TCS के बाद Cognizant के कर्मचारियों की मौज, कंपनी ने कर दिया 80% कर्मचारियों के सैलरी इंक्रीमेंट का एलान
आईटी सर्विस कंपनी कॉग्निजेंट (Cognizant Salary Hike 2025) ने घोषणा की है कि 1 नवंबर 2025 से उसके लगभग 80% कर्मचारियों को सैलरी में बढ़ोतरी मिलेगी। यह बढ़ोतरी सीनियर एसोसिएट स्तर तक के कर्मचारियों के लिए होगी और उनकी प्रदर्शन रेटिंग के आधार पर अलग-अलग होगी। भारत में टॉप परफॉर्मर को हाई सिंगल डिजिट में इंक्रीमेंट मिलेगा।

Cognizant Salary Hike 2025: IT सर्विस कंपनी TCS के बाद कॉग्निजेंट (Cognizant) ने गुरुवार को घोषणा की कि उसके लगभग 80 फीसदी पात्र कर्मचारियों को 1 नवंबर, 2025 से सैलरी इंक्रीमेंट मिलेगा। अपनी दूसरी तिमाही की कमाई के दौरान, कंपनी ने 2025 की दूसरी छमाही में ज्यादा कर्मचारियों को योग्यता के आधार पर इंक्रीमेंट देने की योजना बनाई थी।
कॉग्निजेंट के एक प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा कि, "ये बढ़ोतरी सीनियर एसोसिएट स्तर तक और उसमें शामिल, लागू की जाएगी। इन बढ़ोतरी की अमाउंट व्यक्तिगत प्रदर्शन रेटिंग और देश के आधार पर अलग-अलग होगी।" प्रवक्ता ने कहा कि भारत में लगातार टॉप परफॉर्मर को हाई एक अंकों में सैलरी इंक्रीमें मिलेगा।
सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वालों को सबसे ज्यादा इंक्रीमेंट मिलेगा। इस साल की शुरुआत में, कंपनी ने अपने अधिकांश सहयोगियों को तीन सालों में सर्वाधिक बोनस प्रदान किया।
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कॉग्निजेंट के बारे में
कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस के दुनिया भर में 3,36,300 कर्मचारी हैं। ये आईटी सेवाएं, परामर्श और बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग प्रदान करता है।1994 में स्थापित कॉग्निजेंट का मुख्यालय टीनेक, न्यू जर्सी में है और भारत में इसकी महत्वपूर्ण उपस्थिति है। इसका कुल रेवेन्यू 19.7 बिलियन डॉलर (करीब 1,72,476 करोड़ रुपये) है।
TCS सैलरी इंक्रीमेंट 2025
पिछले सप्ताह, भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने भी अपने लगभग 80 प्रतिशत कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी की घोषणा की, जिसमें ज्यादातर मध्यम से लेकर जूनियर लेवल के कर्मचारी शामिल हैं। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब कंपनी इस साल के दौरान लगभग 12,000 कर्मचारियों, यानी अपने कुल कार्यबल के 2% की छंटनी करने की तैयारी कर रही है।
TCS सहित भारत की कई दिग्गज आईटी कंपनियों ने वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में एक अंकों में रेवेन्यू बढ़ोतरी ही हासिल की है। आर्थिक अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनाव के कारण वैश्विक तकनीकी खर्च और ग्राहक निर्णय लेने में मंदी के बीच इसमें गिरावट आई।
आईटी क्षेत्र को चल रहे व्यापार युद्ध और भू-राजनीतिक संघर्षों के कारण वैश्विक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

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