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    PMI क्या है, अर्थव्यवस्था पर कैसे डालता है असर, जानिए इससे जुड़ी हर जानकारी

    Purchasing Managers Index (PMI) मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर की आर्थिक स्थिति को मापने का एक संकेतक है। आईएचएस मार्किट की ओर से संकलित मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) मार्च में 55.4 पर रहा जो फरवरी में 57.5 पर रहा था।

    By NiteshEdited By: Updated: Tue, 06 Apr 2021 06:30 AM (IST)
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    भारत में मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के लिए पीएमआई का आंकड़ा लेते हैं

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देश की विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां सोमवार को सात महीने के निचले स्तर पर पहुंच गईं। आईएचएस मार्किट की ओर से संकलित मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) मार्च में 55.4 पर रहा जो फरवरी में 57.5 पर रहा था। हालांकि, मार्च में भी विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली। कोविड-19 के बढ़ते मामलों के चलते कुछ क्षेत्रों में नए सिरे से लॉकडाउन की वजह से मांग और उत्पादन में कमी आई है। 

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    PMI क्या है

    Purchasing Managers' Index (PMI) मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर की आर्थिक स्थिति को मापने का एक संकेतक है। पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्‍स को 1948 में अमेरिका स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ सप्लाई मैनेजमेंट (आईएसएम) ने शुरू किया था। यह सिर्फ अमेरिका के लिए काम करती है। जबकि मार्किट ग्रुप दुनिया के अन्‍य देशों के लिए काम करती है। बिजनेस और मैन्युफैक्चरिंग माहौल का पता लगाने के लिए ही पीएमआई का सहारा लिया जाता है। पीएमआई सर्विस सेक्टर समेत निजी क्षेत्र की अनेक गतिविधियों पर आधारित होता है। यह 5 प्रमुख कारकों पर आधारित है। इन पांच प्रमुख कारकों में नए ऑर्डर, उत्पादन, सप्‍लाई डिलिवरी, इन्‍वेंटरी स्‍तर और रोजगार वातावरण शामिल हैं। देश की आर्थिक स्थिति का आकलन PMI के जरिये होता है। इसके जरिये अर्थव्यवस्था के बारे आधिकारिक आंकड़ों से पहले सटीक जानकारी मिलती है, इससे अर्थव्‍यवस्‍था के बारे में सटीक संकेत पहले ही मिल जाते हैं।

    कैसे काम करता है PMI

    PMI मिश्रित सूचकांक है जिसे मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की स्थिति का आंकलन करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। पीएमआई आंकड़ों में 50 को आधार माना गया है। पीएमआई आंकड़े अगर 50 से ऊपर हैं तो इसे कारोबारी गतिविधियों के विस्तार के तौर पर देखा जाएगा और अगर 50 से नीचे के आंकड़े हैं तो कारोबारी गतिविधियों में गिरावट के तौर पर देखा जाता है। PMI हर माह जारी किया जाता है। 

    (यह भी पढ़ेंः Manufacturing PMI: मार्च में देश की विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां सात माह के निचले स्तर पर, जानिए रोजगार के मोर्चे पर क्या रहा हाल)

    डाटा का इस्तेमाल

    भारत में मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के लिए पीएमआई का आंकड़ा लेते हैं। सर्विस पीएमआई में छह उद्योगों को शामिल करते हैं, जिसमें ट्रांसपोर्ट और कम्युनिकेशन, बिजनेस सर्विसेज, पर्सनल सर्विसेज, फाइनेंशियल इंटरमीडिएशन, कंप्यूटिंग एंड आईटी और होटल्स व रेस्टोरेंट शामिल हैं।

    PMI का सीधा मतलब ये समझ सकते हैं कि यह यह किसी खास सेक्टर में आगे की स्थिति का संकेत देता है। इससे आर्थिक गतिविधियों में उछाल आएगा या नहीं, इसका भी पता चलता है। पीएमआई अर्थव्यवस्था में सेंटिमेंट को भी दिखाता है।