ट्रंप टैरिफ का दिखा असर, भारत का व्यापार घाटा 13 महीने के उच्चतम स्तर पर; US को होने वाले निर्यात में 12% की गिरावट
Trump Tariffs Impact: अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण भारत का व्यापार घाटा 13 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। सर्राफा आयात में वृद्धि और अमेरिका को निर्यात में कमी आई है। सितंबर में सोने और चांदी के आयात में भारी वृद्धि हुई। हालांकि, वाणिज्य मंत्रालय का कहना है कि कुछ उत्पादों पर टैरिफ का असर कम होगा और स्थिति का आकलन किया जा रहा है।
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नई दिल्ली। Trump Tariffs Impact: अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ (Trump Tariff) का असर दिखने लगा है। बुधवार को वाणिज्य मंत्रालय ने आंकड़े जारी किए। इन आंकड़ों से पता चलता है कि भारत का भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 13 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। इसका मुख्य कारण सर्राफा आयात में तेज वृद्धि रही। वहीं, अमेरिका को होने वाले निर्यात में 12 फीसदी की कमी देखने को मिली। यह कमी कहीं न कहीं टैरिफ की वजह से दिखी है। हालांकि, व्यापारिक निर्यात साल-दर-साल (Y-o-Y) 6.7 प्रतिशत बढ़कर 36.38 अरब डॉलर हो गया। यानी टैरिफ के बावजूद यह वृद्धि देखी गई है।
कैसा रहा सितंबर के आयात निर्यात का हिसाब-किताब?
आयात 16.7 प्रतिशत की तेज गति से बढ़कर 68.53 अरब डॉलर हो गया, जिसके परिणामस्वरूप इस महीने के दौरान व्यापार घाटा बढ़कर 32.15 अरब डॉलर हो गया। सितंबर 2024 में व्यापार घाटा 24.65 अरब डॉलर रहा। हालांकि, सेवा निर्यात 5.5 प्रतिशत घटकर 30.82 अरब डॉलर रह गया, जबकि आयात 7.6 प्रतिशत घटकर 15.3 अरब डॉलर रह गया, जिसके परिणामस्वरूप 15.5 अरब डॉलर का अधिशेष रहा। वाणिज्य विभाग ने स्पष्ट किया कि सितंबर माह के लिए सेवा व्यापार डेटा एक “अनुमान” है, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बाद में जारी किए जाने वाले आंकड़ों के आधार पर संशोधित किया जाएगा।
GTRI की रिपोर्ट क्या कहती है
दिल्ली स्थित थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अजय श्रीवास्तव ने कहा, "टैरिफ वृद्धि शुरू होने के बाद से अमेरिका भारत का सबसे अधिक प्रभावित बाजार बन गया है।"
आंकड़ों से पता चलता है कि ट्रंप के कड़े टैरिफ लागू होने के बाद, भारत का अपने सबसे बड़े विदेशी बाजार, अमेरिका को माल निर्यात सितंबर में 20% और पिछले चार महीनों में लगभग 40% तक गिर गया।सितंबर, वाशिंगटन द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए 50% टैरिफ का पहला पूरा महीना था, जो 27 अगस्त से लागू हुआ। इसमें रूस से तेल खरीदना बंद करने से इनकार करने पर भारत पर लगाया गया 25% जुर्माना भी शामिल है।
सोन और चांदी के आयात में दिखी तेजी
सितंबर में आयात में तेजी सोने के आयात में 107 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 9.6 अरब डॉलर तक पहुंचने के कारण आई। चांदी का आयात 139 प्रतिशत बढ़कर 1.3 अरब डॉलर हो गया। उर्वरक आयात 202 प्रतिशत बढ़कर 2.36 अरब डॉलर हो गया, जबकि इलेक्ट्रॉनिक्स आयात 15 प्रतिशत बढ़कर 9.82 अरब डॉलर हो गया।
वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि सितंबर में सोने के आयात में वृद्धि के बावजूद, मात्रा के लिहाज से, संचयी आयात (अप्रैल-सितंबर) पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 8.7 प्रतिशत से अधिक कम रहा। वाणिज्य विभाग इस वृद्धि के कारणों का बारीकी से आकलन कर रहा है, लेकिन सोने के आयात में यह उछाल त्योहारी सीजन के कारण हो सकता है।
27 अगस्त से भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका द्वारा कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लागू होने के बाद से, सितंबर में इसका पूरा असर देखने को मिला। अग्रवाल ने कहा, "हमें गहनता से वस्तु-स्तर के आंकड़ों पर गौर करने की जरूरत है। अमेरिका को हमारे लगभग 45 प्रतिशत निर्यात (50 प्रतिशत टैरिफ) के दायरे से बाहर हैं। इन उत्पादों पर इसका असर अलग होगा।"
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