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    ITR Filing: Tax Liablity नहीं होने पर भी क्या फाइल करना होता है आईटीआर? जानें क्या हैं नियम

    By Gaurav KumarEdited By: Gaurav Kumar
    Updated: Sat, 17 Jun 2023 07:00 AM (IST)

    आईटीआर फाइल करने से पहले आपके मन में जो भी सवाल है उसे जान लेना ही समझदारी है। 31 जुलाई 2023 से पहले सभी ईमानदार लोगों को टैक्स भरना अनिवार्य है। चलिए जानते हैं कि टैक्स देनदारी न होने पर क्या आईटीआर फाइल करना होता है?

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    ITR Filing: What to file ITR even if there is no Tax Liablity, know complete information

    नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क: आयकर विभाग ने वित्तीय वर्ष 2022-23 या आकलन वर्ष 2023-24 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2023 रखी है। अकसर आईटीआर फाइल करने वालों के मन में कुछ ऐसे सवाल रहते हैं जिनको आईटीआर फाइल करने से पहले सुलझाना जरूरी है।

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    एक सवाल यह भी है कि जब आप पर कोई टैक्स देनदारी नहीं है तो क्या आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की जरूरत है? आज हम आपको इन्हीं सवालों का जवाब देंगे।

    इस स्थित मे करें आईटीआर फाइल

    टैक्स और निवेश विशेषज्ञों के अनुसार, यदि एक कमाने वाले व्यक्ति की सालाना आय सीमा से कम है और उनके कंपनी से टीडीएस काटा गया है, तो उस स्थिति में उन्हें आईटीआर दाखिल करने और आईटीआर रिफंड के माध्यम से अपना पैसा प्राप्त करना चाहिए।

    इसी प्रकार, यदि किसी व्यक्ति की सालाना आय निर्धारित सीमा से कम है, लेकिन उसने म्यूचुअल फंड, इक्विटी, बैंक एफडी आदि में निवेश किया है, तो व्यक्ति की नेट इनकम में सभी स्रोतों से आय शामिल होगी और यदि यह सीमा से अधिक है, तो उस मामले में भी कमाई करने वाले व्यक्ति को आयकर रिटर्न दाखिल करना चाहिए।

    वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए आयकर रिटर्न ?

    अगर आप वेतनभोगी कर्मचारी हैं तो मुमकिन है कि विभिन्न कटौतियों और छूट के कारण, आप पर कोई टैक्स देनदारी न हो, लेकिन फिर भी आपको अपना आईटीआर दाखिल करना पड़ सकता है यदि सभी टैक्स योग्य आय निर्धारित सीमा से अधिक हो।

    मान लीजिए यदि आपकी आय 5 लाख से कम है और इसमें सूचीबद्ध शेयरों और इक्विटी फंड पर कोई लॉन्ग टर्म पूंजीगत लाभ शामिल नहीं है। धारा 87ए के तहत उपलब्ध छूट के कारण, आप पर कोई कर देनदारी नहीं होगी, लेकिन फिर भी आपको आईटीआर दाखिल करना होगा।

    ये कटौती मुख्य रूप से जीवन बीमा प्रीमियम और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम, ईपीएफ, पीपीएफ और एनपीएस खातों में योगदान, बैंकों से ब्याज, बच्चों के लिए ट्यूशन फीस, होम लोन की अदायगी आदि से संबंधित होते हैं।

    कितनी है छूट?

    60 वर्ष से कम आयु वालों के लिए मूल छूट की सीमा 2.50 लाख है। 60 और 80 के बीच के निवासी व्यक्तियों के लिए 3 लाख और 80 वर्ष अधिक आयु वालों के लिए 5 लाख है।

    बैंक जमाकर्ताओं के लिए आईटीआर?

    यदि किसी व्यक्ति ने एक वित्तीय वर्ष में किसी के चालू खाते में 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक जमा किया है या किसी के बचत खाते में 50 लाख रुपये या उससे अधिक जमा किया है, तो बैंक जमाकर्ता को आईटीआर दाखिल करने की आवश्यकता है, भले ही उस पर आयकर देनदारी न हो।

    इसी तरह, यदि आपकी आय पर टैक्स कटौती एक वित्तीय वर्ष में 25,000 रुपये से अधिक है, तो आपको उस वित्तीय वर्ष के लिए आईटीआर दाखिल करने की आवश्यकता है। यदि आप एक वरिष्ठ नागरिक हैं, तो टैक्स कटौती की सीमा 50,000 रुपये है।