ट्रंप के एक्शन का असर, दिसंबर में क्रूड आयात घटकर 12 लाख बैरल प्रतिदिन रहने का अनुमान
भारत का रूस से कच्चे तेल का आयात दिसंबर में घटकर 12 लाख बैरल प्रतिदिन रहने का अनुमान है, जो नवंबर के 18.4 लाख बीपीडी से काफी कम है। यह दिसंबर 2022 के ...और पढ़ें
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ट्रंप के एक्शन का असर, दिसंबर में क्रूड आयात घटकर 12 लाख बैरल प्रतिदिन रहने का अनुमान
नई दिल्ली। दिसंबर में भारत का रूस से कच्चे तेल (Crude Oil) का आयात तेजी से घट सकता है, लेकिन यह गिरावट आपूर्ति स्त्रोतों में किसी संरचनात्मक बदलाव के बजाय अल्पकालिक बाधाओं को दर्शाती है।
ताजा आंकड़ों का विश्लेषण करने वाली कंपनी केप्लर के अनुसार दिसंबर में भारत का रूस से कच्चे तेल का आयात घटकर लगभग 12 लाख बैरल प्रतिदिन (बीपीडी) रहने का अनुमान है, जो नवंबर में 18.4 लाख बीपीडी था।
दिसंबर 2022 के बाद सबसे क्रूड आयात का सबसे निचला स्तर
यह स्तर दिसंबर 2022 के बाद सबसे निचला होगा। भारतीय रिफाइनरी गैर-प्रतिबंधित इकाइयों से रूसी कच्चे तेल की खरीद जारी रखे हुए हैं। विश्लेषकों ने अक्टूबर में ही इस गिरावट की ओर इशारा किया था। ऐसा रूस के शीर्ष निर्यातकों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर अमेरिकी कार्रवाई तथा रूस से जुड़े उत्पाद प्रवाह पर यूरोपीय यूनियन के प्रतिबंधों के चलते हुआ।
केप्लर प्रमुख क्या बोले
केप्लर के प्रमुख शोध विश्लेषक सुमित रिटोलिया ने कहा, "दिसंबर में भारत में रूसी कच्चे तेल की मांग तेजी से सुस्त हुई, और आयात 2022 के बाद सबसे निचले स्तर पर आ गया है।"
उन्होंने आगे कहा कि प्रमुख रिफाइनरी ने रोसनेफ्ट और लुकोइल पर लगे प्रतिबंधों के बाद खरीद घटा दी है। यह एक अल्पावधि का समायोजन लगता है, और जनवरी से नए बिचौलियों के आने तथा सप्लाई चेन के दोबारा स्थापित होने के साथ आयात में धीरे-धीरे सुधार की उम्मीद है।
तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है भारत
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है और वह फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद रूसी कच्चे तेल का सबसे बड़ा खरीदार बन गया था।
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