सरकार ने National Turmeric Board का किया गठन, 2030 तक हल्दी के निर्यात को 1 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य
सरकार की योजना 2030 तक हल्दी जैसी जड़ी-बूटियों के निर्यात को 1 बिलियन डॉलर या 8.4 बिलियन रुपये तक बढ़ाने की है। इस निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार ने आज राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की स्थापना की। सरकार चाहती है कि भारत 2030 तक 1 बिलियन डॉलर की हल्दी निर्यात करने में सक्षम हो। पढ़िए क्या है पूरी खबर।

पीटीआई, नई दिल्ली: भारत में मौजूद हल्दी जैसी औषधीय महत्व वाली जड़ी-बूटियों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। सरकार ने 2030 तक ऐसी जड़ी-बूटियों के निर्यात को 1 बिलियन अमरीकी डॉलर या 8,400 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की स्थापना
निर्यात के इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आज केंद्र सराकर ने राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड (National Turmeric Board) की स्थापना की है। सरकार को उम्मीद है कि भारत 2030 तक 1 बिलियन डॉलर का हल्दी निर्यात कर सकता है।
वाणिज्य मंत्रालय के एक बयान में कहा कि
बोर्ड की केंद्रित गतिविधियों के साथ, यह उम्मीद है कि हल्दी निर्यात 2030 तक 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा।
इसके अलावा राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड देश में हल्दी और हल्दी उत्पादों के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा।
तेलंगाना के किसान की मांग हुई पूरी
मीडिया को जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने कहा कि राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड बनाने के निर्णय से तेलंगाना के किसानों की लंबे समय से लंबित मांग पूरी हुई है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बोर्ड न केवल तेलंगाना बल्कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, मिजोरम, असम, गुजरात, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के किसानों की भी मदद करेगा।
वर्तमान में कितना होता है हल्दी का निर्यात?
हल्दी के निर्यात को बढ़ाने के लिए सरकार ने निर्यात को मौजूदा 1,600 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 8,400 करोड़ रुपये या 1 बिलियन अमरीकी डालर प्रति वर्ष (2030 तक) करने की योजना बनाई है।
हल्दी बोर्ड में कौन-कौन होगा?
राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड में एक अध्यक्ष होगा जिसे केंद्र सरकार नियुक्त करेगी। इसके सदस्य आयुष मंत्रालय, केंद्र सरकार के फार्मास्यूटिकल्स, कृषि और किसान कल्याण, वाणिज्य और उद्योग विभाग, तीन राज्यों के वरिष्ठ राज्य सरकार के प्रतिनिधि (रोटेशन के आधार पर), अनुसंधान में शामिल राष्ट्रीय/राज्य संस्थानों, हल्दी किसानों और निर्यातकों के प्रतिनिधियों का चयन करें।
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