Trump Tariff के बीच ये 4 अमीर देश भारत के लिए करेंगे शून्य आयात शुल्क, 1 अक्टूबर से सस्ती मिलेंगी चॉकलेट- घड़ियां
भारत और यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (India EFTA trade agreement) के बीच व्यापार समझौता 1 अक्टूबर से लागू होगा। नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में इसे औपचारिक रूप से लॉन्च किया जाएगा। इस समझौते के तहत भारत EFTA देशों से आने वाले 80-85% उत्पादों पर आयात शुल्क शून्य करेगा। इसके बदले भारत को 99% वस्तुओं पर शुल्क-मुक्त बाजार (zero tariff India) मिलेगा। कौन-कौन से सामान सस्ते होंगे जानते हैं...

नई दिल्ली। भारत में इस समय ट्रंप टैरिफ (Trump Tariff) की बड़ी चर्चा है। इस बीच कुछ ऐसे भी देश सामने आए हैं जहां भारत के सामानों कोई आयात शुल्क नहीं लगेगा यानी आयात शुल्क शून्य (Tariff Free) होगा। इसके लिए नई दिल्ली के भारत मंडपम में केंद्र सरकार एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है। जिसमें भारत और यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (EFTA) के बीच हुए व्यापार समझौते (TEPA) को औपचारिक रूप से लॉन्च किया जाएगा। यह समझौता 1 अक्टूबर से प्रभावी हो जाएगा।
कार्यक्रम में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, EFTA देशों के वरिष्ठ मंत्री, सरकारी अधिकारी और कई उद्योग जगत के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, “इस आयोजन का मकसद यह भी है कि उद्योग जगत के हितधारक इस समझौते को अच्छी तरह समझें और इसका पूरा लाभ उठा सकें।”
EFTA क्या है?
EFTA एक यूरोपीय आर्थिक समूह है, जिसमें आइसलैंड, स्विट्जरलैंड, नॉर्वे और लिकटेंस्टाइन शामिल हैं। भारत का यह पहला व्यापार समझौता है, जो किसी यूरोपीय देश या समूह के साथ प्रभावी होने जा रहा है।
EFTA समझौते की प्रमुख बातें
भारत EFTA देशों से आने वाले 80-85% उत्पादों पर आयात शुल्क शून्य (Tariff Free) करेगा।
इसके बदले भारत को 99% वस्तुओं पर शुल्क-मुक्त बाजार मिलेगा।
कृषि और डेयरी उत्पादों को दोनों पक्षों ने रियायतों से बाहर रखा है, ताकि किसानों के हित सुरक्षित रहें।
सबसे बड़ा लाभ भारत को निवेश के रूप में मिलेगा। EFTA देशों ने भारत में अगले 10 साल में 50 अरब डॉलर और उसके बाद 5 साल में अतिरिक्त 50 अरब डॉलर निवेश का वादा किया है। यह निवेश भारत में 15 साल में 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करने की उम्मीद रखता है।
स्विट्जरलैंड भारत का सबसे बड़ा साझेदार होगा
चारों EFTA देशों में स्विट्जरलैंड भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने EFTA को 1.97 अरब डॉलर का निर्यात किया, जिसमें से तीन-चौथाई निर्यात स्विट्जरलैंड को गया। वहीं, आयात 22.44 अरब डॉलर का रहा, जिसमें से 97% यानी 21.8 अरब डॉलर का आयात केवल स्विट्जरलैंड से हुआ।
इस प्रकार भारत का EFTA के साथ 120.47 अरब डॉलर का व्यापार घाटा दर्ज किया गया।
समझौते पर हस्ताक्षर
भारत और EFTA के बीच यह समझौता 10 मार्च 2024 को हस्ताक्षरित हुआ था, लेकिन चारों देशों में आंतरिक औपचारिकताओं के चलते इसके लागू होने में देरी हुई। अब यह ऐतिहासिक समझौता 1 अक्टूबर से लागू होने जा रहा है।
स्विस घड़ियां, चॉकलेट होंगे सस्ते
समझौते के तहत, ईएफटीए 15 सालों में भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश करेगा, जिससे भारत में दस लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। वहीं स्विस घड़ियों, चॉकलेट और कटे-पॉलिश किए हुए हीरे जैसे कई उत्पाद पर कम या शून्य शुल्क प्रभावी होगा। जिसकी वजह से ये सामान सस्ते हो जाएंगे।
भारत स्विट्जरलैंड को मौजूदा निर्यात (2018-2023, सोने को छोड़कर) के 94.7 प्रतिशत के लिए बेहतर बाजार पहुंच प्रदान करता है। इनमें दवा उत्पादन, मशीनरी, ऑप्टिकल उपकरण, घड़ियां और प्रसंस्कृत कृषि उत्पाद शामिल हैं।
यह भी पढ़ें: भारत पर नजर गड़ाए बैठे थे ट्रंप, उधर अमेरिका के नाक के नीचे रूस और चीन ने कर डाली गैस पाइप लाइन की बड़ी डील
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।