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    Go First ने अपनी सभी उड़ानों को 18 अगस्त तक किया रद्द, कहा- परिचालन संबंधी समस्याओं के चलते लिया फैसला

    By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav Shalya
    Updated: Wed, 16 Aug 2023 01:21 PM (IST)

    Go First एयरलाइन की ओर से उड़ानों को 18 अगस्त तक रद्द कर दिया गया है। कंपनी ने कहा कि परिचालन संबंधी समस्याओं के चलते ये फैसला लिया है। गो फर्स्ट एयरलाइन ने आर्थिक संकट के चलते उड़ानों को 3 मई को बंद कर दिया गया था। कंपनी की ओर से तब से लगातार संचालन बंद रखने की तिथि को आगे बढ़ाया जा रहा है।

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    गोफर्स्ट आर्थिक संकट से जूझ रही है।

    नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क। आर्थिक संकट से जूझ रही गो फर्स्ट (Go First) एयरलाइन ने 18 अगस्त तक अपनी उड़ानों को रद्द कर दिया गया है। उड़ानों को रद्द करने के पीछे की वजह परिचालन संबंधी समस्याओं को बताया गया है।

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    कंपनी की ओर से एक नोटिस जारी कर कहा गया कि परिचालन संबंधी समास्याओं के कारण हमने अपनी उड़ानों को 18 अगस्त तक रद्द रखने का फैसला किया है। उड़ानों रद्द होने के कारण हुई असुविधा के लिए हम क्षमा चाहते हैं।

    एयरलाइन को दोबारा शुरू करने की तैयारी

    नोटिस में बताया गया कि कंपनी की ओर से तत्काल समाधान और एयरलाइन के ऑपरेशन दोबारा से शुरू करने को लेकर एक एप्लीकेशन दायर की गई है। जल्द ही उड़ानों को दोबारा से शुरू किया जाएगा।

    डीजीसीए ने परिचालन की सशर्त दी थी अनुमति

    जुलाई के आखिर में डीजीसीए ने बंद पड़ी एयरलाइन गो फर्स्ट को 15 विमानों और 114 दैनिक उड़ानों के संचालन की अनुमति दी थी। साथ ही एयरलाइन से कहा था कि अंतरिम फंडिंग की उपलब्धता और नियामक द्वारा उड़ान कार्यक्रम की मंजूरी के साथ परिचालन शुरू कर सकता है। एयरलाइन के पास करीब 4,200 कर्मचारी हैं और वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी का रेवेन्यू 4,183 करोड़ रुपये था।

    क्यों बंद किया था गो फर्स्ट एयरलाइन ने ऑपरेशन?

    गो फर्स्ट एयरलाइन ने आर्थिक संकट के चलते उड़ानों को 3 मई को बंद कर दिया गया था। कंपनी की ओर से तब से लगातार संचालन बंद रखने की तिथि को आगे बढ़ाया जा रहा है।

    बता दें, इससे पहले 2 मई को गो फर्स्ट ने अपनी उड़ानें रद कर दीं और राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के समक्ष स्वैच्छिक दिवालियापन के लिए याचिका दायर की थी, जिसमें अमेरिका स्थित इंजन निर्माता, प्रैट एंड व्हिटनी की ओर से दायित्वों को तुरंत पूरा करने में असमर्थता के कारण एयरलाइन के घाटे में जाने का आरोप लगाया गया था।