क्या होता है PMI Data? अमीरी-गरीबी तय करने के साथ मिलती है अर्थव्यवस्था की सटीक जानकारी
What is PMI Data and Its Importance for Economy पीएमआई डेटा किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण सूचकांक होता है। पीएमआई नंबर 50 से ऊपर होना उस सेक्टर में बढ़ोतरी को दिखाता है। (फोटो - जागरण ग्राफिक्स)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। जब भी आप अर्थव्यवस्था से जुड़े आंकड़े पढ़ते होंगे तो आपने पीएमआई डेटा (PMI Data) का नाम जरूर सुना होगा। आखिर पीएमआई डेटा क्या है और कैसे ये भारतीय अर्थव्यवस्था की तस्वीर बताता है और इसका आंकलन कैसे किया जाता है? आइए जानते हैं।
क्या होता है PMI Data?
पीएमआई का पूरा नाम पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स है। इसका उपयोग सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की सेहत मापने के लिए किया जाता है। इस मदद से किसी बाजार की सही स्थिति का पता लगाया जा सकता है। इसमें मुख्यत: नए ऑर्डर, इन्वेंटरी स्तर, प्रोडक्शन, सप्लाई चेन और रोजगार को अवसरों को शामिल किया जाता है। जब भी पीएमआई डाटा 50 से ऊपर आता है तो यह सेक्टर में बढ़ोतरी को दिखाता है। इसके 50 से नीचे आने का मतलब है कि सेक्टर में गिरावट हो रही है।
PMI Data कैसे अर्थव्यवस्था की प्रभावित करता है?
पीएमआई डाटा किसी भी सेक्टर का सूचकांक माना जाता है। इससे आप आसानी से पता लगा सकते हैं कि वो सेक्टर अर्थव्यवस्था में कैसा योगदान दे रहा है। इसी डेटा के विश्लेषण के आधार पर अर्थव्यवस्था से जुड़े अहम फैसले नीति निर्माताओं की ओर से किए जाते हैं और सेक्टरों के विकास को लेकर नीतियां बनाई जाती हैं।
वहीं, कई देशों में केंद्रीय बैंक पीएमआई के डाटा का विश्लेषण करने के बाद ही ब्याज दरों पर फैसला करते हैं। इसके अलावा पीएमआई डाटा निवेशकों के भी काफी काम का होता है और इसी आधार दुनिया के बड़े निवेशक किसी सेक्टर में निवेशक को लेकर फैसले लेते है ।
कैसे किया जाता है PMI Data का आंकलन?
भारत में मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के पीएमआई के आंकड़े किए जाते हैं। दोनों का आंकलन अलग-अलग तरीकों से किया जाता है।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के पीएमआई डेटा का निकालने के लिए 500 मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के पर्चेजिंग मैनेजरों को प्रश्नवली भेजी जाती है। इसमें उनसे न्यू ऑर्डर, रोजगार, आउटपुट और इनपुट कॉस्ट और मौजूदा स्टॉक से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं।
सर्विस सेक्टर का पीएमआई निकालने के लिए छह सेक्टरों ट्रांसपोर्ट और कम्युनिकेशन, फाइनेंशियल, आईटी, होटल इंडस्ट्री, बिजनेस और पर्सनल सर्विसेज को शामिल किया जाता है। मैन्युफैक्चरिंग की तरह इसमें भी परचेजिंग मैनेजरों को प्रश्नवली भेजी जाती है।