ये है भारत का सबसे महंगा रिटेल मार्केट, एक फुट का किराया ₹20 हजार; दुनिया में नंबर 1 पर कौन?
विश्व के सबसे महंगे रिटेल स्पेस में खान मार्केट (Khan Market) की रैंकिंग 24वीं हो गई है, पर भारत में यह अब भी सबसे महंगा है। कुशमैन एंड वेकफील्ड की रिपोर्ट के अनुसार, यहां किराया 223 डॉलर प्रति स्क्वायर फीट है, जिसमें 3% की वृद्धि हुई है। लंदन का न्यू बॉन्ड स्ट्रीट शीर्ष पर है। भारतीय हाई स्ट्रीट्स खुदरा विक्रेताओं के लिए रणनीतिक केंद्र बन रही हैं।

खान मार्केट है भारत का सबसे महंगा रिटेल मार्केट
आईएएनएस, नई दिल्ली। विश्व के सबसे महंगे रिटेल स्पेस में 'खान मार्केट' (Most Expensive Retail Market) की रैंकिंग गिरकर 24वीं हो गई है, जो कि पहले 23वीं थी। हालांकि, यह अभी भी भारत का सबसे महंगा रिटेल मार्केट बना हुआ है। यह जानकारी बुधवार को एक रिपोर्ट में दी गई।
कुशमैन एंड वेकफील्ड द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया कि खान मार्केट में किराया 223 डॉलर (19732 रुपये) प्रति स्क्वायर फीट प्रति वर्ष हो गया है। इसमें सालाना आधार पर 3 प्रतिशत की बढ़त देखी गई है।
कौन है नंबर 1
रिपोर्ट के मुताबिक,भारत के रिटेल सेक्टर ने वैश्विक और एशिया-प्रशांत दोनों बाजारों से बेहतर प्रदर्शन किया है और किराये में सालाना आधार पर 6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। हालांकि, दुनिया के सबसे महंगे रिटेल स्पेस में लंदन का न्यू बॉन्ड स्ट्रीट शीर्ष पर पहुंच गया है। यह पहली बार है जब इस बाजार ने यह रैंकिंग हासिल की है। इस बाजार में किराया पिछले साल के मुकाबले 22 प्रतिशत बढ़कर 2,231 डॉलर स्क्वायर फीट हो गया है।
कनॉट प्लेस और गैलेरिया मार्केट
कुशमैन एंड वेकफील्ड के एग्जीक्यूटिव मैनेजिंग डायरेक्टर (मुंबई और न्यू बिजनेस) गौतम सराफ ने कहा, "भारत की हाई स्ट्रीट असाधारण मजबूती प्रदर्शित कर रही हैं। खान मार्केट, कनॉट प्लेस और गैलेरिया मार्केट जैसे प्रीमियम डेस्टिनेशंस बढ़ती संपन्नता और बदलती उपभोक्ता प्राथमिकताओं के कारण अंतरराष्ट्रीय और घरेलू ब्रांडों को आकर्षित कर रहे हैं।"
मॉल की सीमित आपूर्ति के साथ, ये हाई स्ट्रीट विजिबिलिटी और जुड़ाव चाहने वाले खुदरा विक्रेताओं के लिए रणनीतिक केंद्र बन गए हैं।
और क्या है खास
सराफ ने आगे कहा, "इस साल अब तक, रिटेल लीजिंग गतिविधियों में आधे से अधिक हिस्सा हाई स्ट्रीट्स का रहा है, जो भारत के खुदरा विकास को आकार देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है। यह बदलाव प्रीमियमीकरण और अनुभवात्मक खुदरा व्यापार के व्यापक रुझान को दर्शाता है, जो भारत को एशिया प्रशांत के सबसे गतिशील बाजारों में से एक बनाता है।"

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