ट्रंप टैरिफ साबित हो रहा बेअसर, भारत ने अब रच दिया ये नया कीर्तिमान; देखते रह गए अमेरिका वाले
अगस्त में भारत का निर्यात अमेरिका के शुल्क (US tariffs impact) के बावजूद बढ़ा है। वस्तु निर्यात में 6.73% और अमेरिका को होने वाले निर्यात (Indian exports August) में 7.15% की वृद्धि हुई। वाणिज्य सचिव ने बताया कि वस्तुओं के आयात में गिरावट आई है जिससे व्यापार घाटा कम हुआ है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वैश्विक उथल-पुथल और अमेरिका की तरफ से भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत का शुल्क ल गाने के बावजूद गत अगस्त माह में भारतीय निर्यात का प्रदर्शन अच्छा रहा। अगस्त माह में वस्तु निर्यात में पिछले साल अगस्त के मुकाबले 6.73 प्रतिशत तो वस्तु व सेवा दोनों को मिलाकर कुल निर्यात 9.5 प्रतिशत का इजाफा रहा।
अच्छी बात यह है कि अगस्त में अमेरिका होने वाले वस्तु निर्यात में 7.15 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। अमेरिका ने गत सात अगस्त को भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क लगा दिया था।
उसके बाद गत 27 अगस्त से रूस से तेल खरीदारी के कारण भारतीय वस्तुओं पर और 25 प्रतिशत का शुल्क लगा दिया।
हालांकि निर्यातक यह भी कह रहे है कि इस शुल्क से बचने के लिए एक से छह अगस्त के बीच काफी अधिक मात्रा में अमेरिका निर्यात किया गया और उसके बाद फिर 27 अगस्त से पहले भी अमेरिका काफी माल भेजा गया।
इस वजह से अमेरिका होने वाले निर्यात में बढ़ोतरी दर्ज की गई।वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने बताया कि अगस्त में वस्तु निर्यात अधिक रहने के साथ वस्तुओं के आयात में गिरावट रही जिससे व्यापार घाटे का अंतर कम रहा।
अगस्त में 35.10 अरब डालर का निर्यात तो 61.5 अरब डालर का आयात किया गया। जबकि पिछले साल अगस्त में 68.5 अरब डालर का आयात तो 32.8 अरब डालर का निर्यात किया गया था।
बर्थवाल ने बताया कि वैश्विक व्यापार को लेकर कठिन माहौल में भी सरकार नए बाजार और नए उत्पाद लाने का लगातार प्रयास कर रही है।
सिर्फ कुछ सीमित देशों पर व्यापार के लिए निर्भर नहीं रहने की नीति अपनाई गई है और निर्यात को बढ़ाने के लिए मंत्रालय की तरफ से लगातार समर्थन दिए जा रहे हैं।
अगस्त में होने वाले विभिन्न वस्तुओं का निर्यात प्रदर्शन, पिछले साल अगस्त की तुलना में बढ़ोतरी
अगस्त में होने वाले निर्यात में किन देशों में कितनी बढ़ोतरी
आयात होने वाले 100 आइटम को भारत में बनाने की तैयारी
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने बताया कि आयात होने वाले 100 आइटम को भारत में ही निर्माण की तैयारी की जा रही है ताकि इससे आयात बिल भी कम होगा, आत्मनिर्भरता को मजबूती मिलेगी और मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्य रूप से तीन प्रकार के आइटम का आयात किया जाता है। इनमें कच्चे माल, इंटरमीडिएट वस्तु और तैयार माल शामिल है। मंत्रालय उन वस्तुओं की पहचान कर रहा है जिनके निर्माण की क्षमता या यूनिट पहले से भारत में है।
इस प्रकार के 100 आइटम की पहचान करके उसे सार्वजनिक किया जाएगा ताकि निजी उद्यमियों को यह पता लग सके घरेलू बाजार में ये आइटम कितनी मात्रा में बिकते हैं और उनके लिए इसके निर्माण की कितनी संभावनाएं हैं।
अन्य विभागों से इस मामले में विचार-विमर्श किया जा रहा है। जल्द ही इस प्रकार के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए मसौदे को सार्वजनिक किया जाएगा।
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