गरीब नहीं, खूब कमाई करती हैं बीड़ी कंपनियां, सिगरेट को देती हैं टक्कर; देखें भारत की टॉप बीड़ी कंपनियों की लिस्ट
GST Rate Cut होने से बहुत सी चीजें सस्ती मिलने लगेंगी। इन्हीं सस्ती चीजों में एक चीज बीड़ी भी है। 22 सितंबर से बीड़ी पर 18 फीसदी का जीएसटी लेगगा। पहले यह 28 फीसदी था। वहीं सिगरेट की बात करें तो सिगरेट पर 40 फीसदी का जीएसटी लगेगा। भारत में सिगरेट के अलावा बीड़ी का भी एक बहुत बड़ा मार्केट है। श्याम और पटाखा भारत की टॉप बीड़ी ब्रांड हैं।

नई दिल्ली। GST Reforms के बाद भारत में बीड़ी की खूब चर्चा हो रही है। क्योंकि 3 सितंबर की रात की गई घोषणा के बाद लोग कन्फ्यूजन में थे कि आखिर इस ध्रुमपान प्रोडक्ट पर 40 फीसदी या फिर 18 फीसदी जीएसटी लगेगी। लेकिन 4 सितंबर को वित्त मंत्रालय ने सब क्लियर कर दिया और बताया कि बीड़ी पर 18 फीसदी जीएसटी लगेगी। यानी GST Rate Cut से इसकी कीमत कम होगी। अभी इस पर 28 फीसदी जीएसटी लगती है। 22 सितंबर से 18 फीसदी जीएसटी लगने लगी। वहीं, दूसरी ओर बीड़ी की तरह सिगरेट पर 40 फीसदी जीएसटी लगेगी। बीड़ी और सिगरेट की चर्चा के बीच आज हम आपको भारत की टॉप बीड़ी कंपनियों (india bidi brand) के बारे में बताएंगे और उनके रेवेन्यू के बारे में जानने की कोशिश करेंगे।
सूखे तेंदू के पत्ते में लिपटी और एक पतली डोरी से बंधी, साधारण सी बीड़ी को अक्सर "गरीबों का धुआं" कहा जाता है। लेकिन इसके साधारण मुखौटे के पीछे अरबों का एक बिजनेस छिपा है।
49 लाख मजूदरों को रोजगार देती है बीड़ी उद्योग
लगभग 7.2 करोड़ उपभोक्ताओं और लगभग 49 लाख मजदूरों को रोजगार देने के बावजूद, सिगरेट के विपरीत, बीड़ी उद्योग एक ढीले टैक्स से बच निकलता है, जिससे कंपनियों को बेशुमार दौलत कमाने का मौका मिलता है। नियामकीय और वित्तीय, दोनों ही तरह की इस उपेक्षा ने बीड़ी को सिगरेट का एक किफायती लेकिन खतरनाक विकल्प बना रहने दिया है। इससे निम्न-आय वर्ग के लाखों लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
छोटे पैमाने के बीड़ी उत्पादकों को दी गई छूट ने एक ऐसी छाया अर्थव्यवस्था को जन्म दिया है जहां कुल बीड़ियों का 31 प्रतिशत लगभग 125 अरब बीड़ी सालाना टैक्स से बच जाती हैं। 31 जुलाई, 2024 को ऑनलाइन प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार बीड़ी व्यापार प्रति वर्ष 1.19 ट्रिलियन बीड़ी तक पहुंचता है। भारत का बीड़ी उद्योग आधिकारिक तौर पर स्वीकार की गई संख्या से कहीं अधिक बड़ा है, और लाखों बीड़ी नियामक निगरानी से परे प्रचलन में हैं।
भारत की टॉप बीड़ी कंपनियां
- 502 PATAKA BIDI (502 पटाखा बीड़ी)
- Shyam Bidei (श्याम बीड़ी)
- HOWRAH BIDI (हावड़ा बीड़ी)
- ANAND BIDI (आनंद बीड़ी)
- KISHAN BIDI (किशन बीड़ी)
- TARA BIDI (तारा बीड़ी)
- DESAI BIDI (देसाई बीड़ी)
- BANDAR CHHAP BIDI (बंदरछाप बीड़ी)
- GOVIND BIDI (गोविंद बीड़ी)
- LANGAR BIDI (लंगर बीड़ी)
- SADHOO BIDI (साधू बीड़ी)
- GANESH BIDI (गणेश बीड़ी)
- NUR Bidi (नूर बीड़ी)
सैकड़ों करोड़ का है बीड़ी कंपनियों का टर्नओवर
इनमें से कई बीड़ी कंपनियों का टर्नओवर सैकड़ों करोड़ रुपये का है। श्याम बीड़ी की बात करें तो इसका टर्नओवर 200 से 205 करोड़ रुपये का है। यह ब्रांड करीब 10 हजार लोगों को रोजगार देता है। वहीं, पटाखा बीड़ी का 2023 में अनुमानित कारोबार 1,400 करोड़ रुपये रहा है।
मैंगलोर गणेश बीड़ी वर्क्स, का 2016 तक कारोबार ₹586.20 करोड़ था। देसाई बीड़ी ने वित्त वर्ष 2024 में 6% की वृद्धि देखी गई, जिससे कंपनी का कुल राजस्व ₹1,667.3 करोड़ हो गया।
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