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    90000 करोड़ के हर्जाने पर इस भारतीय को बड़ी राहत, US कोर्ट ने पलटा फैसला, 2 अरब डॉलर से 0 हो चुकी है संपत्ति

    Updated: Wed, 10 Dec 2025 07:06 PM (IST)

    एडटेक कंपनी बायजूस के को-फाउंडर बायजू रवींद्रन के खिलाफ डेलावेयर कोर्ट ने एक डिफॉल्ट फैसले में 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का भुगतान करने का आदेश दि ...और पढ़ें

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    बायजूस के को-फाउंडर बायजू रवींद्रन

    नई दिल्ली। दिवालिया संकट से जूझ रहे एडटेक कंपनी बायजू (BYJU's Bankruptcy) के को-फाउंडर बायजू रवींद्रन को एक बड़ी राहत मिली है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की एक अदालत ने बायजू रवींद्रन के खिलाफ 1 अरब अमेरिकी डॉलर के हर्जाने के फैसले को पलट दिया है। हालांकि, हर्जाना निर्धारित करने के लिए नया चरण जनवरी में शुरू होगा। बायजू का संचालन करने वाली कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापकों की ओर से जारी बयान के मुताबिक, अमेरिका के डेलावेयर में दिवाला मामलों की सुनवाई करने वाली अदालत ने पिछले महीने अपने एक फैसले में रवींद्रन को एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का भुगतान करने का आदेश दिया था।

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    कोर्ट ने क्यों दिया हर्जाने का आदेश

    डेलावेयर कोर्ट ने पिछले महीने एक डिफॉल्ट फैसले में रवींद्रन को 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का भुगतान करने का आदेश यह कहते हुए दिया था कि बायजू रवींद्रन ने 2021 में दिए गए 1.2 बिलियन डॉलर के अमेरिकी टर्म लोन से मिली लगभग आधी राशि का पता लगाने के कानूनी प्रयासों में सहयोग करने से इनकार कर दिया था।

    बायजू रवींद्रन ने बचाव में क्या कहा

    हालांकि, बायजू रवींद्रन ने इसका खंडन करते हुए कहा कि अदालत ने उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए अमेरिकी वकील की व्यवस्था करने हेतु मांगे गए 30 दिन का समय नहीं दिया, इसलिए उन्होंने इस आदेश के विरुद्ध अपील करने का संकल्प लिया था।

    रवींद्रन और उनकी पत्नी पर गंभीर आरोप

    इस साल की शुरुआत में, ग्लास ट्रस्ट सहित बायजू के लेनदारों ने रवींद्रन, उनकी सह-संस्थापक पत्नी दिव्या गोकुलनाथ और एक अन्य सहयोगी अनीता किशोर पर मुकदमा दायर किया और उन पर 533 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण की रकम की "चोरी की साजिश रचने" का आरोप लगाया।

    संस्थापकों ने पहले इन आरोपों को "पूरी तरह से निराधार और असत्य" बताया था और कहा था कि ऋण की पूरी राशि थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (टीएलपीएल) में वापस निवेश की गई थी, जिसने इसका उपयोग उस वर्ष किए गए 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अधिग्रहण के लिए किया था।

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    बता दें कि बायजू रवींद्रन ने व्यक्तिगत रूप से खुद को दिवालिया घोषित नहीं किया है लेकिन उनकी कंपनी के वित्तीय संकट के कारण उनकी व्यक्तिगत संपत्ति शून्य हो गई है। उनकी एडटेक फर्म, बायजूज़ (थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड), वर्तमान में भारत में दिवालियापन की कार्यवाही से गुजर रही है, और इसकी अमेरिकी सहायक कंपनी, बायजूज़ अल्फा ने अमेरिका में चैप्टर 11 दिवालियापन के लिए आवेदन किया है।

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