इन 4 कंपनियों के लिए भारत से लड़ाई मोल ले रहे ट्रंप, सामने आई अंदरखाने की बात; अरबों के मुनाफे के लिए छेड़ा टैरिफ वॉर!
Trump Tariffs News अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस समय भारत के खिलाफ एक्शन मोड में हैं। पहले रूस से तेल ना खरीदने की धमकी दी। इंडिय नहीं माना तो 25 फीसदी का टैरिफ लगाया। इसके बाद 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगाया। टैरिफ वार पर आई एसबीआई की रिपोर्ट में बताया गया है कि क्या है इसके पीछे की कहानी।

नई दिल्ली। Trump Tariffs News: भारत पर आज यानी शुक्रवार 8 अगस्त से ट्रंप का टैरिफ लागू हो गया है। आज से भारत के सामानों पर अमेरिका ने 25 फीसदी टैरिफ वसूलना शुरू कर दिया है। भारत पर ट्रंप ने कुल 50 फीसदी का टैरिफ लगाया है। अगला 25 फीसदी टैरिफ 27 अगस्त के बाद लागू होगा। लेकिन ये टैरिफ जंग आखिर छिड़ी ही क्यों? खासकर ट्रंप भारत के ही पीछे क्यों पड़े हैं? इसकी कहानी क्या है? इन सवालों के जवाब टैरिफ को लेकर आई भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट में मिले हैं।
अमेरिका के लिए घातक हो सकता है हिंदुस्तान पर 50 फीसदी टैरिफ
SBI ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि ट्रंप का टैरिफ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर अतिरिक्त 25% के प्रस्ताव के साथ, गुड्स ट्रेड पर 25% जुर्माना लगाना, अमेरिकी नीति और उसकी जनता के लिए एक बुरा नीतिगत निर्णय हो सकता है।
इस रिपोर्ट में 4 सेक्टर ऑयल, एग्री एंड डेयरी और फार्मास्यूटिकल सेक्टर को लेकर प्रकाश डाला गया है। लेकिन हम यहां पर एग्री एंड डेयरी की बात करेंगे। इस रिपोर्ट में 4 ऐसी अमेरिकी कंपनियों के बारे में बताया गया है जो दुनिया की टॉप बड़ी कंपनियों में आती है और डेयरी एंड एग्री प्रोडक्ट बेचकर अरबों का प्रॉफिट कमाती हैं। इन कंपनियों से बनने वाले कुछ ऐसे प्रोडक्ट जिन्हें भारत सरकार अपने यहां बेचने के लिए अलाऊ नहीं कर रही है, उनके लिए ट्रंप हिंदुस्तान का बाजार चाहते हैं।
ये हैं वो चार कंपनियां
- Cargill Inc
- Archer-Daniels
- Bunge Ltd
- Tyson Foods
ये अमेरिका की चार बड़ी फूड डेयरी और एग्री कंपनियां है। जिनका बाजार में बहुत दबदबा है। कारगिल इंक के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा अनाज व्यापारी और संयुक्त राज्य अमेरिका की सबसे बड़ी निजी स्वामित्व वाली कंपनी है। यह अनाज, ताड़ के तेल, पशुधन चारा, स्टार्च, ग्लूकोज सिरप और अन्य कृषि वस्तुओं का उत्पादन, व्यापार, खरीद और वितरण करती है।
इस कंपनी के संस्थापक के वंशज अभी भी कंपनी के लगभग 88% हिस्से के मालिक हैं। और अनुमान है कि फोर्ब्स 400 सूची में लगभग 21 पारिवारिक सदस्य शामिल हैं। यह कंपनी 1987 से ही भारत में व्यापार कर रही है।
Archer-Daniels एक अमेरिकी खाद्य प्रसंस्करण और कमोडिटी ट्रेडिंग कंपनी है। यह दुनिया भर में 270 से अधिक संयंत्रों और 420 फसल खरीद सुविधाओं का संचालन करती है। यह कंपनी कृषि सेवाएं और तिलहन खंड में सोयाबीन जैसे तिलहनों और कपास, सूरजमुखी, कैनोला, रेपसीड और अलसी जैसे नरम बीजों के उत्पादन, विपणन, पेराई और आगे प्रसंस्करण से संबंधित गतिविधियों में शामिल हैं। 2011 से यह कंपनी भारत में धंधा कर रही है।
Bunge Global लिमिटेड एक ग्लोबल एग्री और फूड कंपनी है। इसके पोर्टफोलियो में तिलहन, वनस्पति तेल, प्रोटीन मील, पैकेज्ड और थोक तेल, शॉर्टनिंग, मार्जरीन, मेयोनेज़, गेहूं का आटा और सूखी पिसी हुई मकई के उत्पाद शामिल हैं। 2001 से यह कंपनी भारत में मौजूद है और वित्त वर्ष 2025 तक इसका राजस्व बढ़कर 8900 करोड़ रुपये हो जाएगा।
और चौथी कंपनी Tyson Foods 1935 में बनी थी। यह दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य कंपनियों में से एक है और मांस-आधारित उत्पाद बनाती और बेचती है। दुनिया भर के 100 से अधिक देशों में ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करती है। भारत में यह 2015 से गोदरेज समूह के साथ संयुक्त उद्यम में काम कर रहा है।
भारत पर दबाव बनाना चाह रहे हैं ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप भारत पर दबाव बनाकर अपने अमीर किसानों के लिए भारत का बाजार चाहते हैं। अमेरिका के लिए भारत सबसे बड़ा बाजार है। अधिकतर कंपनियां इसलिए भारत में बिजनेस करना चाहती हैं। ट्रंप ने 25 फीसदी टैरिफ 8 अगस्त से लागू किया है। 25 फीसदी 27 अगस्त के बाद लागू होगा। 25 अगस्त को अमेरिकी वार्ताकार ट्रेड डील के लिए भारत आ रहे हैं। ट्रंप चाहते हैं कि वह भारत पर दबाव डालकर अमेरिकी कृषि और डेयरी प्रोडक्ट्स के लिए भारत का बाजार पा लेंगे। लेकिन हिंदुस्तान ने पहले ही साफ कर दिया है कि वह अपने किसानों के हितों के खिलाफ नहीं जाएगा।
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