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    कब और क्यों H1B वीजा की हुई शुरुआत, क्यों होता रहा है इस पर विवाद; प्यू रिसर्च से जानिए जवाब

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 06:00 PM (IST)

    अमेरिका ने H-1B Visa में बड़ा बदलाव किया है जिसके तहत अब 88 लाख रुपये की एनुअल फीस देनी होगी। 1990 में शुरू हुआ यह वीजा अत्यधिक विशिष्ट ज्ञान वाले विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति देता है। एच-1बी वीजा पर नौकरी की प्रतिस्पर्धा और वेतन में कमी को लेकर विवाद होते रहे हैं। प्यू रिसर्च के अनुसार 2024 में लगभग 400000 एच-1बी आवेदन स्वीकृत किए गए थे।

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    कब और किस लिए H1B वीजा की हुई शुरुआत, क्यों होता रहा इस पर विवाद; प्यू रिसर्च से जानिए जवाब

    नई दिल्ली। अमेरिका ने H-1B वीजा को लेकर बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव के तहत अब इस वीजा के लिए 1 लाख डॉलर यानी 88 लाख रुपये (h1b visa fees) की एनुअल फीस देनी होगी। बढ़ी हुई फीस ने एच-1बी वीजा के इतिहास पर बहस छेड़ दी है। कब शुरू हुआ H1B वीजा, क्यों हुई शुरुआत, क्यों होता रहा है इस पर विवाद। इन सब सवालों के जवाब हम प्यू रिसर्च से जानेंगे। आइए एक-एक करके सभी सवालों के जवाब जानेंगे।

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    क्या है H-1B वीजा और कब हुई थी इसकी शुरुआत?

    एच-1बी कार्यक्रम 1990 के आव्रजन अधिनियम द्वारा बनाया गया था। यह अमेरिकी नियोक्ताओं को उन नौकरियों में अस्थायी आधार पर विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति देता है जिनके लिए अत्यधिक विशिष्ट ज्ञान और संबंधित विशेषज्ञता में कम से कम स्नातक की डिग्री या इसके समकक्ष की आवश्यकता होती है।

    यह भी पढ़ें- आमदनी अठन्नी, H-1B Visa का खर्चा ₹88 लाख; US में नौकरी करने पर कौन भरेगा एंट्री फीस? कंपनी या कर्मचारी

    उदाहरण से अगर इसे समझने की कोशिश करें तो मान लीजिए अमन नाम का एक लड़का IIT Bombay से बीटेक किया और उसे अमेजन ने 1 करोड़ का ऑफर दिया। यह ऑफर अमेरिका में आकर नौकरी करने का था। ऐसे में अमेरिका जाने के लिए अमन को एच-1बी वीजा चाहिए होगा।  अमन को उसकी कंपनी Amazon H-1B वीजा दिलाने में मदद करेगी

    क्यों होता रहा है H-1B वीजा पर विवाद

    एच1बी वीजा नौकरी की प्रतिस्पर्धा, वेतन में कमी और आउटसोर्सिंग कंपनियों द्वारा अमेरिकी कर्मचारियों की जगह सस्ते विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने के दुरुपयोग की चिंताओं के कारण विवादों को जन्म देता रहा है। आलोचक वीजा धारकों के लिए शोषण के जोखिम और ग्रीन कार्ड के लंबित मामलों पर ज़ोर देते हैं, जबकि समर्थक आर्थिक योगदान और नवाचार पर जोर देते हैं। कम वीजा सीमा और आव्रजन संबंधी बहस तनाव को और बढ़ा रही है, जिससे सुधारों पर ध्रुवीकृत विचार सामने आ रहे हैं। समय-समय पर अमेरिका सरकार इसे सख्त करती रहती है। यही कारण है कि इस पर हमेशा विवाद होता रहता है।

