Delhi-Mumbai Expressway: तैयार होगी 'ऑक्सीजन फैक्ट्री', ग्रीन कॉरिडोर बनाकर कम होगा प्रदूषण
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के निर्माण में काटे गए पेड़ों की भरपाई के लिए फरीदाबाद में एक्सप्रेसवे के किनारे चार लाख पौधे लगाए जाएंगे। एनएचपीसी चौक पर मियावाकी पद्धति से 11 हजार पौधे लगाए गए हैं। सेक्टरों की खाली जमीन पर भी पौधारोपण होगा। ग्रीन कॉरिडोर बनने से प्रदूषण कम होगा और लोगों को राहत मिलेगी।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के निर्माण के दौरान जिले की सीमा में काटे गए पेड़ों की भरपाई की तैयारी की जा रही है। एक्सप्रेसवे के लिंक रोड के किनारे करीब चार लाख पौधे लगाए जाएंगे। इसकी शुरुआत एनएचपीसी चौक से हो गई है। यहां मियावाकी पद्धति से एक ही स्थान पर 11 हजार पौधे लगाए गए हैं।
इसी तरह, कैल गांव तक सेक्टरों की तरफ खाली पड़ी जमीन पर भी पौधरोपण किया जाएगा। ग्रीनबेल्ट में करीब चार लाख पौधे लगाए जाने का अनुमान है। एक तरह से एक्सप्रेसवे के किनारे ऑक्सीजन की पूरी फैक्ट्री तैयार हो जाएगी जो वाहनों से होने वाले प्रदूषण और धूल को सेक्टरों की तरफ जाने से रोकेगी। याद रहे, इससे पहले कैल गांव से सेक्टर-59 तक 38 एकड़ जमीन पर 58 हजार पौधे लगाए जा चुके हैं।
यहां एक बड़ी नर्सरी भी तैयार की गई है जिसमें विभिन्न प्रजातियों के पौधों के पौधे लगाए गए हैं। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) यह काम कर रहा है। पेड़ों को काटने के बाद एनएचएआई ने दोबारा पौधरोपण के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को पांच करोड़ रुपये दिए थे। इस धनराशि से एक्सप्रेसवे के किनारे पौधारोपण किया जाना है।
इन सेक्टरों को मिलेगी राहत
सेक्टर 37 से 59 तक का 26 किलोमीटर लंबा बाईपास दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का हिस्सा बन गया है। इसके लिए 20 हज़ार से ज़्यादा पेड़ काटे जा चुके हैं। इसकी भरपाई के लिए ग्रीन कॉरिडोर विकसित करने की योजना तैयार की गई थी। एक्सप्रेसवे के किनारे बसे 11 सेक्टरों को ग्रीन कॉरिडोर का सीधा फ़ायदा होगा। कॉरिडोर के पेड़-पौधे एक्सप्रेसवे पर चलने वाले वाहनों की धूल और धुएँ को सेक्टर में आने से रोकेंगे।
प्रदूषित शहर को मिलेगी राहत
हर साल सर्दियों में वायु प्रदूषण काफ़ी बढ़ जाता है। पीएम 2.5 का स्तर 450 तक पहुँच जाता है। इसलिए यहाँ ज़्यादा से ज़्यादा पेड़ लगाना ज़रूरी है। ग्रीन कॉरिडोर में लगाए गए हज़ारों पौधे लोगों को राहत देंगे।
ये पौधे लगाए जाएंगे
प्राधिकरण के एसडीओ रामफल ने बताया कि सड़क किनारे अमलतास, गुलमोहर, कचनार जैसे फूलदार पौधे लगाए जा रहे हैं। दूसरी लेन में पिलखन, अर्जुन, बालमखेड़ा, कदम, शीशम, नीम, पीपल, बरगद, टिकोमा, जामुन और झाड़ियां लगाई जाएंगी। इनकी पूरी देखभाल की जाएगी।
प्राधिकरण ने मियावाकी पद्धति से पौधारोपण शुरू कर दिया है। इससे जगह-जगह घने जंगल विकसित होंगे। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पौधारोपण ज़रूरी है। यह कार्य जल्द ही पूरा हो जाएगा।
- संदीप दहिया, अधीक्षण अभियंता, एचएसवीपी
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