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    रूस से खरीदा तेल तो लगेगा 500 प्रतिशत टैरिफ, US संसद में आ रहा बिल; निशाने पर कौन?

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 01:11 PM (IST)

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने रूस को अलग-थलग करने के लिए नई रणनीति बनाई है। रूस और ईरान से व्यापार करने वाले देशों पर कड़े प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है। अमेरिकी सीनेटरों ने एक बिल पेश किया है, जिसमें रूसी तेल की खरीद पर 500% टैरिफ लगाने का प्रस्ताव है। इस कदम का उद्देश्य यूक्रेन युद्ध को वित्तपोषित करने से रोकना है।

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    ट्रंप की रूस को अलग-थलग करने की रणनीति

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने रूस को अलग-थलग करने के लिए एक नई रणनीति बनाई है। ट्रंप ने चेतावनी दी है कि रूस और इरान के साथ व्यापारिक संबंध रखने वाले देशों को बहुत कड़े प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा।

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    रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि रिपब्लिकन रूस के साथ व्यापार करने वाले किसी भी देश पर बहुत कठोर प्रतिबंध लगाने वाला कानून पारित कर रहे हैं", उन्होंने कहा, "वे इसमें ईरान को भी जोड़ सकते हैं।"

    ट्रंप की रूस को अलग-थलग करने की रणनीति

    ट्रंप प्रशासन पहले ही दुनिया के कुछ सबसे कड़े टैरिफ लगा चुका है, जिसमें भारत पर 50 प्रतिशत शुल्क और रूसी ऊर्जा की खरीद पर 25 प्रतिशत टैरिफ शामिल है।

    अमेरिकी सीनेटर इससे भी कड़े प्रतिबंधों की मांग कर रहे हैं। सीनेटर लिंडसे ग्राहम द्वारा पेश किए गए एक बिल में रूसी तेल की द्वितीयक खरीद और पुनर्विक्रय पर 500 प्रतिशत टैरिफ लगाने का प्रस्ताव है, जिसे सीनेट की विदेश संबंध समिति में समर्थन प्राप्त है।

    रूसी तेल पर 500% टैरिफ का प्रस्ताव

    ग्राहम और सीनेटर रिचर्ड ब्लूमेंथल ने 2025 का रूस प्रतिबंध अधिनियम भी पेश किया है, इस अधिनियम के तहत उन देशों पर दोबारा टैरिफ लगे जाएंगे जो यूक्रेन में पुतिन के बर्बर युद्ध को वित्तपोषित करना जारी रखते हैं”।

    यूक्रेन युद्ध को रोकने का उद्देश्य

    पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस कानून को 85 सीनेटरों का समर्थन प्राप्त है। जुलाई में जारी एक संयुक्त बयान में, सीनेटरों ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी टीम ने एक शक्तिशाली कदम उठाया है, रूस और यूक्रेन के बीच इस युद्ध को खत्म करने के लिए एक नया दृष्टिकोण लागू किया है... हालांकि, इस युद्ध को खत्म करने के लिए अंतिम हथौड़ा चीन, भारत और ब्राजील जैसे देशों के खिलाफ टैरिफ होगा, जो सस्ते रूसी तेल और गैस खरीदकर पुतिन की युद्ध मशीन का समर्थन करते हैं।”