Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस कंपनी ने बनाया सबसे लंबा पुल, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और नरेंद्र मोदी स्टेडियम, लिस्ट में और बहुत कुछ; कौन है इसका मालिक

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 09:37 AM (IST)

    भारत में कई अद्वितीय इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं हैं, जैसे पुल, स्टेडियम और मूर्तियाँ। लार्सन एंड टुब्रो (L&T Share Price) ने इनमें से कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं बनाई हैं, जिनमें भूपेन हजारिका सेतु, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और नरेंद्र मोदी स्टेडियम शामिल हैं। कंपनी की शुरुआत 1946 में डेनमार्क के हेनिंग होल्क-लार्सन और सोरेन क्रिस्टियन टुब्रो ने की थी। एलएंडटी अब इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज में भी प्रवेश करने की योजना बना रही है।

    Hero Image

    लार्सन एंड टुब्रो ने बनाए हैं एक से एक शानदार प्रोजेक्ट्स

    नई दिल्ली। भारत में एक से एक यूनीक इन्फ्रास्ट्रक्चर हैं। इनमें पुल, स्टेडियम, हाईवे, स्टैच्यू, मंदिर, बिल्डिंग आदि शामिल हैं। इन्हें बनाने वाली अलग-अलग कंपनियां हैं, जिनमें कुछ कंस्ट्रक्शन और कुछ इंजीनियरिंग कंपनियां शामिल हैं। पर क्या आप जानते हैं कि भारत में मौजूद दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम, देश का सबसे बड़ा पुल और दुनिया का सबसे ऊंचा स्टैच्यू किसने बनाया? आइए जानते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

     

    इस कंपनी के हैं प्रोजेक्ट्स

    भूपेन हजारिका सेतु नदी के ऊपर बना भारत का सबसे लंबा पुल है, जिसे लार्सन एंड टुब्रो ने बनयाा है। लार्सन एंड टुब्रो (Larsen & Toubro) के अन्य प्रोजेक्ट्स में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और नरेंद्र मोदी स्टेडियम के अलावा दिल्ली का लोटस टेम्पल, मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर (बुलेट ट्रेन), बिरसा मुंडा इंटरनेशनल हॉकी स्टेडियम, मुंबई कोस्टल रोड प्रोजेक्ट, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर और मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक शामिल हैं।

    कौन हैं एलएंडटी के फाउंडर और मालिक

    एलएंडटी की शुरुआत 1946 में हेनिंग होल्क-लार्सन और सोरेन क्रिस्टियन टुब्रो ने की थी। उन्हीं के नाम पर इस कंपनी का नाम पड़ा। इस समय ए. एम. नाइक कंपनी के चेयरमैन एमेरिटस, एस. एन. सुब्रमण्यन चेयरमैन और एमडी और आर. शंकर रमन सीएफओ हैं।
    एलएंडटी एक पब्लिक लिस्टेड कंपनी है। इसलिए इसका कोई एक ओनर नहीं है। इसमें आम लोगों के अलावा, विदेशी निवेशकों, केंद्र सरकार और कई संस्थागत निवेशकों का भी निवेश है।

    किस देश के थे लार्सन और टुब्रो

    हेनिंग होल्क-लार्सन और सोरेन क्रिस्टियन टुब्रो दोनों ही डेनमार्क के थे। मुंबई में L&T का पहला ऑफिस इतना छोटा था कि एक बार में सिर्फ एक ही आदमी उसे इस्तेमाल कर सकता था। शुरू में L&T डेनिश डेयरी इक्विपमेंट बनाने वाली कंपनियों को रिप्रेजेंट करती थी।
    1947 में भारत के आजाद होने के बाद, L&T ने कलकत्ता, मद्रास और नई दिल्ली में ऑफिस खोले। होल्क-लार्सन और टूब्रो ने धीरे-धीरे L&T को अलग-अलग कारोबार वाले एक बड़े बिजनेस हाउस में बदल दिया और यह सबसे सफल भारतीय कंपनियों में से एक बन गई।

    ये भी पढ़ें - Amazon ने फिर किया छंटनी का एलान, AI की वजह से छिनेगी 14000 लोगों की नौकरी; भारत में इतने लोगों पर पड़ेगा असर

    नए सेगमेंट में एंट्री पर विचार

    आज एलएंडटी कंस्ट्रक्शन और माइनरी मशीनरी, डिफेंस इक्विपमेंट, वेलसहेवी इक्विपमेंट, बिजली उत्पादन उपकरण और रबर प्रोसेसिंग मशीनरी भी बनाती है। अब लार्सन एंड टुब्रो इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज (EMS) में भी एंट्री करने की योजना बना रही है।
    इसने चेन्नई के पास करीब 200 एकड़ जमीन के लिए तमिलनाडु सरकार के साथ शुरुआती बातचीत भी की है। यह 17 अरब डॉलर का ग्रुप, जिसकी पहले से ही इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में जुड़ी हुई कंपनियाँ हैं, टाटा की तरह एंड-टू-एंड मैन्युफैक्चरिंग कैपेबिलिटीज वाला एक इंटीग्रेटेड प्लेयर बनना चाहती है।