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    June PMI Data: भारत में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में तेज उछाल, जून में पीएमआई 57.8 पर पहुंचा

    By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav Shalya
    Updated: Mon, 03 Jul 2023 11:45 AM (IST)

    June PMI Data भारत में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में तेजी लगातार बनी हुई है। जून में हुई बढ़त फरवरी 2021 के बाद हुई दूसरी सबसे बड़ी तेजी है। मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में तेजी की वजह मजबूत मांग का बने रहना है। इससे कंपनियों को कीमतों को बढ़ाने में सफलता मिली है। हालांकि जून में इनपुट कॉस्ट में मामूली इजाफा देखने को मिला है। (जागरण फाइल फोटो)

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    June PMI Data: मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 57.8 पर रही है।

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का पीएमआई जून में गिरकर 57.8 पर आ गया है, जबकि पिछले महीने मई में 58.7 पर था। ये जानकारी एक निजी कंपनी की ओर से किए गए एक सर्वे में सामने आई।

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    एसएंडपी ग्लोबल की ओर से जारी किया जाने वाला पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) पिछले 24 महीनों से 50 से ऊपर बना हुआ है। जब भी पीएमआई 50 से ऊपर होता है तो इस बात को दिखाता है कि भारत की मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में लगातार इजाफा हो रहा है। वहीं, जब भी से पीएमआई 50 से नीचे होता है तो ये दिखाता है कि मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में गिरावट हो रही है।

    भारतीय उत्पादों की मांग मजबूत

    एसएंडपी ग्लोबल की मार्केट इंटेलिजेंस की इकोनॉमिक डायरेक्टर एसोसिएट लीमा पोलियाना डे ने कहा कि जून पीएमआई के नतीजों ने फिर से दिखाया है घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारत निर्मित उत्पादों की मांग काफी मजबूत बनी हुई है। ये भारतीय मैन्युफैक्चरिंग के लिए सकारात्मक है। इससे रोगजार, आउटपुट, स्टॉक में वृद्धि हुई है।

    जून में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई में वृद्धि फरवरी 2021 के बाद आई बढ़त में सबसे मजबूत में से एक है। हालांकि मई के मुकाबले ये धीमी रही है।

    मांग की वजह से कीमतों में इजाफा

    मजबूत मांग के कारण कंपनियों को कीमतों में इजाफा करने में मदद मिली है। जून में हुई कीमतों में वृद्धि पिछले 13 महीनों में सबसे अधिक है। हालांकि, इस दौरान इनपुट कॉस्ट में मामूली इजाफा देखने को मिला है।

    लीमा पोलियाना डे ने कहा कि मांग में लगातार बढ़त होने के कारण मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को कीमतों को बढ़ाने में सफलता मिली है। कंपनियों ने प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त बनाए रखते हुए उच्च लगात को बोझ ग्राहकों पर स्थानांतरित करने में सफलता पाई है।

     

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