2030 तक भारत का हाउसिंग सेक्टर 350 अरब डॉलर का होगा, फर्नीचर-सिक्योरिटी से पेंट तक बढ़ेगा बाजार
भारत का रियल एस्टेट और हाउसिंग सेक्टर (housing market growth India) आने वाले वर्षों में बड़ा बदलाव देखने वाला है। डेलाइट की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक तेजी से बढ़ते शहरीकरण लोगों की बढ़ती आय और सरकार की नीतियों से साल 2030 तक देश का आवासीय निर्माण उद्योग 350 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। इससे पेंट फर्नीचर से सजावट तक के सामानों की इंडस्ट्री में ग्रोथ होगी।

नई दिल्ली| भारत का रियल एस्टेट और हाउसिंग सेक्टर (housing market growth India) आने वाले वर्षों में बड़ा बदलाव देखने वाला है। डेलाइट की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, तेजी से बढ़ते शहरीकरण, लोगों की बढ़ती आय और सरकार की नीतियों से साल 2030 तक देश का आवासीय निर्माण उद्योग 350 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। यह आंकड़ा दिखाता है कि आने वाले समय में घर बनाने और उससे जुड़े उद्योगों की मांग कितनी तेज़ होगी।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत का निर्माण और भवन निर्माण सामग्री उद्योग एक बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। सिर्फ भवन निर्माण सामग्री का बाजार ही वित्त वर्ष 2025 के 105 अरब डॉलर से बढ़कर 2030 में 166 अरब डॉलर हो जाएगा। इसमें हर साल करीब 9.6% की ग्रोथ देखने को मिलेगी।
ब्रांडेड उत्पादों की बढ़ेगी हिस्सेदारी
बुनियादी ढांचे के विकास से जुड़ी इंडस्ट्री भी तेज़ी से आगे बढ़ रही है। विद्युत उद्योग का बाजार आकार 2030 तक 18.5 अरब डॉलर तक (India Electric Sector 2030) पहुंच सकता है। खास बात यह है कि इसमें ब्रांडेड उत्पादों की हिस्सेदारी 2023 के 76% से बढ़कर 2027 तक 82% हो जाएगी।
दोगुना होगा फर्नीचर का बाजार
घर के अंदर की सजावट और फर्नीचर का बाजार भी दोगुना होने की ओर है। मौजूदा 38 अरब डॉलर से बढ़कर 2030 तक 62 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। घरेलू सुरक्षा से जुड़े उपकरण जैसे स्मार्ट लॉक, डोरबेल कैमरे, मोशन सेंसर और सिक्योरिटी कैमरों की डिमांड भी लगातार बढ़ रही है। यह बाजार 18% की वार्षिक दर से बढ़ते हुए 2030 तक 4.4 अरब डॉलर का हो जाएगा।
पेंट और केमिकल इंडस्ट्री में तेजी
पेंट और केमिकल इंडस्ट्री भी पीछे नहीं है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि यह सेक्टर 2030 तक 15.3 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। इसके पीछे मुख्य वजह है आवास क्षेत्र में तेजी, इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश और लोगों की लाइफस्टाइल में सुधार।
यानी साफ है कि अगले 5 से 7 साल में भारत का हाउसिंग और उससे जुड़े उद्योग निवेशकों और ग्राहकों दोनों के लिए बड़े मौके लेकर आने वाले हैं। खासकर तब, जब भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश है।
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