Trump Tariff के पलटवार की बड़ी तैयारी! UAE, कतर सहित भारत के साथ आए ये 50 बड़े देश, क्या है मकसद?
भारत लगभग 50 देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत कर रहा है, जिसमें अमेरिका और यूरोपीय संघ भी शामिल हैं। खाड़ी देशों और आसियान देशों ने भी समझौते में रुचि दिखाई है। भारत कनाडा के साथ CEPA पर विचार कर रहा है और अन्य देशों के साथ भी बातचीत जारी है। इसका उद्देश्य व्यापार को बढ़ावा देना है।

भारत इस समय करीब 50 देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौता (FTA) करने के लिए बातचीत कर रहा है।
नई दिल्ली। भारत इस समय करीब 50 देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौता (FTA) करने के लिए बातचीत कर रहा है। इनमें अलग-अलग देशों के अलावा देशों के समूह भी हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि भारत अभी अमेरिका और यूरोपियन यूनियन समेत कई ट्रेडिंग पार्टनर्स के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत कर रहा है।
उन्होंने कहा, "हमने देखा है कि ट्रेड को हथियार बनाया जा रहा है। हम सबने दुनिया भर में भरोसेमंद पार्टनर होने की अहमियत देखी है।" गोयल ने यह बात ऐसे समय में कही है जब अमेरिका के टैरिफ में भारी बढ़ोतरी से ग्लोबल ट्रेड में रुकावट आई है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने 27 अगस्त से अमेरिकी मार्केट में आने वाले भारतीय सामान पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगा दिया है।
खाड़ी देशों की समझौते में रुचि
मंत्री ने बताया कि GCC (गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल) भी व्यापार समझौते में रुचि ले रहा है। GCC खाड़ी क्षेत्र के छह देशों में सऊदी अरब, UAE, कतर, कुवैत, ओमान और बहरीन का संगठन है। नई दिल्ली ने UAE के साथ पहले ही एक व्यापक व्यापार समझौता किया है। ओमान के साथ बातचीत लगभग पूरी होने वाली है। उन्होंने कहा कि बहरीन और कतर भी भारत के साथ बातचीत करना चाहते हैं।
उद्योग चैंबर फिक्की की AGM में गोयल कहा, "छह देशों का पूरा ग्रुप इसमें शामिल होना चाहेगा। हम न्यूजीलैंड से बात कर रहे हैं...हम अमेरिका और 27 देशों के EU के साथ बातचीत कर रहे हैं।" भारत और अमेरिका द्विपक्षीय एग्रीमेंट पर बात कर रहे हैं। अब तक बातचीत के छह राउंड पूरे हो चुके हैं। इस साल के आखिर तक समझौते का पहला फेज पूरा करना है।
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आसियान के 10 देश भी चाहते हैं समझौता
मंत्री ने कहा कि भारत 10 देशों वाले ASEAN ब्लॉक और दक्षिण कोरिया के साथ अपने ट्रेड समझौतों की समीक्षा कर रहा है ताकि इसे और संतुलित बनाया जा सके। आसियान के सदस्यों में ब्रूनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं।
कनाडा और भारत CEPA (कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट) पर विचार कर रहे हैं। अगले हफ्ते इस पर बातचीत शुरू होने वाली है। इसका मकसद 2030 तक दोनों तरफ के ट्रेड को 50 अरब डॉलर तक ले जाना है। कनाडा ने 2023 में भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत रोक दी थी।
अफ्रीका, यूरेशिया और मर्कोसुर देशों के साथ भी बात
उन्होंने कहा कि पांच सदस्यों वाला साउथ अफ्रीकन कस्टम्स यूनियन (SACU) और मर्कोसुर ग्रुप भी बातचीत करना चाहते हैं। SACU देशों में दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, बोत्सवाना, लेसोथो और इस्वातिनी शामिल हैं, और यह दुनिया का सबसे पुराना कस्टम्स यूनियन है। यह एक सदी से भी ज्यादा पुराना है। मर्कोसुर लैटिन अमेरिका में एक ट्रेडिंग ब्लॉक है, जिसमें ब्राजील, अर्जेंटीना, उरुग्वे और पैराग्वे शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि हम यूरेशिया (EAEU) के साथ काम कर रहे हैं, जिसने हाल ही बातचीत शुरू की है। हम इजराइल के साथ भी बहुत जल्दी बातचीत शुरू करने वाले हैं। भारत और पांच देशों के समूह यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (EAEU) ने समझौते के लिए 20 अगस्त को टर्म्स ऑफ रेफरेंस पर दस्तखत किए। रूस, आर्मेनिया, बेलारूस, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान EAEU के पांच सदस्य देश हैं। भारत ने अब तक सिंगापुर, जापान, कोरिया, मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों के साथ ऐसे समझौते किए हैं।

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