Gaming Bill: नए बिल के बाद BGMI, फ्री फायर और COD का क्या होगा? जानें ई-स्पोर्ट्स और मनी गेम्स के बीच फर्क
भारत सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग के प्रमोशन और रेगुलेशन बिल 2025 को (online gaming law) संसद में पास कर दिया है। इस कानून के तहत ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को बढ़ावा दिया जाएगा जबकि ऑनलाइन मनी गेम्स पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी जिससे सट्टेबाजी पर लगाम लगेगी। सरकार ने गेमिंग को तीन श्रेणियों में बांटा है जिसमें ई-स्पोर्ट्स सोशल गेम्स और मनी गेम्स शामिल हैं।

नई दिल्ली। भारत सरकार ने संसद में "ऑनलाइन गेमिंग के प्रमोशन और (gaming bill) रेगुलेशन बिल 2025" पेश किया और विपक्ष के विरोध के बावजूद इसे पास कर दिया। इस कानून के अनुसार, ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को बढ़ावा दिया जाएगा, जबकि ऑनलाइन मनी गेम्स (India gaming regulations) पर पूरी तरह रोक लगाई जाएगी। यानी अब कोई भी व्यक्ति खेलों के जरिए ऑनलाइन सट्टेबाजी नहीं कर पाएगा।
सरकार ने गेमिंग को तीन श्रेणियों में बाँटा
1. ई-स्पोर्ट्स (E-Sports)
इसमें शतरंज, बैटल रॉयल या स्किल बेस्ड गेम्स आते हैं। जीत-हार खिलाड़ी की कौशल और अनुभव पर निर्भर करती है। कई बार इसमें इनामी राशि भी मिल सकती है।
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2. ऑनलाइन सोशल गेम (Online Social Game)
ये ऐसे गेम हैं जिनसे बच्चे या यूज़र्स मनोरंजन और सीखने के लिए खेलते हैं। कभी-कभी सब्सक्रिप्शन या इन-ऐप परचेज करनी पड़ती है, लेकिन यहां पैसा जीतने का लालच नहीं होता।
3. ऑनलाइन मनी गेम (Online Money Game)
इस कैटेगरी में वे गेम आते हैं जिनमें पहले पैसे लगाकर खेलने की शर्त होती है और खिलाड़ियों को यह उम्मीद दी जाती है कि वे ज्यादा पैसे जीत सकते हैं। बार-बार खेलने पर ज्यादा कमाई का लालच दिखाया जाता है। इसे सरकार ने सट्टेबाजी जैसा खेल माना है।
BGMI, Free Fire और GTA का क्या होगा?
BGMI और Free Fire
Battlegrounds Mobile India (BGMI) और Free Fire दोनों बैटल रॉयल गेम्स हैं। यहां खिलाड़ी वर्चुअल मैप पर उतरते हैं और अंत तक टिकने वाला खिलाड़ी विजेता बनता है। इसमें असली पैसे लगाकर पैसा जीतने का सिस्टम नहीं है।
कॉल ऑफ ड्यूटी (COD)
कॉल ऑफ ड्यूटी फस्ट परर्सन शूटर (एफपीएस) वीडियो गेम सीरीज है। यह अपने गजब के बैटल के लिए जाना जाता है, जो कि मिलिट्री जैसे एनवायरमेंट में होता है, तथा इसमें सिंगल-प्लेयर कैंपेन और मल्टीप्लेयर मोड दोनों शामिल होते हैं। सीरीज का विस्तार कई जेनर को शामिल करने के लिए किया गया है, जैसे कॉल ऑफ ड्यूटी: वारज़ोन के साथ बैटल रॉयल।
इसलिए जानकारों के अनुसार ये गेम्स ई-स्पोर्ट्स कैटेगरी में रखे जाएंगे, न कि मनी गेम्स में।
गेमिंग इंडस्ट्री का आकार
एक अनुमान के मुताबिक, भारत में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री का सालाना बाजार करीब 31,000 करोड़ रुपये का है। यह सेक्टर हर साल लगभग 20,000 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में जमा कर रहा है। करीब 2 लाख से ज्यादा लोग इस उद्योग से जुड़े हुए हैं। साल 2020 में भारत में गेमर्स की संख्या लगभग 36 करोड़ थी, जो 2024 में बढ़कर 50 करोड़ हो चुकी है।
वैश्विक स्तर पर गेमिंग इंडस्ट्री 2030 तक 66,000 करोड़ रुपये के स्तर तक पहुंचने का अनुमान है। भारत की ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट 32% सालाना है, जो दुनिया की औसत ग्रोथ रेट से ढाई गुना ज्यादा है।
आसान भाषा में कहें तो ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को सरकार बढ़ावा देगी, लेकिन मनी गेम्स (जहां पैसा लगाकर ज्यादा पैसा जीतने का लालच दिया जाता है) अब पूरी तरह बैन होंगे। PUBG, Free Fire और GTA जैसे गेम्स खेलना जारी रहेगा क्योंकि ये मनी गेम्स की कैटेगरी में नहीं आते।
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