रुकने का नाम नहीं ले रही अनिल अंबानी की रिलायंस इन्फ्रा, अब अमेरिकी कंपनी के साथ करार; सेना को देगी MRO सर्विस
Reliance Infra अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्टर ने अमेरिका की प्रमुख डिफेंस कंपनी कोस्टल मैकेनिक्स के साथ हाथ मिलाया है। यह साझेदारी 20000 करोड़ रुपए होगी जो डिफेंस मेंटेनेंस रिपेयर और ओवरहॉल (MRO) मार्केट को टारगेट करेगी। यह खबर आने के बाद माना जा रहा है कि रिलायंस इन्फ्रा के शेयर रॉकेट बन सकते हैं।
नई दिल्ली| अनिल अंबानी के 'अच्छे दिन' शुरू हो गए हैं। जहां उनकी कंपनियां कर्ज मुक्त हो गई हैं, तो वहीं उन्हें डील पर डील मिलनी शुरू हो गई हैं। पिछले दिनों फ्रांस की फाल्कन से हाथ मिलाने के बाद अब रिलायंस इन्फ्रा ने अमेरिका की प्रमुख डिफेंस कंपनी कोस्टल मैकेनिक्स के साथ हाथ मिलाया है। यह साझेदारी 20,000 करोड़ रुपए की है, जो डिफेंस मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल (MRO) मार्केट को टारगेट करेगी।
क्या है और कितनी अहम है ये साझेदारी?
रिलायंस डिफेंस और कोस्टल मैकेनिक्स मिलकर Indian Armed Forces के लिए काम करेंगी। साथ ही, 100 से ज्यादा जगुआर फाइटर जेट, 100 से ज्यादा मिग-29 फाइटर जेट और अपाचे अटैक हेलीकॉप्टरों के बेड़े के लिए MRO और अपग्रेड सेवाएं प्रोवाइड कराएंगी।
इसके अलावा, L-70 एयर डिफेंस गन जैसे पुराने सिस्टमों को भी मॉडर्न बनाने पर काम करेंगी। यह साझेदारी भारत की 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' पहल को मजबूत करेगी, जिससे रिलायंस डिफेंस भारत के टॉप-3 डिफेंस एक्सपोर्टर में शामिल होने की दिशा में बढ़ेगा।
नागपुर के मिहान में बनेगा जॉइंट वेंचर
दोनों कंपनियां महाराष्ट्र में नागपुर के मिहान में एक जॉइंट वेंचर स्थापित करेंगी। यह वेंचर देश की तीनों सेनाओं की जरूरतें को तो पूरा करेगा ही, साथ ही एक्सपोर्ट मार्केट को भी सेवाएं देने में अहम भूमिका निभाएगा।
कोस्टल मैकेनिक्स अमेरिकी सेना और एयरफोर्स को इंपोर्टेंट एक्विपमेंट सप्लाई करती है। इसलिए माना जा रहा है कि दोनों कंपनियों की साझेदारी से 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' पहल और मजबूत होगी।
निवेश का मौका, रॉकेट बनेंगे शेयर?
दोनों कंपनियों के बीच साझेदारी की घोषणा की खबर ने शेयर मार्केट में निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित किया। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में रिलायंस इन्फ्रा के शेयर रॉकेट बन सकते हैं। सोमवार को शेयर मार्केट बंद होने तक रिलायंस इन्फ्रा के शेयर 409 रुपए पर कारोबार कर रहे थे।
जबकि 27 जून 2025 को 52 हफ्ते के हाई लेवल पर पहुंचे थे और शेयर की कीमत 425 रुपए तक पहुंच गई थी। वहीं कंपनी के शेयर 23 जुलाई 2024 को 52 हफ्ते के लो लेवल पर पहुंचे थे और शेयरों की कीमत 169.75 रुपए तक पहुंच गई थी।
पूरी तरह कर्जमुक्त हुई रिलायंस इन्फ्रा
रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के तहत काम करने वाली वाली रिलायंस डिफेंस पूरी तरह कर्जमुक्त हो गई है। कंपनी की नेटवर्थ और सालाना टर्नओवर 33,000 करोड़ रुपए है, जबकि मार्केट कैप 45,000 करोड़ रुपए के करीब पहुंच गया है। कंपनी के 40 लाख से ज्यादा शेयर होल्डर्स हैं, जो यह साझेदारी होने के बाद शेयरों में तेजी ला सकते हैं।
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