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    ये क्या! विदेशों में रखी Cryptocurrency पर भी भारत में देना होगा TAX, अप्रैल 2027 से लागू होंगे नए नियम

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 11:32 AM (IST)

    भारत 1 अप्रैल 2027 से ओईसीडी के क्रिप्टो-एसेट रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क (CARF) को लागू करेगा। इससे विदेश में रहने वाले भारतीयों की क्रिप्टोकरेंसी होल्डिंग् ...और पढ़ें

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    विदेशों में रखी क्रिप्टोकरेंसी पर भी लगेगा टैक्स

    नई दिल्ली। भारत ने अभी तक क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई स्पष्ट रुख नहीं अपनाया है। पर इस मामले में अब एक नया अपडेट आया है। भारत 1 अप्रैल 2027 से आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) के क्रिप्टो-एसेट रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क (CARF) को लागू करेगा। इससे भारत के निवासियों की ऑफशोर क्रिप्टोकरेंसी होल्डिंग्स भी टैक्स के दायरे में आ जाएंगी।

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    भारत अगले साल बहुपक्षीय सक्षम प्राधिकरण समझौते (Multilateral Competent Auth- ority Agreement) या एमसीएए पर साइन कर सकता है, जो टैक्स डिटेल के ऑटोमैटिक आदान-प्रदान के लिए एक ग्लोबल फ्रेमवर्क है।

    क्रिप्टो के लिए नहीं किया था एमसीएए

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक भारत ने साल 2015 में फाइनेंशियल अकाउंट्स की जानकारी के लिए MCAA पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन क्रिप्टो एसेट्स को कवर करने के लिए CARF के तहत एक अलग समझौते की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 2027 की डेडलाइन को पूरा करने के लिए तैयारियां पहले से ही चल रही हैं।

    देना पड़ेगा टैक्स

    अधिकारी ने आगे कहा कि सूचना के ऑटोमैटिक आदान-प्रदान के तहत CARF लागू होने के बाद, भारतीय टैक्स अधिकारियों को विदेशी एक्सचेंजों और वॉलेट्स में भारतीय निवासियों द्वारा रखी गई क्रिप्टो संपत्तियों की डिटेल मिलना शुरू हो जाएगा।

    जैसे कि अगर कोई एक्सचेंज यूएई में है, तो वह डेटा यूएई की टैक्स अथॉरिटी को रिपोर्ट करेगा, जो इसे भारत के साथ साझा करेगी। निवासियों को इनकम आय पर भारत में टैक्स देना होगा। 

    दोहरे टैक्सेशन से मिलेगी राहत

    लोगों को ऐसी इनकम पर डबल टैक्स से राहत मिलेगी। लेकिन उन मामलों में जिसमें टैक्स पहले ही विदेश में चुकाया जा चुका हो। CARF के तहत क्रिप्टो-एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स, एक्सचेंज, ब्रोकर्स, वॉलेट ऑपरेटर्स और नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) मार्केटप्लेस को क्रिप्टो-टू-फिएट कंवर्जन, क्रिप्टो-टू-क्रिप्टो ट्रेड, प्लेटफॉर्म या वॉलेट (अनहोस्टेड वॉलेट सहित) के बीच ट्रांसफर और 50,000 डॉलर से अधिक के हाई वैल्यू वाले रिटेल पेमेंट्स की डिटेल देनी जरूरी होगी।

    स्टेबलकॉइन, क्रिप्टो डेरिवेटिव और कुछ NFTS भी रिपोर्टिंग दायरे में आएंगे।

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    कितना बड़ा है भारत में क्रिप्टो का मार्केट

    इंडस्ट्री के अनुमान के अनुसार भारतीय क्रिप्टो मार्केट का लेनदेन मूल्य लगभग 172 बिलियन डॉलर है। साथ ही इसी साल भारत में क्रिप्टो यूजर बेस 10.7 करोड़ को पार कर जाने का अनुमान है।

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