दुनिया के सबसे अमीर इंसान एलन मस्क का भारत में नहीं चला जादू, TESLA EV को भारतीयों ने नहीं दिया भाव
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क की टेस्ला ने भारत में हाल ही में अपनी EV लॉन्च की थी। लेकिन अभी तक कंपनी को सिर्फ 600 कारों का ही ऑर्डर मिला है। एक तरह से यह कह सकते हैं कि भारतीयों को एलन मस्क अपनी EV से लुभा नहीं पाए।

नई दिल्ली। दुनिया के सबसे अमीर इंसान एलन मस्क (World Richest Person) को भारत में बड़ा झटका लगा है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता टेस्ला को जुलाई के मध्य में भारत में बिक्री शुरू करने के बाद से अब तक 600 से कारों का ही ऑर्डर मिला है। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी इस साल भारत में 350 से 500 कारें भेजने की योजना बना रही है, जिनमें से पहली खेप सितंबर की शुरुआत में शंघाई से पहुंचेगी।
इस साल जुलाई में जब एलन मस्क के नेतृत्व वाली इस कंपनी ने मुंबई में अपना पहला स्टोर खोलकर आधिकारिक तौर पर देश में कदम रखा, तो इंटरनेट और मीडिया में टेस्ला को भारतीय सड़कों पर दौड़ते देखने की संभावना को लेकर उत्सुकता बढ़ गई। इसके बाद, अगले महीने दिल्ली में ब्रांड का दूसरा शोरूम भी खोला गया। लेकिन बुकिंग के जो नतीजे आए हैं उसे देख खुद एलन मस्क बेहद निराश हुए होंगे।
शिपमेंट का आकार टेस्ला को कारों के लिए प्राप्त पूर्ण भुगतान पर आधारित है। साथ ही कंपनी की चार शहरों - मुंबई, दिल्ली, पुणे और गुरुग्राम - जहां इसकी भौतिक उपस्थिति है, के बाहर डिलीवरी करने की क्षमता पर भी आधारित है।
इतने रुपये में लॉन्च हुई थी Tesla EV
एलन मस्क (Elon Musk) के नेतृत्व वाली इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी ने भारत में मॉडल Y को 59.89 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) की शुरुआती कीमत पर लॉन्च किया था। हालांकि, बाजार से मिली प्रतिक्रिया को "बेहद निराशाजनक" ही कहा जा सकता है।
टेस्ला ने शुरू में इस साल अपने 2,500 कारों के वार्षिक कोटे को पूरा करने की योजना बनाई थी। अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ मस्क के सार्वजनिक मतभेद, अमेरिका-भारत के तनावपूर्ण संबंध, भारी आयात शुल्क और भारत के अत्यधिक मूल्य-संवेदनशील बाजार जैसे कारकों ने कंपनी के लिए देश के उभरते इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में प्रवेश को जटिल बना दिया है।
वैश्विक कारखानों में अतिरिक्त क्षमता और घटती बिक्री का सामना करते हुए, टेस्ला ने शुल्कों और लेवी के बावजूद, भारत में आयातित वाहन बेचने की रणनीति अपनाई है। तीसरी तिमाही से डिलीवरी शुरू होने का अनुमान है, और वाहन निर्माता घरेलू कार बाजार के एक विशिष्ट क्षेत्र को लक्षित कर रहा है, जहां कुल बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी केवल 4% है।
कार इंपोर्ट पर भारी ड्यूटी
भारत में टेस्ला ईवी को सिर्फ अब तक 600 बुकिंग ही मिली हैं। इसके पीछे का जो बड़ा कारण है वो है ड्यूटी। क्योंकि अभी ये कारे इंपोर्ट की जा रही है। इंपोर्ट ड्यूटी 70 से 100 फीसदी तक लगती है। 40,000 डॉलर (सीआईएफ मूल्य) से कम कीमत वाली गाड़ियों पर 70% आयात शुल्क लगता है, जबकि इससे अधिक की कीमत वाली गाड़ियों पर 100% शुल्क लगता है।
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