में रहते हैं। अनिल अग्रवाल कंपनियों को खरीदने में बड़े ही माहिर हैं। उन्होंने अपने बिजनेस की शुरुआत एक कंपनी को खरीदकर ही की थी। 1954 में पटना में जन्में अनिल ने 1976 में बैंक से लोन लेकर शमशेर स्टर्लिंग कॉर्पोरेशन को खरीदा और 1986 में स्टरलाइट इंडस्ट्रीज की स्थापना की। इसके बाद 1993 में, स्टरलाइट इंडस्ट्रीज तांबा गलाने वाली पहली भारतीय निजी क्षेत्र की कंपनी बनी। हाल ही में अनिल अग्रवाल ने जयप्रकाश ग्रुप की मेन कंपनी JP Associates को खरीदने की बोली जीती है। उन्होंने जेपी को खरीदने के लिए 17 हजार करोड़ रुपये की बोली लगाई है।

    आज भी अनिल अग्रवाल की वेदांता ग्रुप के बिजनेस का बड़ा हिस्सा भारत से ही आता है। अनिल अग्रवाल सोशल मीडिया पर बड़े ही एक्टिव रहते हैं। और वह हर मौके पर हिंदी में पोस्ट करके अपने अनुभव साझा करते रहते हैं। वह अपने भारतीय होने पर गर्व करते हैं और युवाओं को प्रेरणादायक संदेश देते रहते हैं।

    लक्ष्मी मित्तल ने विदेश जाकर शुरू किया बिजनेस

    जैसे अनिल अग्रवाल को एल्यूमीनियम किंग कहा जाता है ठीक वैसे ही लक्ष्मी मित्तल को स्टील किंग कहा जाता है। उनकी कंपनी ArcelorMittal दुनिया की टॉप स्टील कंपनियों में से एक है। राजस्थान में जन्में लक्ष्मी मित्तल ने 1976 में इंडोनेशिया में अपना स्टील का बिजनेस शुरू करने के लिए भारत छोड़कर चले गए। उन्होंने इंडोनेशिया में एक प्लांट खरीदकर इसकी शुरुआत की। उस समय भारत में पाबंदियों वाली आर्थिक नीतियों के कारण पारिवारिक बिजनेस से अलग होकर मित्तल अपना खुद का काम शुरू करने के लिए इंडोनेशिया गए थे।

    इंडोनेशिया के सुराबाया में एक स्टील प्लांट, PT इस्पात इंडो खरीदा। यह उनके ग्लोबल स्टील एम्पायर बनाने की यात्रा की शुरुआत थी, जो परिवार के घरेलू कामकाज से अलग था। अनिल अग्रवाल की तरह लक्ष्मी मित्तल भी लंदन में रहते हैं। हालांकि, मित्तल ने कई देशों में अपने आशियाना बना रखा है। लेकिन ज्यादातार वह लंदन में रहते हैं। इसी साल उन्होंने दिल्ली में भी घर खरीदा था।

    क्यों विदेश में रहते हैं दोनों अरबपति?

    दोनों ही अरबपतियों अनिल अग्रवाल और लक्ष्मी मित्तल (Lakshmi Mittal) के पास भारत की नागरिकता है। भले ही दोनों विदेश में रहते हैं लेकिन दोनों आज भी दिल से भारतीय हैं। दोनों उद्योगपति अपने व्यापार को बढ़ाने के उद्देश्य के लिहाज से लंदन में रहते हैं। इसके अलावा एक दूसरा कारण वातावरण भी हो सकता है। भारत के अधिकतर शहरों में प्रदूषण बहुत रहता है। इसलिए उनके लंदन में रहने का यह भी एक कारण हो सकता है।

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