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    आमदनी अठन्नी, H-1B Visa का खर्चा ₹88 लाख; US में नौकरी करने पर कौन भरेगा एंट्री फीस? कंपनी या कर्मचारी

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 04:08 PM (IST)

    H-1B visa fees 2025 डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा (h1b visa) के नए नियमों पर हस्ताक्षर किए हैं। अब एच-1बी वीजा धारकों को सालाना 1 लाख डॉलर की फीस देनी होगी। अगर वे समय पर अमेरिका नहीं पहुंचे तो उन्हें एंट्री नहीं मिलेगी। सवाल यह है कि आखिर यह फीस कौन भरेगा। आइए जानते हैं।

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    H-1B Visa का खर्चा ₹88 लाख; US में नौकरी करने पर कौन भरेगा एंट्री फीस? कंपनी या कर्मचारी

    नई दिल्ली। H-1B Visa fees: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज यानी 20 सितंबर को एच-1बी वीजा के नए नियमों पर हस्ताक्षर किए। अब से एच-1बी वीजा धारक (h1b visa fees 2025) को सालाना 1 लाख डॉलर की फीस देनी होगी। इस समय वर्तमान में जो एच-1बी वीजाधारक हैं उन्हें 21 घंटे के अंदर अमेरिका पहुंचना भी है।

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    अगर वह लेट हो जाते हैं तो अमेरिका में एंट्री नहीं मिलेगी। एंट्री लेने के लिए 1 लाख डॉलर यानी करीब 88 लाख रुपये (h1b visa fees) का भुगतान करना होगा। अब सवाल यह है कि इस वीजा की फीस कौन भरेगा। कर्मचारी या फिर कंपनी। आइए इसका जवाब जानते हैं।

    कौन भरेगा H-1B Visa की 88 लाख रुपये की फीस?

    वर्तमान वीजा धारकों सहित एच-1बी कर्मचारियों को रविवार से अमेरिका में प्रवेश से वंचित कर दिया जाएगा। अगर उन्हें अमेरिका में एंट्री लेनी है तो उनकी कंपनी को एक लाख डॉलर की फीस जमा करनी होगी। यानी यह पैसा कर्मचारी को नहीं बल्कि कंपनी को जमा करना पड़ेगा।

    जब तक कंपनी कर्मचारी के लिए 100,000 अमेरिकी डॉलर (88 लाख रुपये से अधिक) का वार्षिक शुल्क का भुगतान नहीं करेगी उसे यूएस में एंट्री नहीं दी जाएगी। लेकिन छोटी कंपनियां अपने कर्मचारी से ही H-1B वीजा ये फीस (h1b visa fee) भरवा सकती हैं। बड़ी कंपनियां तो फीस भर देती हैं। लेकिन छोटी कंपनियां इससे किनारा भी कर सकती हैं।

    कब तक लागू रहेगा H-1B Visa का 88 लाख वाला नियम?

    एच-1बी वीजा (h1b visa news) का यह प्रतिबंध 12 महीनों के लिए वैध रहेगा, लेकिन संघीय आव्रजन एजेंसियों की सिफारिश पर इसे बढ़ाया जा सकता है। विस्तार से उन विदेशी नागरिकों पर प्रतिबंध लागू रहेगा जिनके लिए वित्त वर्ष 2027 के एच-1बी वीजा कैप याचिका को मंजूरी मिल गई है।

    ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि वह कंपनियों से एच-1बी वर्कर वीजा (trump h1b visa) के लिए प्रति वर्ष 1,00,000 अमेरिकी डॉलर (current h1b visa fees) का भुगतान करने को कहेगा, जिसके कारण कुछ बड़ी टेक कंपनियों ने वीज़ा धारकों को अमेरिका में ही रहने या तुरंत वापस लौटने की चेतावनी दी है। एच1बी कार्यक्रम के "व्यवस्थित दुरुपयोग" को रोकने के लिए इस भारी-भरकम वार्षिक शुल्क की घोषणा की गई थी।

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