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क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का आईपीओ लाने की दिशा में सरकार ने उठाया बड़ा कदम, ड्राफ्ट गाइडलाइंस जारी की

RRBs IPO News in Hindi केंद्र सरकार की ओर से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का आईपीओ लाने के लिए ड्राफ्ट गाइडलाइंस जारी की गई है। इन गाइडलाइंस का पालन करने वाले क्षेत्रीय बैंकों को ही आईपीओ लाने की अनुमति दी जाएगी।

By Abhinav ShalyaEdited By: Published: Sun, 02 Oct 2022 06:18 PM (IST)Updated: Sun, 02 Oct 2022 06:18 PM (IST)
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का आईपीओ लाने की दिशा में सरकार ने उठाया बड़ा कदम, ड्राफ्ट गाइडलाइंस जारी की
Govt issues draft guidelines for listing of RRBs

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केंद्र सरकार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) के आईपीओ लाने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। सरकार ने इसे लेकर दिशा निर्देशों का एक ड्राफ्ट तैयार किया है, जिसमें बताया गया है कि आईपीओ लाने के लिए किसी भी क्षेत्रीय बैंक की नेट वर्थ पिछले 3 सालों में कम से कम 300 करोड़ रुपये होनी चाहिए।

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इसके साथ ही ड्राफ्ट में बताया गया है कि आईपीओ लाने के पिछले 3 सालों में कैपिटल एडिक्वेसी हर साल कम से कम 9 प्रतिशत होनी चाहिए। बता दें, सरकार के इस कदम को क्षेत्रीय बैंकों को सशक्त बनाने के रूप में देखा जा रहा है।

मुनाफा वाले बैंकों को ही मिलेगा आईपीओ लाने का मौका

वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किए गए दिशा-निर्देशों के ड्राफ्ट के मुताबिक, ऐसे क्षेत्रीय बैंक जिन्होंने पिछले पांच सालों के परिचालन में कम से कम तीन साल 15 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग प्रॉफिट कमाया है, उन्हीं बैंकों को आईपीओ लाने की अनुमति दी जाएगी। इसके साथ ही कहा गया है कि पांच में से तीन सालों में बैंक का रिटर्न ऑन इक्विटी 10 प्रतिशत होना चाहिए।

स्पॉन्सर बैंक को निभानी होगी बड़ी भूमिका

ड्राफ्ट किए गए दिशा-निर्देशों में बताया गया है कि क्षेत्रीय बैंक के आईपीओ को लाने की जिम्मेदारी स्पॉन्सर बैंक की होगी। वह आईपीओ से संबंधित सेबी के सभी नियम और आरबीआइ के पूंजी जुटाने के सभी नियमों का क्षेत्रीय बैंकों से पालन करवाएगा। क्षेत्रीय बैंक देश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

क्षेत्रीय बैंकों में हिस्सेदारी

मौजूदा समय में केंद्र सरकार के पास क्षेत्रीय बैंकों में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है। जबकि 35 प्रतिशत स्पॉन्सर बैंक के पास और 15 प्रतिशत राज्य सरकार के पास है। देश में फिलहाल 43 से ज्यादा क्षेत्रीय बैंक हैं, जिन्हें 12 पब्लिक सेक्टर बैंकों की ओर से स्पॉन्सर किया जाता है। इनकी देश के 26 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में 21,856 ब्रांच हैं।

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