जापान को हल्के में ले रहा चीन? इधर इन आंकड़ों से दिख रही आइलैंड देश की असली ताकत
जापान के प्रधानमंत्री ने ताइवान पर चीनी हमले की स्थिति में (china japan news) सैन्य सहायता की बात कही है, जिससे चीन नाराज है। आर्थिक रूप से, चीन की विकास दर जापान से बेहतर है, लेकिन जापान में महंगाई संतुलित है और बेरोजगारी कम है। चीन का सरकारी ऋण नियंत्रण में है, जबकि जापान का ऋण दुनिया में सबसे अधिक है। चीन के पास विशाल विदेशी मुद्रा भंडार है, जो उसे लंबी लड़ाई के लिए तैयार करता है।

चीन और जापान (china japan news) में से इस वक्त कौन आर्थिक सुपरपावर है।
नई दिल्ली। जापान की नई प्रधानमंत्री सनाए ताकाइची ने संसद में साफ कह दिया है कि अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया तो जापान अपनी सेना भेज सकता है। बस इतना कहते ही बीजिंग भड़क उठा और दोनों देशों के बीच तल्खी चरम पर पहुंच गई। लेकिन सैन्य धमकियों के इस शोर में एक सवाल उठ रहा है कि असली ताकत तो अर्थव्यवस्था में होती है। ऐसे में हम आपको बिना भावनाओं नहीं बल्कि आंकड़ों के हिसाब से बता रहे हैं चीन और जापान (china japan news) में से इस वक्त कौन आर्थिक सुपरपावर है।
1. आर्थिक रफ्तार (GDP ग्रोथ रेट)
चीन की अर्थव्यवस्था 2025 में 4.8% की रफ्तार से दौड़ रही है, जबकि जापान महज़ 1.0% पर सांस ले रहा है। यानी विकास की रेस में चीन-जापान को पीछे छोड़कर बहुत आगे निकल चुका है। इस मामले में विजेता चीन है।
2. महंगाई का खेल (इन्फ्लेशन रेट)
जापान में महंगाई 2.9% है जो कि बिल्कुल संतुलित और स्वस्थ तरीके से चल रही है। वहीं चीन में सिर्फ 0.2% यानी डिफ्लेशन का खतरा मंडरा रहा है, लोग खर्च नहीं कर रहे हैं। महंगाई के मोर्चे पर
जापान आगे होता दिख रहा है।
3. बेरोजगारी की जंग
जापान में बेरोजगारी सिर्फ 2.6% है, जो दुनिया के सबसे कम रेट्स में से एक है। चीन में आधिकारिक आंकड़ा 5.1% दिखता है, लेकिन युवाओं में बेरोजगारी 16.5% तक पहंची हुई है। इसमें जापान आगे है।
4. सरकारी कर्ज और खजाना
चीन का सरकारी कर्ज GDP का 96% है और बजट घाटा 8.6% है जो कंट्रोल में है। जापान का कर्ज GDP का 230% पार कर चुका है जो कि दुनिया में सबसे ज्यादा है। यानी लंबे समय तक लड़ाई करने की ताकत चीन के पास ज्यादा है।
| इंडिकेटर | चीन (2025) | जापान (2025) |
| वास्तविक GDP बढ़ोतरी दर | 4.80% | 1.00% |
| महंगाई दर (CPI) | 0.20% | 2.90% |
| बेरोजगारी दर | 5.1% (युवा: 16.5%) | 2.60% |
| बजट घाटा (GDP के %) | -8.60% | -3.60% |
| सार्वजनिक कर्ज (GDP के %) | 96% | 230% |
| चालू खाता अधिशेष (GDP के %) | लगभग 2.5% | 4.40% |
| विदेशी मुद्रा भंडार | 3.4 ट्रिलियन डॉलर | 1.23 ट्रिलियन डॉलर |
5. विदेशी मुद्रा भंडार और व्यापार बैलेंस
जापान का करंट अकाउंट सरप्लस 4.4% है। यानी हर साल विदेश से कमाई कर रहा है। चीन का सरप्लस सिर्फ 2.5% के आसपास, लेकिन उसके पास दुनिया का सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार करीब 3.4 ट्रिलियन डॉलर है। यानी युद्ध हुआ तो 2-3 साल तक आसानी से लड़ सकता है।
ऐसे में जहां चीन ग्रोथ, कर्ज की ताकत, रिजर्व में आगे है। वहीं महंगाई और बेरोजगारी कम करने में जापान ने महारथ हासिल की है।
चीन के पास पैसा, इंडस्ट्री और रिजर्व ज्यादा हैं ऐसे में वह लंबी लड़ाई लड़ सकता है। जापान के पास अनुशासन, तकनीक और अमेरिकी गठबंधन है लेकिन कर्ज का बोझ भारी पड़ सकता है।
यह भी पढ़ें: दक्षिण चीन सागर में चीनी सेना का शक्ति प्रदर्शन, जापान से बढ़े तनाव के बीच किया गश्त
(सभी आंकड़े IMF, वर्ल्ड बैंक और दोनों देशों के सरकारी डेटा 2025 तक के हैं)

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।