भारत के रुपये का हाल हुआ बेहाल, डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड 88.80 के ऑल टाइम लो पर पहुंचा
भारतीय रुपया मंगलवार को रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुँच गया जो 88.80 के सर्वकालिक निचले स्तर (Rupees All Time Low) पर पहुँच गया। अमेरिका के साथ व्यापार तनाव के चलते डॉलर की मांग में भारी वृद्धि हुई जिसके कारण केंद्रीय बैंकों को हस्तक्षेप करना पड़ा। पिछले सप्ताह का निचला स्तर 88.7975 था।

नई दिल्ली। मंगलवार को भारतीय रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। अमेरिका के साथ व्यापार तनाव (India US Trade Deal) के कारण डॉलर की मांग में भारी वृद्धि हुई और केंद्रीय बैंकों ने मुद्रा को सहारा देने के लिए हस्तक्षेप किया। रुपया 88.80 के अपने सर्वकालिक निचले स्तर (Rupees All Time Low) पर पहुंच गया, जो पिछले सप्ताह के 88.7975 के पिछले निचले स्तर से भी नीचे चला गया। पिछली बार यह 88.7550 पर था।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया, डॉलर के मुकाबले 88.73 पर खुला। कारोबार के दौरान 88.69 से 88.80 प्रति डॉलर के दायरे में कारोबार करने के बाद अंत में 88.79 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव के मुकाबले चार पैसे की गिरावट है। इसी बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 97.79 पर आ गया।
India US Trade Deal न होने का दिख रहा असर
अमेरिका के साथ व्यापार समझौता अभी भी अटका हुआ है, और हाल ही में अमेरिकी एच-1बी वीज़ा शुल्क में हुई बढ़ोतरी ने मुद्रा की कमज़ोरी को और बढ़ा दिया है, ऐसे में बाज़ार सहभागियों को मुद्रा की स्थिति में बदलाव की उम्मीद कम ही दिख रही है।
यह भी पढ़ें- 8th Pay Commission: 8वां वेतन लागू होने के बाद चपरासी से लेकर IAS तक की इतनी हो जाएगी सैलरी; देखें कैलकुलेशन
विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि एच-1बी वीजा शुल्क बढ़ाने के अमेरिकी फैसले से भारत के प्रौद्योगिकी क्षेत्र के राजस्व पर असर पड़ सकता है और नए सिरे से इक्विटी निकासी शुरू हो सकती है।
भारतीय शेयर बाजार में बिकावली का माहौल
वीजा शुल्क में वृद्धि के बाद विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयरों की बिकवाली तेज कर दी है और पिछले छह सत्रों में बाजार से 2 अरब डॉलर से ज्यादा की निकासी की है। यह सितंबर के पहले तीन हफ्ते में निकाले गए लगभग 80 करोड़ डॉलर के मुकाबले काफी ज्यादा है, जो पोर्टफोलियो प्रवाह पर दबाव को दर्शाता है।
अक्टूबर के त्यौहारी सीजन से पहले आभूषण आयातकों की डॉलर की मांग ने रुपये की गिरावट को और बढ़ा दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक रुपये की गिरावट को कम करने के लिए सरकारी बैंकों के ज़रिए हस्तक्षेप कर रहा है, और मंगलवार को भी यह हस्तक्षेप जारी रहने की संभावना है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।