सरकारी नौकरी वालों का PF नहीं GPF कटता है, ये क्या है और कैसे करता है काम? सरकार देती है इतना ब्याज
EPF VS GPF: आजकल, हर नौकरी करने वाले का कुछ पैसा पेंशन के लिए कटता है। प्राइवेट कर्मचारियों का पीएफ कटता है, जबकि सरकारी कर्मचारियों का जीपीएफ कटता है। जीपीएफ सरकारी कर्मचारियों को सैलरी का कुछ हिस्सा जमा करने की सुविधा देता है, जो रिटायरमेंट पर मिलता है। वर्तमान में, जीपीएफ पर ब्याज दर 7.1% है, जबकि ईपीएफ पर 8.25% है।

नई दिल्ली। EPF VS GPF: आज के समय में जो भी नौकरी करता है चाहे प्राइवेट या फिर सरकारी सभी का कुछ न कुछ पैसा पेंशन और रिटायरमेंट के लिए कटता है। अगर आप प्राइवेट कर्मचारी हैं तो यह पैसा आपका पीएफ (PF) के रूप में कटता होगा। लेकिन अगर आप एक सरकार कर्मचारी हैं वो भी 2004 से पहले के तो आपका न तो पीएफ कटता होगा और न ही एनपीएस (NPS) या फिर यूपीएस (UPS) कटता होगा। क्योंकि 2004 के बाद से भर्ती होने वाले कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम को समाप्त कर दिया गया था। और न्यू पेंशन स्कीम पेश की गई थी। वहीं, अब UPS भी ला दिया गया है, जो कुछ हद तक ओल्ड पेंशन स्कीम की ही तरह है।
आज हम आपको पीएफ से इतर सरकारी कर्मचारियों के जीपीएफ (GPF) के बारे में बताएंगे। क्योंकि सरकारी कर्मचारियों का पीएफ की जगह GPF कटता है। आइए इस लेख में जानते हैं कि जीपीएफ किसका कटता है और सरकार इस पर कितना ब्याज देती है और पीएफ से कितना अलग है।
क्या है EPF और GPF?
ईपीएफ और जीपीएफ एक तरह की कर्मचारियों के लिए सेविंग प्लान है। रिटायरमेंट आते-आते इसके जरिए आपके पास एक बड़ा फंड तैयार होता। अगर आप एक प्राइवेट कर्मचारी हैं तो आपका पीएफ कटता है। वहीं, अगर आप 2004 के पहले के सरकारी कर्मचारी हैं तो आपका जीपीएफ कट रहा होगा।
एम्प्लॉयीज प्रोविडेंट फंड एक्ट (EPF) के अनुसार, आपका योगदान आपकी सैलरी और महंगाई भत्ते का 12% तक सीमित है। जबकि आपके एम्प्लॉयर को भी इस 12% योगदान का मिलान करना होता है, इस राशि का 8.33% एम्प्लॉई पेंशन स्कीम में जाता है, और बाकी 3.67% आपके PF अकाउंट में जाता है। PF आपके CTC (कॉस्ट टू कंपनी) का एक हिस्सा है और रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले फायदों को सुनिश्चित करने में मदद करता है।
EPF, यानी एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड, सभी कर्मचारियों के लिए सरकार द्वारा रेगुलेटेड एक खास सेविंग्स प्लान है, जिसमें प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोग भी शामिल हैं। कोई भी ऑर्गनाइजेशन जिसमें 20 या उससे ज्यादा कर्मचारी हैं, वह EPF प्रोग्राम में एनरोल करने के लिए एलिजिबल है। एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) EPF स्कीम के नियमों को रेगुलेट और लागू करता है। यह एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड एंड अदर प्रोविजंस एक्ट 1952 के तहत किया जाता है।
GPF, यानी जनरल प्रोविडेंट फंड, भारत सरकार के तहत काम करने वाले सभी कर्मचारियों के लिए एक खास तरह का प्रोविडेंट फंड अकाउंट है। GPF अकाउंट सरकारी कर्मचारियों को अपनी सैलरी का कुछ परसेंट जनरल प्रोविडेंट फंड में जमा करने की सुविधा देता है। इस प्रोसेस के कारण, नौकरी के दौरान जमा हुई कुल रकम कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय दी जाती है। सर्विस के दौरान कुछ खास जरूरतों के लिए पैसे निकालने का ऑप्शन भी होता है।
कितनी है GPF की ब्याज दर?
जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) पर रिटर्न रेट, या इंटरेस्ट रेट, अक्टूबर से दिसंबर 2025 तिमाही के लिए अभी 7.1% सालाना है। यह रेट सरकार तय करती है और यह उन सरकारी कर्मचारियों पर लागू होता है जो GPF के सब्सक्राइबर हैं। यह इंटरेस्ट रेट कई सालों से 7.1% पर स्थिर है, जिसमें पूरा 2024-2025 फाइनेंशियल ईयर भी शामिल है।
कितनी है EPF की ब्याज दर?
फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) का रिटर्न रेट सरकार द्वारा अप्रूव्ड 8.25% सालाना है। यह रेट 1 अप्रैल, 2024 और 31 मार्च, 2025 के बीच किए गए कंट्रीब्यूशन पर लागू होता है। इंटरेस्ट हर महीने कैलकुलेट किया जाता है और फाइनेंशियल ईयर के आखिर में कुल EPF बैलेंस में जोड़ दिया जाता है।

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