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    EPFO Pension Rule: अगर किसी व्यक्ति की दो पत्नियां, तो किसे मिलेगी फैमिली पेंशन? क्या कहता है ईपीएफओ नियम

    Updated: Fri, 05 Dec 2025 02:23 PM (IST)

    EPFO family pension rules 2025: अगर किसी ईपीएफओ सदस्य की दो पत्नियां हों तो फैमिली पेंशन किसे मिलेगी? यह सवाल आम लोगों में काफी कन्फ्यूजन पैदा करता है ...और पढ़ें

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    EPFO Pension Rule: अगर किसी व्यक्ति की दो पत्नियां, तो किसे मिलेगी फैमिली पेंशन? क्या कहता है ईपीएफओ नियम

    EPFO family pension rules 2025:क्या आपने कभी सोचा है कि अगर किसी ईपीएफओ सदस्य की दो पत्नियां हों तो फैमिली पेंशन (EPFO pension for two wives India) किसे मिलेगी? यह सवाल आम लोगों में काफी कन्फ्यूजन पैदा करता है। कई बार परिवार में झगड़े भी इसी बात पर होते हैं कि पेंशन किसे मिलेगी और किसे नहीं। लेकिन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के नियम इस मामले को काफी साफ-सुथरे तरीके से समझाते हैं। आइए जानते हैं ईपीएफओ का नियम क्या कहता है?

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    EPFO के मुताबिक, फैमिली पेंशन तभी दी जाती है जब सदस्य की दूसरी शादी कानूनी रूप से वैध हो। यानी अगर दूसरी पत्नी का विवाह कानून के दायरे में हुआ है, तभी वह पेंशन पाने की हकदार मानी जाएगी।

    दोनों पत्नियों में किसे मिलेगी पेंशन?

    अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर दोनों पत्नियों में पेंशन (who gets family pension if two wives) किसे मिलेगी? दरअसल, EPFO का स्पष्ट नियम है कि ऐसी स्थिति में फैमिली पेंशन सबसे पहले उस पत्नी को मिलेगी, जिसकी शादी पहले हुई थी, यानी पेंशन पहली पत्नी को मिलेगी।

    यह भी पढ़ें- EPFO Rule: मैं ऐसी कंपनी में काम करता हूं, जहां PF एक्ट लागू नहीं होता; तो क्या मैं EPF का सदस्य बन सकता हूं?

    'सीनियर पत्नी' को मिलेगी पेंशन

    इसे और सरल भाषा में समझें तो अगर किसी व्यक्ति की दो कानूनी पत्नी हैं, यानी दोनों ही शादियां कानून के तहत मान्य हैं, तो फैमिली पेंशन सबसे पहले उस पत्नी को दी जाती है जिसकी शादी सबसे पहले हुई हो। मतलब, पेंशन का अधिकार सीनियर पत्नी () को मिलता है। यहां 'सीनियर' का मतलब उम्र से नहीं, बल्कि शादी की तारीख से होता है।

    दूसरी पत्नी को कब मिलेगी पेंशन?

    अब बड़ा सवाल यह भी है कि आखिर दूसरी पत्नी को कब पेंशन मिलेगी? तो इसे लेकर EPFO का नियम साफ है कि पहली पत्नी के निधन के बाद ही दूसरी पत्नी को फैमिली पेंशन का अधिकार मिलता है। यानी, अगर दोनों शादियां वैध हैं, तो पेंशन एक ही समय में दोनों को नहीं दी जा सकती। पेंशन क्रमिक रूप से मिलती है- पहले पहली पत्नी को, फिर उसके बाद दूसरी पत्नी को।

    यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि पेंशन वितरण में विवाद न हो और सरकारी रिकॉर्ड के हिसाब से भुगतान साफ-सुथरे तरीके से हो सके।

    शादी वैध नहीं तो पेंशन भी नहीं

    ध्यान देने वाली बात यह भी है कि अगर दूसरी शादी वैध नहीं है, यानी कानूनन मान्य नहीं है, तो दूसरी पत्नी को फैमिली पेंशन का कोई अधिकार नहीं बनता। ऐसी स्थिति में पेंशन सीधे पहली पत्नी को ही मिलेगी और उसकी मृत्यु के बाद भी दूसरी पत्नी को इसका लाभ नहीं मिलेगा।

    कई मामलों में परिवार न सिर्फ भावनात्मक तनाव से गुजरता है बल्कि पेंशन जैसे मुद्दों पर स्पष्ट जानकारी न होने से कानूनी उलझनों में भी फंस जाता है। इसलिए सरकार ने नियम बिल्कुल स्पष्ट कर रखे हैं। वैधता, विवाह की तारीख और उत्तराधिकार के क्रम के आधार पर पेंशन तय होती है।

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    SOURCE- EPFO

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