1000 करोड़ लागत, 100 साल वाला मजबूत निर्माण, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर बन रही पहली और अनोखी 8 लेन वाली सुरंग
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर इस सुरंग को राजस्थान के कोटा में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिज़र्व के आसपास बनाया जा रहा है। यह सुरंग 4.9 किलोमीटर लंबी है जिसमें दो ट्यूब अगल-बगल बनी हैं जिनमें से प्रत्येक में 4 लेन हैं और कुल आठ लेन की क्षमता है। इस टनल की लागत 1000 करोड़ रुपये है और इसकी अनुमानित डिजाइन लाइफ 100 वर्ष है।

नई दिल्ली। भारत में पिछले 10 सालों में तेजी से रोड व रेलवे इन्फ्रा पर काम हुआ है और नए-नए एक्सप्रेसवे व रेल ब्रिज बनकर तैयार हुए हैं। इसी कड़ी में देश में पहली 8 लेन टनल (Indias First 8 Lane Tunnel) का सपना लगभग साकार हो चुका है। देश के सबसे महत्वाकांक्षी दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर इस सुरंग का काम पूरा होने जा रहा है और यह इस साल के आखिरी तक परिवहन के लिए खोली जा सकती है। यह सुरंग राजस्थान के कोटा में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिज़र्व (MHTR) के आसपास डेवलप की गई है। दरअसल, प्रकृति व जंगली जानवरों की रक्षा के उद्देश्य से नेशनल हाईवे अथॉरिटी (NHAI) ने इस रूट पर यह सुरंग बनाई है।
खास बात है कि यह टनल, देश का पहला मेजर ग्रीन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है, जो संरक्षित वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर जोन में बनाया गया है। इस टनल की लागत 1000 करोड़ रुपये है और इसकी अनुमानित डिजाइन लाइफ 100 वर्ष है। आइये आपको बताते हैं इस टनल से जुड़ी खासियतें और इससे होने वाले फायदे क्या होंगे?
क्यों खास है मुकुंदरा हिल्स टनल
डिजाइन और लंबाई: यह सुरंग 4.9 किलोमीटर लंबी है, जिसमें दो ट्यूब अगल-बगल बनी हैं, जिनमें से प्रत्येक में 4 लेन हैं, और कुल आठ लेन की क्षमता है। यह टनल 3.3 किलोमीटर अंडरग्राउंड बोरिंग है, और बाकी 1.6 किलोमीटर कट-एंड-कवर निर्माण है।
चौड़ी और ऊंची: सुरंग की साइज को बढ़ाने के लिए चौड़ाई को 19 मीटर और ऊंचाई को 11 मीटर तक बढ़ाया गया है, जिससे भारी वाणिज्यिक वाहनों को अधिक आराम से गुजरने की सुविधा मिलेगी।
एडवांस मॉनिटरिंग सिस्टम: इस सुरंग में अत्याधुनिक मॉनिटरिंग और सिक्योरिटी सिस्टम होंगे जैसे कि एआई-बेस्ड मॉनिटरिंग, सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डेटा एक्विजिशन (एससीएडीए), और बेहतर लाइटिंग और वेंटिलेशन कंट्रोल शामिल है।
ट्रैवल टाइम: इस सुरंग के चालू होने के बाद दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के दिल्ली से कोटा तक का सेक्शन पूरा हो जाएगा। खास बात है इस टनल के चलते दिल्ली से कोटा के बीच ट्रैवलिंग टाइम घटकर लगभग 4 घंटे रह जाएगा। टनल के अभाव में अभी मुकुंदरा हिल्स को पार करने के लिए वाहनों को सवाईमाधोपुर के रास्ते करीब 60 किलोमीटर तक हाईवे से घूमकर जाना पड़ता है।
मुकुंदरा पहाड़ियों से गुजरने वाले इस 8 लेन टनल के पूरा होने से कठिन पहाड़ी सड़क बाईपास हो जाएगी, और एक हाई स्पीड रोड उपलब्ध हो जाएगा। इस हाई स्पीड कॉरिडोर पर वाहनों को 120 किमी प्रति घंटे की अधिकतम स्पीड से चलने की अनुमति होगी।
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