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    'भारत पर 100% टैरिफ लगाओ', सुबह पीएम मोदी को दोस्त बताया और शाम को ट्रंप ने ईयू से कर दी ऐसी अपील; चीन पर भी भड़के

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 07:54 PM (IST)

    डोनाल्ड ट्रंप (Trump Tariffs) ने बुधवार सुबह पीएम मोदी को अपना दोस्त बताया और शाम को दुश्मन की तरह पेश आए। उन्होंने ईयू से भारत पर 100% टैरिफ (EU Trade Restrictions ) लगाने की अपील की है। ट्रंप ने यह मांग उस वक्त की जब उन्होंने वॉशिंगटन में चल रही अमेरिका-यूरोप की बैठक में फोन पर हिस्सा लिया।

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    सुबह पीएम मोदी को दोस्त बताया और शाम को ट्रंप ने ईयू से कर दी ऐसी अपील।

    नई दिल्ली| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीय संघ (EU Trade Restrictions) से भारत और चीन पर 100 फीसदी तक टैरिफ लगाने की मांग की है। इसका मकसद रूस पर आर्थिक दबाव बढ़ाना है ताकि यूक्रेन युद्ध जल्द खत्म हो सके।

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    मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ट्रंप ने यह मांग उस वक्त की जब उन्होंने वॉशिंगटन में चल रही अमेरिका-यूरोप की बैठक में फोन पर हिस्सा लिया। बैठक में वरिष्ठ अधिकारी रूस पर आर्थिक लागत बढ़ाने के नए उपायों पर चर्चा कर रहे थे।

    अमेरिकी अखबार ने एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से लिखा कि, "अगर ईयू भारत और चीन पर टैरिफ लगाता है तो वॉशिंगटन भी वैसा ही कदम उठाने के लिए तैयार है।"

    यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में सोशल मीडिया पर भारत-अमेरिका रिश्तों को सकारात्मक दिशा देने की बात कही थी। दोनों देशों के बीच ट्रेड डील (Trump Tariffs) पर बातचीत जारी है।

    लेकिन हकीकत यह है कि रिश्तों में खटास गहरी हो चुकी है। ट्रंप सरकार ने पहले ही भारतीय सामानों पर टैरिफ को दोगुना कर 50 फीसदी कर दिया है। इसके अलावा रूस से तेल खरीदने पर 25 फीसदी अतिरिक्त शुल्क भी जोड़ा गया है। भारत ने इस फैसले को "अनुचित, अन्यायपूर्ण और बेबुनियाद" बताया है।

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    व्हाइट हाउस के एडवाइजर के तीखे बोल

    व्हाइट हाउस के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने तो भारत को लेकर तीखी भाषा तक का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा है कि,

    "भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के बावजूद अब रूस के लिए तेल रिफाइनिंग हब और मनी लॉन्ड्रोमैट बन चुका है।"

    भारत का पक्ष साफ, तेल खरीद राष्ट्रहित में

    भारत ने हमेशा अपना पक्ष साफ रखा है कि तेल खरीद राष्ट्रीय हित और मार्केट डायनेमिक्स पर आधारित है। रूस से तेल इसलिए खरीदा जा रहा है, क्योंकि वह डिस्काउंट पर मिल रहा है। पश्चिमी देशों ने फरवरी 2022 में यूक्रेन युद्ध के बाद रूस पर प्रतिबंध लगाए थे। इसके बाद भारत ने वहां से तेल खरीदना बढ़ा दिया।

    आंकड़े बताते हैं कि 2019-20 में भारत के कुल तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी महज 1.7% थी। लेकिन 2024-25 में यह बढ़कर 35.1% हो गई। अब रूस भारत का सबसे बड़ा तेल सप्लायर है।

    ट्रंप की यह सख्ती ऐसे वक्त आई है, जब उन्होंने पिछले महीने अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी। इसमें युद्ध खत्म करने के रास्तों पर चर्चा हुई थी।

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