Ladli Laxmi Yojana: बेटियों के जन्म से लेकर उनकी पढ़ाई तक खर्च उठाएगी सरकार, शादी से पहले मिलेगा एक लाख रुपया
Ladli Laxmi Yojana कभी बेटियां समाज में बोझ समझी जाती थीं लेकिन अब सरकारें उनकी पढ़ाई-लिखाई से लेकर विवाह तक का खर्च उठा रही हैं। ऐसी ही एक योजना है- लाडली लक्ष्मी। आइए जानते हैं क्या है इस योजना का डिटेल।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आजकल बेटियों की बेहतरी के लिए केंद्र की मोदी सरकार के अलावा कई राज्य सरकारें भी तरह-तरह की योजनाएं चला रही हैं। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जाने वाली Ladli Laxmi Yojana भी इनमें से एक है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बेटियों की शिक्षा और उनकी शादी के लिए इस योजना की शुरुआत की गई थी।
यह योजना सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) सरकार की ड्रीम योजना रही है। इस योजना के तहत इंजीनियरिंग के अलावा लॉ और मेडिकल की पढ़ाई कर रहीं छात्राओं की फीस राज्य सरकार जमा कराती है।
क्या है लाड़ली योजना
बता दें कि लाडली लक्ष्मी योजना की शुरुआत 2 मई 2007 को हुई थी। इस योजना ने अपने 16 साल पूरे कर लिए हैं। शुरुआत में लाडली लक्ष्मी योजना का दायरा बहुत सीमित था, लेकिन अब इसे व्यापक बना दिया गया। पहले इसका बजट भी काफी कम था, लेकिन अब इसके बजट में बढ़ोतरी की गई है।
लाडली लक्ष्मी योजना की शुरुआत बेटियों का भविष्य सुरक्षित रखने के लिए की गई थी। इसके अलावा उनके उनकी सेहत और वित्तीय अ का ध्यान भी इसमें रखा गया है।
क्या हैं किसकी खूबियां
लाडली लक्ष्मी योजना के तहत एमपी सरकार बेटियों के जन्म से लेकर उसकी शादी तक पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद करती है। बेटियों के जन्म पर सरकार 11,000 रुपये की मदद करती है। उनके विवाह से पहले एक लाख रुपये दिए जाते हैं। आंकड़ों के अनुसार, अभी तक इस योजना में लगभग 48 लाख बेटियां रजिस्टर्ड हैं। योजना के जरिए बेटियों के भविष्य की नींव को मजबूत कर और उनकी शैक्षिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने का प्रयास किया जाता है।
कैसे काम करती है यह योजना
लाडली लक्ष्मी योजना के तहत सरकार बेटियों के नाम पर 6000 रुपये का राष्ट्रीय बचत पत्र खरीदती है। जब बालिकाएं छठी क्लास में एडमिशन लेती हैं तो 2000 रुपये मिलते हैं। 9वीं क्लास में एडमिशन लेने पर बेटियों को 4000 रुपये दिए जाते हैं। जब वो 11वीं क्लास में एडमिशन लेती हैं तो उन्हें 7500 रुपये दिए जाते हैं।
11वीं और 12वीं क्लास में पढ़ाई के दौरान उसे हर महीने 200 रुपये दिए जाते हैं। अगर बेटी की उम्र 21 साल हो जाती है और वह अविवाहित रहती है तो उसे एकमुश्त एक लाख रुपये दिए जाते हैं।