S&P ने फिर माना भारत की आर्थिक ताकत का लोहा, कहा- दुनिया में मची उथल-पुथल से पूरी तरह सुरक्षित है अर्थव्यवस्था
एसएंडपी ग्लोबल इंडिया रिसर्च चैप्टर की नई रिपोर्ट इंडिया फॉरवर्ड शिफ्टिंग होराइजन्स के अनुसार भारत की विशाल घरेलू मांग घरेलू अर्थव्यवस्था को वैश्विक झटकों से बचाने में एक मजबूत कवच प्रदान करती है। एसएंडपी का कहना है कि आर्थिक सुधारों बुनियादी ढांचे के विकास और प्रक्रिया सुधारों के माध्यम से विकसित देशों के मुकाबले अपनी वृद्धि को बढ़ाने में सफलता हासिल की है।

नई दिल्ली। हाल ही में भारत की रेटिंग में सुधार करने के बाद दुनिया की प्रख्यात रेटिंग एजेंसी S&P ग्लोबल ने अपनी नई रिपोर्ट में भारत के बारे में कहा है कि मौजूदा वैश्विक अस्थिरता के माहौल में यह अपनी अर्थव्यवस्था को सुरक्षित रखने में सबसे सक्षम है। वजह भारत की घरेलू अर्थव्यवस्था के ढांचे को बताया गया है। एसएंडपी ग्लोबल इंडिया रिसर्च चैप्टर की नई रिपोर्ट, 'इंडिया फॉरवर्ड: शिफ्टिंग होराइजन्स' के अनुसार भारत की विशाल घरेलू मांग इसे वैश्विक झटकों से बचाने में एक मजबूत कवच प्रदान करती है, जिसके चलते यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 फीसद रहने की उम्मीद है। यह रिपोर्ट भारत की आर्थिक वृद्धि, वैश्विक व्यापार में उसकी बढ़ती भागीदारी और डिजिटल तथा ऊर्जा क्षेत्रों में प्रगति को रेखांकित करती है।रिपोर्ट में भारत की आर्थिक रणनीति और वैश्विक चुनौतियों के बीच उसकी स्थिति को स्पष्ट किया गया है। एसएंडपी का कहना है कि आर्थिक सुधारों, बुनियादी ढांचे के विकास और प्रक्रिया सुधारों के माध्यम से विकसित देशों के मुकाबले अपनी वृद्धि को बढ़ाने में सफलता हासिल की है।
वैश्विक व्यापार में बढ़ रही भारत की भागीदारी
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत की नीतियां वैश्विक व्यापार नीतियों में बदलाव के साथ सामंजस्य बनाने वाली रही हैं। वैश्विक व्यापार में भारत की भागीदारी बढ़ रही है जिसकी वजह से आर्थिक विकास को मजबूती मिल रही है, निवेश बढ़ रहा है और रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो रही है। इसके अलावा रे¨टग एजेंसी ने केंद्र, राज्य और नौकरशाही के बीच और बेहतर समन्वय के लिए सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया है।
प्राइवेट लोन में लगातार वृद्धि सकारात्मक उपलब्धि
भारत का निजी ऋण में लगातार हो रही वृद्धि को एक सकारात्मक उपलब्धि बताते हुए रिपोर्ट कहती है कि भारत विदेशी निवेशकों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बना रहेगा। दिवालिया कानून को सफलता से लागू करने को महत्वपूर्ण बताया गया है। एसएंडपी के इस भरोसे के पीछे जो वजहें गिनाई हैं उनमें परमाणु ऊर्जा का जिक्र है। कहा गया है कि ऊर्जा क्षेत्र में भारत अपनी परमाणु ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की तरफ अग्रसर है और इसके लिए अपने विशाल थोरियम भंडार का उपयोग करने की दिशा में काम कर रहा है।
डिजिटल इन्फ्रा में भारी निवेश जारी
इसके लिए रिपोर्ट में 2026-27 में परमाणु क्षेत्र को उदार बनाने और पारदर्शी दायित्व ढांचे को लागू करने के लिए विधायी सुधारों की सिफारिश की गई है। डिजिटल क्षेत्र में भारत अभूतपूर्व परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। डेटा सेंटरों जैसे डिजिटल बुनियादी ढांचे में भारी निवेश हो रहा है। 2028 तक भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र में जापान और ऑस्ट्रेलिया को पीछे छोड़ते हुए डेटासेंटर बिजली मांग के लिए दूसरा सबसे बड़ा बाजार बनने की राह पर है।
इसके साथ ही इलेक्टि्रक वाहनों (ईवी) की लोकप्रियता बढ़ रही है। बायोफ्यूल तथा ग्रीन हाइड्रोजन जैसे वैकल्पिक ईंधन भारी-भरकम परिवहन के लिए उभर रहे हैं। सरकार की पहल और चार्जिंग बुनियादी ढांचे का विस्तार ईवी अपनाने को बढ़ावा दे रहा है।
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