    आलोचकों ने चेतावनी दी है कि ट्रंप का 1,00,000 डॉलर का एच-1बी वीजा शुल्क अमेरिकी अर्थव्यवस्था और तकनीकी क्षेत्र को नुकसान पहुँचाएगा और कुशल पेशेवरों को दूर भगाएगा। ट्रंप प्रशासन ने कहा कि 1,00,000 डॉलर का शुल्क यह सुनिश्चित करने के लिए लगाया गया है कि देश में लाए जा रहे लोग "वास्तव में अत्यधिक कुशल" हों और अमेरिकी कामगारों की जगह न लें।

    साल दर साल कैसे बढ़ी और घटी H-1B वीजा की संख्या?

    प्यू रिसर्च के अनुसार 2024 में उच्च-कुशल विदेशी कर्मचारियों के लिए लगभग 400,000 H-1B आवेदन स्वीकृत किए गए। यह वित्त वर्ष 2000 में स्वीकृत आवेदनों की संख्या के दोगुने से भी अधिक है। स्वीकृतियों की संख्या 2022 में चरम पर थी, जब 442,425 आवेदन स्वीकृत किए गए थे।

    2013 से, हर साल अधिकांश स्वीकृतियां रोजगार नवीनीकरण के लिए आवेदनों की रही हैं। 2024 में, स्वीकृत आवेदनों में से 65%, यानी 258,196, नवीनीकरण के लिए थे। शेष 35%, यानी 141,207, प्रारंभिक रोजगार के लिए नए आवेदन थे।

    सोर्स- www.pewresearch.org

    2022 में H-1B आवेदनों के अस्वीकार होने की दर घटकर 2% रह गई – जो 2009 के बाद से सबसे कम है। ट्रंप के पहले प्रशासन के दौरान, वित्त वर्ष 2018 में अस्वीकृति दर 15% के शिखर पर पहुँच गई थी। इसमें शुरुआती रोजगार के लिए 24% नए आवेदन और निरंतर रोजगार के लिए नवीनीकरण आवेदनों का 12% शामिल था। ट्रंप प्रशासन ने "विशेष व्यवसायों" की परिभाषा को कड़ा करने और H-1B कर्मचारियों की तृतीय-पक्ष नियुक्तियों को सीमित करने सहित, कड़े आव्रजन नियम लागू किए।

    अमेरिकियों का H-1B वीजा पर क्या है कहना?

    लगभग 40% अमेरिकी वयस्कों का मानना है कि कानूनी आव्रजन के लिए उच्च-कुशल श्रमिकों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसके अलावा, अगस्त 2024 में प्यू रिसर्च सेंटर के एक सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 60% मतदाताओं का कहना है कि कानूनी अप्रवासी उन नौकरियों को भरते हैं जिन्हें अमेरिकी नागरिक नहीं चाहते।

    किस कंपनी में है सबसे ज्यादा H-1B वीजा धारक

    अमेजन 2020 से हर साल सबसे ज्यादा एच-1बी कर्मचारियों को मंजूरी देने वाला नियोक्ता रहा है। अमेजन को वित्त वर्ष 2023 में 11,000 से  अधिक एच-1बी मंजूरियाँ मिलीं। यह उस वर्ष मंज़ूर किए गए सभी एच-1बी आवेदनों का 3% है।

    कई अन्य शीर्ष नियोक्ता सूचना प्रौद्योगिकी और व्यावसायिक सेवाएँ प्रदान करते हैं, जिनमें कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस, इंफोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और गूगल शामिल हैं।

    सोर्स- https://www.pewresearch.org/ नोट- यह डेटा 2023 तक का है।

    2023 में, शीर्ष 10 एच-1बी नियोक्ताओं में से तीन का मुख्यालय या तो भारत में था (इंफोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) या भारत में स्थित थे और अब उनका मुख्यालय अमेरिका में है (कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस)। यह 2016 की तुलना में गिरावट है, जब शीर्ष 10 कंपनियों में से छह का भारत से संबंध था।

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