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    सोशल मीडिया कानून तोड़ना पड़ा भारी, एलन मस्क को EU ने दिया तगड़ा झटका;  X पर ठोका ₹12569520000 का जुर्माना

    Updated: Fri, 05 Dec 2025 07:24 PM (IST)

    यूरोपीय संघ के नियामकों ने एलन मस्क (Elon Musk) के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर डिजिटल नियमों का पालन न करने पर 120 मिलियन यूरो का जुर्माना लगाया ...और पढ़ें

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    सोशल मीडिया कानून तोड़ना पड़ा भारी, एलन मस्क को EU ने दिया तगड़ा झटका; X पर ठोका ₹12569520000 का जुर्माना

    नई दिल्ली। दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क को बड़ा झटका लगा है। यूरोपियन यूनियन के रेगुलेटर्स ने शुक्रवार (5 दिसंबर, 2025) को एलन मस्क के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर ब्लॉक के डिजिटल नियमों का पालन न करने के लिए 120 मिलियन यूरो ($140 मिलियन) का जुर्माना लगाया।

    यूरोपियन कमीशन ने दो साल पहले 27 देशों के ब्लॉक के डिजिटल सर्विसेज एक्ट के तहत X के खिलाफ शुरू की गई जांच के बाद अपना फैसला सुनाया। यूरोपियन कमीशन ने कहा कि X ने ट्रांसपेरेंसी और यूजर प्रोटेक्शन से जुड़े DSA के तीन हिस्सों का उल्लंघन किया है।

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    X ने नियमों का उल्लंघन किया

    एसोसिएटेड प्रेस (AP) की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने पाया कि X का ब्लू टिक सिस्टम "धोखा देने वाले डिजाइन प्रैक्टिस" जैसा था क्योंकि पेड बैज यूजर की पहचान कन्फर्म नहीं करते हैं। 2022 में मस्क के कंपनी संभालने से पहले, इस सिंबल का इस्तेमाल मुख्य रूप से वेरिफाइड पब्लिक हस्तियों के लिए किया जाता था। रेगुलेटरों ने कहा कि मस्क का पेड सिस्टम "यूजर्स के लिए अकाउंट और कंटेंट की सच्चाई का पता लगाना मुश्किल बनाता है"।

    कमीशन ने एलन मस्क के X के ऑनलाइन एडवरटाइजिंग डेटाबेस की भी आलोचना की, और कहा कि डिजाइन फीचर्स और देरी की वजह से रिसर्चर्स और यूजर्स के लिए यह देखना मुश्किल हो जाता है कि विज्ञापनों के लिए किसने पेमेंट किया और वे किसे टारगेट कर रहे थे।

    EU ने आगे कहा कि X ने पब्लिक डेटा तक एक्सेस चाहने वाले रिसर्चर्स के लिए "गैर-जरूरी रुकावटें" खड़ी कीं, जो DSA के तहत एक जरूरत है जिसका मकसद गलत जानकारी और स्कैम जैसे जोखिमों की पहचान करने में मदद करना है।

    जुर्माना खाने वाली X बनी पहली कंपनी

    X पहली ऐसी कंपनी है जिस पर यूरोपियन यूनियन के डिजिटल सर्विसेज एक्ट के तहत जुर्माना लगाया गया है। यह एक बड़ा कानून है जिसका मकसद बड़ी इंटरनेट कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म को मैनिपुलेशन और गैर-कानूनी कंटेंट से बचाने के लिए मजबूर करना है। ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन ने इस पॉलिसी की आलोचना करते हुए इसे फ्री स्पीच और अमेरिकी टेक फर्मों पर हमला बताया है।

    मेटा और टिक टॉक पर अक्टूबर में DSA के ट्रांसपेरेंसी नियमों को तोड़ने का आरोप लगा था, जबकि चीनी ऑनलाइन मार्केटप्लेस टेमू पर गैर-कानूनी प्रोडक्ट्स की बिक्री को रोकने वाले नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगा था।

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