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    विदेशी मुद्रा भंडार में 5.17 अरब डॉलर का उछाल, सोने का भंडार भी 1.58 अरब डॉलर बढ़ा

    Updated: Fri, 13 Jun 2025 08:34 PM (IST)

    भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 696.65 अरब डॉलर हो गया है। इससे पहले 30 मई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 1.23 अरब डालर घटकर 691.485 अरब डालर रहा गया था। आरबीआई के जारी डेटा के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार में एफसीए की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी होती है।

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    6 जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियों यानी FCA में 3.47 अरब डालर की बढ़ोतरी हुई है।

    नई दिल्ली। बीते सप्ताह देश के विदेशी मुद्रा में 5.17 अरब डालर की बढ़ोतरी हुई है। आरबीआई (RBI) की ओर से शुक्रवार को जारी डाटा के अनुसार, छह जून को समाप्त सप्ताह में कुल विदेशी मुद्रा भंडार (foreign exchange reserves) बढ़कर 696.65 अरब डालर रहा है। इससे पहले 30 मई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 1.23 अरब डालर घटकर 691.485 अरब डालर रहा गया था। सितंबर 2024 में कुल विदेशी मुद्रा भंडार 704.885 अरब डालर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।

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    रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के डेटा के मुताबिक, छह जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियों यानी FCA (Foreign Currency Assets) में 3.47 अरब डालर की बढ़ोतरी हुई है। इस बढ़ोतरी के साथ कुल एफसीए बढ़कर 587.68 अरब डालर हो गया है। विदेशी मुद्रा भंडार में एफसीए की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी होती है।

    सोने का भंडार 1.58 अरब डॉलर बढ़ा

    इधर, सोने के भंडार में भी बढ़ोतरी हुई है। इसे लेकर RBI ने बताया है कि इस हफ्ते सोने के भंडार में भी बढ़ोतरी हुई। सोना 1.58 अरब डॉलर बढ़कर 85.88 अरब डॉलर हो गया। RBI ने कहा है कि स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDR) में भी 102 मिलियन डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। यह बढ़कर 18.67 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF में भारत की स्थिति 14 मिलियन डॉलर बढ़कर 4.4 अरब डॉलर हो गई है।

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    भारत की अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत

    यह बढ़ोतरी भारत की अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है। विदेशी मुद्रा भंडार किसी देश की आर्थिक ताकत का महत्वपूर्ण पैमाना है, जो आयात खर्च, विदेशी कर्ज चुकाने और मुद्रा स्थिरता को बनाए रखने में मदद करता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि भंडार में यह वृद्धि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच भारत की स्थिति को और मजबूत करेगी।

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    आगे क्या?

    एक्सपर्ट्स का कहना है कि विदेशी मुद्रा भंडार में यह बढ़ोतरी भारतीय रुपए को स्थिर रखने और वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति को मजबूत करने में सहायक होगी। साथ ही, सोने के भंडार में वृद्धि से भारत की आर्थिक सुरक्षा और बढ़ेगी। यह खबर निवेशकों और आम जनता के लिए सकारात्मक संदेश लेकर आई है, जो देश की आर्थिक प्रगति में विश्वास को और मजबूत करती है।