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    EPFO Rule: मैं ऐसी कंपनी में काम करता हूं, जहां PF एक्ट लागू नहीं होता; तो क्या मैं EPF का सदस्य बन सकता हूं?

    Updated: Thu, 27 Nov 2025 03:53 PM (IST)

    EPFO Rule 2025: अगर आप किसी ऐसी कंपनी में नौकरी करते हैं जहां पीएफ एक्ट (PF Act) लागू नहीं होता, तो आपके मन में यह सवाल जरूर उठता होगा कि क्या मैं खुद से EPF का सदस्य बन सकता हूं? इसे लेकर ईपीएफओ का नियम क्या कहता है? पढ़ें पूरी खबर। 

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    EPFO Rule: मैं ऐसी कंपनी में काम करता हूं, जहां PF एक्ट लागू नहीं होता; तो क्या मैं EPF का सदस्य बन सकता हूं?

    EPFO Rule 2025: अगर आप किसी ऐसी कंपनी में नौकरी करते हैं जहां पीएफ एक्ट (PF Act) लागू नहीं होता, तो आपके मन में यह सवाल जरूर उठता होगा कि क्या मैं खुद से EPF का सदस्य बन सकता हूं? इसे लेकर ईपीएफओ (EPFO Rule) का नियम क्या कहता है? तो इसका सीधा और साफ जवाब है- नहीं। जब तक आपकी कंपनी पर पीए एक्ट लागू नहीं होगा, तब तक आप ईपीएफ के सदस्य नहीं बन सकते।

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    ईपीएफ (EPF) यानी एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड भारत में कर्मचारियों की रिटायरमेंट सेविंग के लिए बनाया गया एक अहम स्कीम है। लेकिन इसकी एक शर्त है- यह तभी लागू होता है, जब कंपनी में कम से कम 20 कर्मचारी काम करते हों या सरकार उस कंपनी को एक्ट के दायरे में लाए।

    कर्मचारी खुद से मेंबर बनने का हक नहीं रखता

    इसलिए अगर आपकी कंपनी पीएफ एक्ट के तहत रजिस्टर्ड नहीं है, तो कर्मचारी खुद से पीएफ अकाउंट खुलवाने या ईपीएफ में मेंबर बनने का हक नहीं रखता। नियम के मुताबिक, ईपीएफ में सदस्यता तभी मिलती है जब पूरा प्रतिष्ठान PF एक्ट के दायरे में आए।

    कई कर्मचारी सोचते हैं कि वे व्यक्तिगत तौर पर पीएफ में अपना हिस्सा जमा करके भविष्य की बचत शुरू कर सकते हैं। लेकिन ईपीएफ सिस्टम ऐसा नहीं है। इसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का योगदान जरूरी होता है। क्योंकि पीएफ पूरे संस्थान पर लागू होता है, न कि किसी एक कर्मचारी की इच्छा से।

    अगर कंपनी PF एक्ट के दायरे में आ जाती है या नई हायरिंग के बाद संख्या 20 पार हो जाती है, तभी नियोक्ता को सभी योग्य कर्मचारियों को पीएफ से जोड़ना अनिवार्य होता है। उसी समय आप EPF खाते के लिए पात्र बनते हैं।

    कर्मचारियों के लिए यह समझना जरूरी है कि PF कोई वैकल्पिक स्कीम नहीं है, बल्कि एक कानून के तहत लागू होने वाली सोशल सेक्योरिटी सुविधा है। इसलिए EPF से जुड़ने के लिए कंपनी का इस कानून में रजिस्टर्ड होना पहली और जरूरी शर्त है। इसलिए अगर आप PF का लाभ चाहते हैं, तो नौकरी चुनते समय यह जरूर देखें कि कंपनी PF एक्ट के दायरे में आती है या नहीं।

    यह भी पढ़ें- गलत वजह बताकर पीएफ निकाला तो होगा तगड़ा एक्शन, EPFO ने दे डाली ऐसी चेतावनी; कब-कब निकाल सकते हैं पैसा?

    कंपनी में 20 से कम स्टाफ, तो क्या तब भी मिलेगा PF?

    अगर आपकी कंपनी में 20 से कम कर्मचारी भी (EPF applicability below 20 employees) हैं, तो आप EPF से जुड़ सकते हैं। अब सवाल है- आखिर कैसे? और ऐसा कौन सा नियम है, जिसके तहत छोटी कंपनियों के कर्मचारी ईपीएफ से जुड़ सकते हैं?

    दरअसल, यह व्यवस्था कानून के सेक्शन 1(4) के तहत आती है, जिसे वॉलंटरी कवरेज कहा जाता है। मतलब, कंपनी छोटी हो या बड़ी-अगर कर्मचारी और नियोक्ता दोनों सहमत हों, तो संस्थान EPF में शामिल हो सकता है। इस बदलाव से लाखों कर्मचारियों को सुरक्षित रिटायरमेंट फंड बनाने का मौका मिलेगा।

    EPF से जुड़ने के लिए कर्मचारी खुद कर सकते हैं पहल

    ईपीएफ से जुड़ने के लिए कर्मचारी खुद भी पहल कर सकते हैं। अगर कंपनी के ज्यादातर कर्मचारी EPF से जुड़ना चाहते हैं, और मालिक भी तैयार है, तो संस्था ईपीएफओ (EPFO) को आवेदन भेज सकती है। मंजूरी मिलते ही सभी कर्मचारियों को PF नंबर मिल जाता है। इस फैसले से खासकर उन लोगों को फायदा मिलेगा जो छोटी फैक्ट्रियों, गोदामों, सर्विस सेंटर, दुकानों, एजेंसियों, ट्रैवल कंपनियों या 10-15 स्टाफ वाले दफ्तरों में काम करते हैं। अब उन्हें भी बड़ी कंपनियों की तरह EPF की सुविधा मिल सकेगी।

    SOURCE- EPFO

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