जम्मू-कश्मीर की खदानें अब भरेंगी देश की तिजोरी, कल से शुरू पहली नीलामी; निकलेंगी ये चीजें
जम्मू-कश्मीर में पहली बार सात चूना पत्थर खदानों की नीलामी शुरू हो रही है, जो अनंतनाग, राजौरी और पूंछ जिलों में स्थित हैं। उच्च गुणवत्ता वाले चूना पत्थर से भरपूर इन खदानों की नीलामी MMDR एक्ट के तहत हो रही है। इससे रोजगार, स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा और सरकार को राजस्व मिलेगा, जिससे क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा।

जम्मू-कश्मीर में पहली बार 7 चूना पत्थर खदानें नीलामी के लिए तैयार सोमवार से शुरू होगी UT की पहली खनन नीलामी, केंद्र सरकार की माइनिंग सुधारों का बड़ा कदम
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में पहली बार सात चूना पत्थर (लाइमस्टोन) खदान ब्लॉकों की नीलामी सोमवार (24 नवंबर) से शुरू होने जा रही है। यह केंद्र शासित प्रदेश की खनन क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी और पहली पारदर्शी नीलामी होगी।
कहां हैं ये खदानें?
ये खदान अनंतनाग, राजौरी और पूंछ जिले में हैं। खदानों की G3 और G4 एक्सप्लोरेशन स्टेज श्रेणी में रखा गया है। जिसका कुल क्षेत्रफल लगभग 314 हेक्टेयर है। यहां G4 का मतलब रेकी सर्वे और G3 का मतलब ज्यादा विस्तृत खोज कामा है।
ये ब्लॉक उच्च गुणवत्ता वाले चूना पत्थर से भरपूर हैं जो सीमेंट, निर्माण कार्य और अन्य औद्योगिक उपयोग के लिए उपयुक्त हैं।
औपचारिक शुभारंभ कौन करेंगे?
नीलामी का उद्घाटन कार्यक्रम जम्मू में होगा जिसमें केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी मुख्य अतिथि होंगे।कानूनी आधारनीलामी MMDR एक्ट की धारा 11 की उप-धारा (4) और (5) के तहत हो रही है। इसके जरिए केंद्र सरकार उन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की मदद कर रही है जहां प्रशासनिक बाधाओं की वजह से प्रक्रिया में देरी हो रही थी।
मंत्रालय ने इसे सहकारी संघवाद का बेहतरीन उदाहरण बताया है। पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए पूरी प्रक्रिया 100% ऑनलाइन और तकनीक-संचालित होगी। इसमें राष्ट्रीय पर्यावरण मानकों का पूरी तरह पालन किया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर को क्या फायदा?
हजारों लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। इससे वहां स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। सरकार को नया राजस्व, क्षेत्र में आर्थिक विकास को तेजी मिल सकती है। खान मंत्रालय ने इसे खनन क्षेत्र में पारदर्शिता, प्रतिस्पर्धा और सतत विकास की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया है।

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