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कालेधन का खुलासा करने वालों को राहत, 30 सितंबर तक कर सकेंगे भुगतान

जो लोग आइडीएस के तहत काले धन का खुलासा करने वाले को 45 प्रतिशत टैक्स, सैस और पेनॉल्टी की राशि को तीन किश्तों में अगले साल 30 सितंबर तक जमा कर सकेंगे।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 14 Jul 2016 08:07 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jul 2016 09:42 PM (IST)
कालेधन का खुलासा करने वालों को राहत, 30 सितंबर तक कर सकेंगे भुगतान

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली सरकार ने कालेधन का खुलासा करने वालों को बड़ी राहत दी है। जो लोग इनकम डिक्लरेशन स्कीम (आइडीएस) के तहत अपनी काली संपत्ति का खुलासा करेंगे वे उस पर 45 प्रतिशत टैक्स, सैस और पेनॉल्टी की राशि को तीन किश्तों में अगले साल 30 सितंबर तक चुका सकेंगे। पहले ऐसे लोगों को यह पूरी राशि इस साल 30 सितंबर तक ही चुकानी थी लेकिन उद्योग जगत सहित विभिन्न वर्गो की ओर से इस समयसीमा में ढील दिए जाने की मांग के बाद सरकार ने यह छूट दी है।

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वित्त मंत्रालय का कहना है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में हुई बैठकों के दौरान विभिन्न पक्षों ने यह कहा कि आइडीएस के तहत टैक्स, सैस और पेनॉल्टी के भुगतान की मौजूदा समयसीमा 30 नवंबर, 2016 को आगे बढ़ाया जाए। उनका कहना था कि जो लोग कालेधन का खुलासा करेंगे हो सकता कि उनके पास कैश न हो, ऐसे में उन्हें मजबूर होकर सस्ते में अपनी संपत्तियां बेचनी पड़ सकती हैं। इसलिए सरकार को इस समयसीमा को आगे बढ़ाना चाहिए।

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वित्त मंत्रालय ने कहा कि विभिन्न पक्षों को आ रही व्यवहारिक दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कालाधन का खुलासा करने वाले लोगों को टैक्स, सैस और पेनॉल्टी के भुगतान के मामले में छूट देने का फैसला किया है। अब कालाधन का खुलासा करने वाले लोगों को टैक्स, सैस और पेनल्टी की न्यूनतम 25 प्रतिशत राशि का भुगतान 30 नवंबर, 2016 तक करना होगा। वहीं 25 प्रतिशत राशि की दूसरी किश्त 31 मार्च, 2017 और शेष राशि का भुगतान 30 सितम्बर, 2017 को या उससे पहले करना होगा। उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट 2016-17 में देश में छुपे कालेधन को निकालने के लिए आय घोषणा योजना का ऐलान किया था।

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यह योजना एक जून से शुरु हो चुकी है और 30 सितंबर तक चलेगी। इसके तहत कालेधन का खुलासा करने वालों को घोषित की जाने वाली आय पर 45 प्रतिशत टैक्स, सैस और पेनॉल्टी देनी होगी। वित्त मंत्रालय ने इस संबंध में एक स्पष्टीकरण भी दिया है। मंत्रालय का कहना है कि इस योजना के तहत अपने कालेधन का खुलासा करने वाला कोई भी व्यक्ति अपनी काली कमाई के ही एक हिस्से को काले धन के खुलासे पर बनने वाले टैक्स या पेनल्टी के भुगतान के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता।

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मंत्रालय ने इस संबंध में एक उदाहरण देते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति एक करोड़ रुपये के कालेधन का खुलासा करता है तो उस पर 45 लाख रुपये टैक्स, सैस और पेनॉल्टी की राशि बनेगी। ऐसे में अगर वह व्यक्ति अपने कालेधन में से ही 45 लाख रुपये बचाकर रखता है और टैक्स, पेनॉल्टी व सैस का भुगतान कर देता है तो उसे आय घोषणा योजना के तहत नहीं माना जाएगा क्योंकि ऐसा करने पर उस व्यक्ति पर टैक्स, सैस और पेनॉल्टी तीनों को मिलाकर प्रभावी दर 45 प्रतिशत के बजाय 31 प्रतिशत ही रह जाएगी। ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति पर संबंधित कानूनों के तहत मामला चलेगा। मंत्रालय ने साफ किया कि आय घोषणा स्कीम का लाभ लेने के लिए लोगों को पूरे कालेधन का खुलासा करना होगा।

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