सर्च करे
Home

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    क्या था गौतम अदाणी की जिंदगी का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट, जिसने कॉलेज ड्रॉपआउट को बनाया ₹6 लाख करोड़ का मालिक

    Updated: Wed, 31 Dec 2025 11:11 AM (IST)

    गौतम अदाणी (Gautam Adani Success Story) की सफलता की कहानी में कई महत्वपूर्ण मोड़ आए। 1991 के आर्थिक उदारीकरण ने उनके लिए राहें खोलीं। मुंद्रा पोर्ट का ...और पढ़ें

    Hero Image

    अदाणी के जीवन में कई अहम मौके आए

    नई दिल्ली। हर कामयाब बिजनेसमैन की लाइफ में कोई न कोई मोड़ ऐसा आता है, जो उसे अपार सफलता की तरफ ले जाता है। गौतम अदाणी, जिनकी गिनती भारत के सबसे अमीर लोगों में होती है, की लाइफ में भी एक ऐसा ही मोड़ आया था, जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज उनकी नेटवर्थ करीब 6 लाख करोड़ रुपये है, जबकि वे एक कॉलेज ड्रॉपआउट हैं। क्या था उनकी लाइफ का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट, आइए जानते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    किस वजह से मिली सफलता?

    गौतम अदाणी (Gautam Adani Net Worth) की बिजनेस यात्रा में कई अहम मोड़ आए, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण भारत में हुआ 1991 का आर्थिक उदारीकरण माना जाता है, जिसने प्राइवेट उद्यमों के लिए रास्ते खोले। उसी दौरान 90 के दशक के मध्य में अदाणी ने मुंद्रा पोर्ट को डेवलप करने का फैसला लिया, जिसने उन्हें एक लॉजिस्टिक्स दिग्गज के रूप में स्थापित किया।
    इसके बाद अदाणी ने समय पर पावर और एनर्जी और फिर ग्रीन एनर्जी में कदम रखा, जिससे उनके ग्रुप की नींव भारत के महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में मजबूत हुई।

    मुंद्रा पोर्ट कॉन्ट्रैक्ट से क्या हासिल हुआ?

    अदाणी ने गुजरात सरकार से मुंद्रा पोर्ट को डेवलप करने का कॉन्ट्रैक्ट जीता था, जो उस समय कैपिटल-इंटेंसिव इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में एक साहसिक कदम था। तब प्राइवेट कंपनियाँ हिचकिचा रही थीं। उन्होंने इस पोर्ट को भारत के व्यापार और आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण लोकेशन के रूप में देखा।
    इस प्रोजेक्ट ने एक विशाल दलदली तटरेखा को भारत के सबसे बड़े प्राइवेट पोर्ट और एक प्रमुख लॉजिस्टिक्स हब में बदल दिया। पोर्ट की सफलता ने ग्रुप को पावर जनरेशन (एक प्रमुख कोयला आयातक के रूप में), खाने का तेल बनाने (विल्मर के साथ एक जॉइंट वेंचर के जरिए), और लॉजिस्टिक्स जैसे आस-पास के सेक्टरों में कदम रखने में सक्षम बनाया।

    ये भी था बड़ा टर्निंग पॉइंट

    अदाणी की लाइफ का एक और बड़ा टर्निंग पॉइंट माना जाता है। वे महिंद्रा ब्रदर्स की मुंबई ब्रांच में डायमंड सॉर्टर के तौर पर काम कर रहे थे। यहां वे व्यापार की हर छोटी-बड़ी चीज सीखते और साथ ही बदलते बाजारों पर भी नजर रखते। उन्होंने शहर के सबसे बड़े ज्वेलरी मार्केट, जावेरी बाजार में अपनी खुद की डायमंड ब्रोकरेज शुरू की। यह उनके लिए पहला बड़ा मौका था।
    इसके एक साल बाद उनके बड़े भाई, महासुख अदाणी ने अहमदाबाद में एक प्लास्टिक यूनिट खरीदी और उनसे घर लौटकर फ्रेंचाइजी चलाने का अनुरोध किया। यह भी गौतम अदाणी की जिंदगी का एक टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। पॉलीविनाइल क्लोराइड, जो एक जरूरी इंडस्ट्रियल कच्चा माल है, उसे इम्पोर्ट करने के उनके फैसले ने ग्लोबल ट्रेडिंग मार्केट में उनकी एंट्री कराई।

    ये भी पढ़ें - ₹4 करोड़ की नौकरी छोड़ 50 की उम्र में शुरू किया खुद का बिजनेस, महज 13 साल में बनीं ₹39555 Cr की मालकिन

    बिजनेस से जुड़ी हर जरूरी खबर, मार्केट अपडेट और पर्सनल फाइनेंस टिप्स के लिए फॉलो करें