Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    EPFO ने नियोक्ताओं को दी बड़ी राहत, कर्मचारियों के वेतन और भत्ते की डिटेल जमा करने की तारीख तीन महीने और बढ़ाई

    By Gaurav KumarEdited By: Gaurav Kumar
    Updated: Sun, 01 Oct 2023 08:00 AM (IST)

    कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईएफपीओ) ने नियोक्ताओं के लिए उन कर्मचारियों के लिए वेतन विवरण जमा करने की समय सीमा तीन महीने के लिए बढ़ा दी है जिन्होंने हायर पेंशन का विकल्प चुना है। पहले यह समय सीमा कल 30 सितंबर तक लागू थी लेकिन अब इसे 31 दिसंबर 2023 तक बढ़ा दिया गया है। पढ़िए क्या है पूरी खबर।

    Hero Image
    EPS-95 के सदस्य होने के दौरान संशोधित योजना के साथ ईपीएस के तहत ऑप्शन चुनने वाले कर्मचारी पात्र हैं।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EFPO) ने नियोक्ताओं (employer) को हायर पेंशन ऑप्शन (Higher Pension Option) का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों के वेतन और भत्ते से जुड़ी डिटेल को जमा करने की आखिरी तारीख को और तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब कब है लास्ट डेट?

    ईपीएफओ ने समय सीमा पहले 30 सिंतबर यानी कल तक ही रखी थी जिसे अब बढ़ा कर 31 दिसंबर 2023 तक कर दिया गया है। श्रम मंत्रालय के एक बयान के अनुसार नियोक्ताओं ने कर्मचारियों के वेतन और भत्ते से जुड़ी डिटेल को जमा करने की आखिरी तारीख को बढ़ाने की मांग की थी।

    नियोक्ताओं का कहना था कि उनके पास 29 सितंबर, 2023 तक अभी 5.52 लाख आवेदन लंबित पड़े हुए हैं। इसके बाद ईपीएफओ बोर्ड चेयरमैन ने समय सीमा को और तीन महीने के लिए बढ़ा दिया।

    ये भी पढ़ें: EPF Account में कैसे बदलें अपना Mobile Number, जानिए क्या है स्टेप बाय स्टेप प्रॉसेस

    क्या है हायर पेंशन का मामला?

    दरअसल वैसे कर्मचारी जो हायर पेंशन स्कीम के तहत पात्र हैं उन्हें ईपीएफओ ने ज्वाइंट ऑप्शन फॉर्म भरने के लिए सिर्फ 6 महीने का समय दिया था जिसके कारण कई कर्मचारी इस फॉर्म को भरने में असमर्थ रहे।

    दरअसल मार्च 1996 में EPS-95 के पैरा 11(3) में एक प्रावधान को जोड़ा गया था जिसमें ईपीएफओ के सदस्य अपने पेंशन कॉन्ट्रीब्यूशन में पूरी सैलरी (बेसिक + महंगाई भत्ता) के 8.33 प्रतिशत तक बढ़ाने की इजाजत दी गई, यानी उन्हें ज्यादा पेंशन पाने का मौका दिया गया।

    इसे मौके को पाने के लिए कर्मचारियों को ज्वाइंट ऑप्शन फॉर्म भरना था लेकिन काफी कर्मचारी 6 महीने में यह फॉर्म नहीं भर पाए थे जिसके बाद कर्मचारी सुप्रीम कोर्ट गए जहां कोर्ट ने उनकी बातों को सुनते हुए फैसला उनके हक में सुनाया और वैसे कर्मचारियों को ज्वाइंट ऑप्शन फॉर्म भरने की इजाजत दी थी।

    कौन से हायर पेंशन के लिए पात्र?

    प्राइवेट नौकरी करने वालों के लिए सरकार ने वर्ष 1995 में एक कानून लेकर आई थी जिसका मकसद निजि क्षेत्र के कर्मचारियों को पेंशन देना था। चूंकी ये कानून वर्ष 1995 में बना इसलिए इसका नाम EPS-95 पड़ा।

    उस वक्त पेंशन फंड में योगदान के लिए अधिकतम वेतन 6,500 रुपये था जिसे बाद में बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया गया। यानी इस रकम का 8.33 फीसदी हिस्सा पेंशन फंड में जाता है।

    ये भी पढ़ें: EPFO E- nomination: ईपीएफ अकाउंट है तो आज ही करें ये जरूरी काम, होगा यह फायदा, जानिए क्या है पूरा प्रोसेस

    इसके बाद साल 2014 में एक और बदलाव कर कर्मचारियों को उनके बेसिक और डीए की कुल राशि 8.33 फीसदी पर पेंशन फंड में योगदान करने की छूट दी गई थी। तो इस हिसाब से हायर पेंशन के लिए वो लोग पात्र हैं जिन्होंने EPS-95 के सदस्य होने के दौरान संशोधित योजना के साथ ईपीएस के तहत ऑप्शन चुना था।