अगस्त में भारत का औद्योगिक उत्पादन 4% बढ़ा; माइनिंग Vs मैन्युफैक्चरिंग Vs पावर, किस सेक्टर में दिखा सबसे ज्यादा उछाल
अगस्त में भारत का औद्योगिक उत्पादन (Indian industrial production) चार प्रतिशत बढ़ा है जिसमें खनन क्षेत्र में छह प्रतिशत की सर्वाधिक वृद्धि हुई। जुलाई के लिए आइआइपी वृद्धि दर को संशोधित कर 4.3 प्रतिशत किया गया है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 3.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि बिजली क्षेत्र में 4.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

नई दिल्ली। खनन क्षेत्र के बेहतरीन प्रदर्शन (छह प्रतिशत की वृद्धि दर) के चलते अगस्त में भारत का औद्योगिक उत्पादन चार प्रतिशत बढ़ा। जुलाई के लिए औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आइआइपी) की वृद्धि दर को पहले के 3.5 प्रतिशत से संशोधित कर 4.3 प्रतिशत कर दिया गया है।
पिछले साल की समान अवधि में औद्योगिक उत्पादन ने स्थिर वृद्धि दर्ज की थी। अगस्त 2024 में खनन क्षेत्र का उत्पादन 4.3 प्रतिशत घट गया था।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में तीन चौथाई से अधिक का योगदान देने वाला मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर अगस्त में 3.8 प्रतिशत बढ़ा, जो पिछले वर्ष इसी महीने में 1.2 प्रतिशत था।
एनएसओ के आंकड़ों से यह भी पता चला है कि बिजली क्षेत्र में वृद्धि दर 4.1 प्रतिशत रही, जबकि अगस्त, 2024 में इसमें 3.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अगस्त अवधि के दौरान, आइआइपी वृद्धि दर 2.8 प्रतिशत रही, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 4.3 प्रतिशत थी।
रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि कम आधार के बावजूद, आइआइपी वृद्धि दर अगस्त, 2025 में अप्रत्याशित रूप से घटकर चार प्रतिशत रह गई, जबकि जुलाइ 2025 में इसे 4.3 प्रतिशत तक संशोधित किया गया था। इसकी वजह मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की वृद्धि दर में कमी है जो जुलाई, 2025 के छह प्रतिशत से घटकर 3.8 प्रतिशत रह गई। बिजली उत्पादन में वृद्धि पांच महीने के उच्चस्तर पर पहुंच गई।
नायर ने कहा, GST दरों को तर्कसंगत बनाने से त्योहारी सीजन के दौरान खपत की मांग बढ़ने की उम्मीद है और यह सितंबर-अक्टूबर, 2025 में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के लिए शुभ संकेत है। तब तक पुराना माल खत्म हो जाएगा।
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