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    चीन की बड़ी रियल एस्टेट कंपनी Evergrande दिवालिया हुई, पांच प्वॉइंट में जानें सबकुछ

    Chinas Real Estate Crisis कोरोना के बाद दुनिया के कई देश आर्थिक मंदी का सामना कर रहे हैं। इनमें चीन भी शामिल है। चीन की दूसरी सबसे रियल एस्टेट कंपनी एवरग्रैंड (Evergrande) भी मंदी की चपेट में आ गया है। कंपनी ने न्यूयॉर्क में दिवालियापन के लिए आवेदन दिया है। आइए इस रिपोर्ट में इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

    By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Fri, 18 Aug 2023 01:59 PM (IST)
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    चीन की बड़ी रियल एस्टेट कंपनी Evergrande दिवालिया हुई

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Evergrande Crisis: चीन अभी आर्थिक मंदी का सामना कर रहा है। इस मंदी का असर चीन की कई कंपनी पर पड़ने लग गया है। चीन की दूसरी रियल एस्टेट कंपनी ने न्यूयॉर्क में दिवालियापर के लिए आवेदन किया है। इस से साफ पता चलता है कि अब वह कंपनी दिवालिया हो गई है।

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    आपको बता दें कि एवरग्रैंड (Evergrande) चीन की दूसरी रियल एस्टेट कंपनी है। यह कंपनी लोन संकट से जूझ रही है। इसके बाद कंपनी ने न्यूयॉर्क में दिवालियापन के लिए आवेदन किया है। आइए, जानते हैं कि एवरग्रैंड कंपनी किस वजह से दिवालिया जैसे संकट से जूझ रही है।

    एवरग्रैंड कंपनी क्यों हुई दिवालिया

    • एवरग्रांड चीन की सबसे बड़ी डेवलपर कंपनी है। 2021 में कंपनी को 300 बिलियन डॉलर से ज्यादा की देनदारी देनी थी। कई अधिकारियों ने रियल एस्टेट सेक्टर पर जांच कड़ी कर दी थी। इसके तरलता संकट ने जल्द ही इसे देश के संपत्ति क्षेत्र के संकट का प्रतीक बना दिया।
    • चीन के प्रॉपर्टी सेक्टर में काफी उथल-पुथल है। कई आवास प्रोजेक्ट कामयाब नहीं हुए हैं। ऐसे में कई घर खरीदारों ने विरोध प्रदर्शन और बंधक बहिष्कार शुरू कर दिया है।
    • एवरग्रांड के दिवालिया की आशंका 2021 से हो गई थी। ऐसे में चीन की अर्थव्यवस्था भी कमजोर होने लग गई थी। न्यूयॉर्क में फाइलिंग में तियानजी होल्डिंग और सीनरी जर्नी  जो कि एवरग्रांड की होल्डिंग कंपनी है। इन कंपनी ने भी अध्याय 15 यानी सुरक्षा के लिए आवेदन दिया है।
    • कई महीनों से एवरग्रांड एक अपतटीय लोन पुनर्गठन समझौते पर काम कर रही है। इस साल की शुरुआत में कंपनी ने एक प्रस्ताव भी जारी किया था। कंपनी ने सहायक कंपनी को एवरग्रांड प्रॉपर्टी सर्विसेज ग्रुप और एवरग्रांड न्यू एनर्जी व्हीकल ग्रुप को शेयर बदलने का भी ऑप्शन दिया है।
    • साल 2021 में पहली बार कंपनी अपने बांड से चूक गई थी। वित्त साल 2021 से 2022 के जुलाई महीने में कंपनी का नेट लॉस 113 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया।