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    कंपनियों के लिए Unlucky साबित हो रही भारतीय क्रिकेट टीम की स्पॉन्सरशिप? आधा दर्जन कंपनियों को लग चुकी 'नजर'

    ड्रीम11 (New Team India Jersey Sponsor) ने ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 के बाद बीसीसीआई के साथ अपनी स्पॉन्सरशिप डील रद्द कर दी है। ₹358 करोड़ की यह डील रियल मनी गेमिंग विज्ञापनों पर प्रतिबंध के कारण रद्द हुई। ड्रीम11 सहारा स्टार इंडिया ओप्पो बायजू और पेटीएम जैसे ब्रांड्स की लिस्ट में शामिल हो गया जिन्हें स्पॉन्सरशिप के बाद नुकसान हुआ।

    By Kashid Hussain Edited By: Kashid Hussain Updated: Tue, 26 Aug 2025 05:07 PM (IST)
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    कंपनियों के लिए अनलकी रही टीम इंडिया की जर्सी

    नई दिल्ली। ड्रीम11 BCCI के स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट से बाहर हो गयी है। ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन और रेगुलेशन बिल 2025 (Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025) के भारत में रियल मनी वाले गेमिंग विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने के बाद ड्रीम11 ने अपनी ₹358 करोड़ की डील रद्द कर दी। इसके साथ ही ड्रीम11 उन ब्रांड्स की लंबी लिस्ट में शामिल हो गई है, जिन्हें भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी को स्पॉन्सर करने के बाद फाइनेंशियल नुकसान, रेगुलेटरी दबाव या प्रतिष्ठा संकट का सामना करना पड़ा।

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    इनमें सहारा, स्टार इंडिया, ओप्पो, बायजू, पेटीएम और माइक्रोमैक्स पहले से शामिल हैं। आइए जानते हैं इनमें से किस कंपनी के साथ क्या हुआ।

    ढग गया सहारा का साम्राज्य

    सहारा ने 2001 से 2013 तक भारतीय क्रिकेट टीम को स्पॉन्सर किया, लेकिन बाद में सेबी के रेगुलेटरी एक्शन के कारण यह दिवालिया हो गई। फिर 2014 में सुब्रत रॉय को गिरफ्तार भी कर लिया गया। इसके बाग सहारा ग्रुप कभी वो ऊंचाई नहीं छू पाया।

    स्टार इंडिया की चमक हुई कम

    डिज्नी की ओनरशिप वाली स्टार इंडिया ने सहारा की जगह ली, लेकिन उसे हॉटस्टार के कारण अविश्वास जांच (Antitrust Investigations) और वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ा। स्टार जैसे ब्रांड के लिए भी टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप लकी नहीं रही।

    समय से पहले खत्म हुई Oppo की डील

    चाइनीज स्मार्टफोन ब्रांड ओप्पो ने ₹1,079 करोड़ की डील की थी, लेकिन खराब रिटर्न ऑन इंवेस्टमेंट (आरओआई) का हवाला देते हुए जल्दी ही इसने हाथ खींच लिए। पेटेंट संबंधी मुकदमों ने ओप्पो की मुश्किलें और बढ़ा दीं।

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    डूब गया Byju's का सितारा

    कभी भारत की सबसे बड़ी एडटेक यूनिकॉर्न रही बायजूस बीसीसीआई को 158 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं कर आई। इसे दिवालियापन याचिकाओं, नियामक जांच और बड़े पैमाने पर छंटनी का सामना करना पड़ा।

    पेटीएम और माइक्रोमैक्स

    पेटीएम को भी वित्तीय चुनौतियों और रेगुलेटरी दबाव का सामना करना पड़ा। वहीं माइक्रोमैक्स चाइनीज कॉम्पिटिशन के कारण ध्वस्त हो गई।

    Dream11 हुई कॉन्ट्रैक्ट से बाहर

    आखिर में ड्रीम11 एक समय भारत का सबसे बड़ा फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म था। पर ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 ने रियल मनी वाले गेमिंग विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने के बाद इसे बीसीसीआई के साथ 358 करोड़ रुपये की स्पॉन्सरशिप डील को खत्म करना पड़ा। एशिया कप 2025 से ठीक पहले इसकी जर्सी स्पॉन्सरशिप कानूनी रूप से अव्यवहारिक हो गई है।